CBDT द्वारा CII में वृद्धि से कैपिटल गैन्स टैक्स में राहत

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CBDT द्वारा CII में वृद्धि से कैपिटल गैन्स टैक्स में राहत

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अप्रैल 2024 से प्रभावी CII में वृद्धि की घोषणा की है। यह कदम सरकार के उन उपायों में से एक है जो पूँजीगत लाभ (कैपिटल गैन्स) पर करभार कम करने हेतु उठाए जा रहे हैं।

नया CII और इसका हिसाब‑किताब

पिछले वित्तीय वर्ष में CII 2022‑23 के लिए 317 क्यूँ था। अब CBDT ने इसे 2023‑24 के लिए 348 तक बढ़ा दिया है, जिससे फिक्स्ड डिपॉज़िट, रियल एस्टेट, सोना और शेयर‑बाजार की दीर्घकालिक संपत्तियों पर मिलने वाला इंडेक्सेशन लाभ लगभग 10 % बढ़ गया है। साधारण शब्दों में, जब आप किसी एसेट को खरीदते‑समय और बेचते‑समय के मूल्य को समायोजित करते हैं, तो इस नए CII से आपका मूल‑धन (cost of acquisition) अधिक दिखेगा, जिससे कर लायक लाभ कम हो जाएगा।

कैसे मिलेगा राहत?

कैसे मिलेगा राहत?

1. **रियल एस्टेट:** घर‑जायदाद बेचते समय, नई CII के कारण खरीद मूल्य को अधिक इंडेक्स किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, 2015 में खरीदे 50 लाख रुपये की लैंड को 2024 में 70 लाख में बेचने पर पहले की CII के साथ कर योग्य लाभ लगभग 20 लाख रह जाता था; नई CII से वह लाभ 17‑18 लाख तक घट सकता है।

2. **शेयर‑बाजार:** लंबी अवधि (भंडारण‑काल 1 साल से अधिक) की इक्विटी सर्वेक्षण पर अब भी **इंडेक्सेशन लाभ** नहीं दिया जाता (विनियम 12.5 % LTCG दर के साथ)। लेकिन डिपॉज़िट, म्यूचुअल फंड, बोरॉ‑ऑफ़‑इडन बांड्स पर नया CII सीधे वार्षिक कर‑रहित सीमा से बाहर के लाभ को घटाएगा।

3. **सूरत‑प्रोटोकॉल:** फिक्स्ड डिपॉज़िट की लम्बी अवधि पर, नई CII से ब्याज आय पर कर‑लायक भाग घटेगा, जिससे टैक्स‑स्लैब के उच्च वर्ग में रहने वाले बचत‑खातेदारों को प्रत्यक्ष राहत मिलेगी।

4. **सेक्शन 87ए:** कई करदाता अपने आय‑कर रिटर्न में सेक्शन 87ए के तहत 2.5 लाख रुपये की आय‑पर‑आधारित छूट की मांग करते हैं। नई CII से उनका कुल टैक्सेबल आय घटने से रिफ़ंड या कम टैक्स देनदारियों की संभावना बढ़ती है।

**आगे की सावधानियाँ:** नई CII लागू करने के बाद कर‑डिक्लेरेशन में सही गणना करना जरूरी है। कई टैक्स सॉफ़्टवेयर अभी तक अपडेट नहीं हुए हैं, इसलिए एक्सपर्ट या चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद लेना समझदारी होगी। साथ ही, यदि आप 2024‑25 में एसेट बेचने की योजना बना रहे हैं, तो इससे पहले इन इंडेक्सेशन लाभों को समझकर अपनी बेच‑नीति तय करें।

सार में, CBDT की CII वृद्धि का मकसद छोटे‑बड़े निवेशकों को अपनी कमाई पर कम टैक्स देना है, ताकि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिले और करप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे। इस बदलाव को सही ढंग से उपयोग करने के लिए कर‑पेशेवरों की सलाह लेना और अपने वित्तीय दस्तावेज़ों को व्यवस्थित रखना आवश्यक है।