22 जुलाई, 2024
16 अगस्त, 2024
पिछले हफ़्ते सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने ज़ोरदार चर्चा छेड़ी। वीडियो में 2000‑ऐब तक की संसद की सत्र की क्लिप दिखती है और नीचे एक टेक्स्ट में लिखा था – “Sunny Deol का यह वीडियो है, लेकिन अब इसे Haryanvi स्टार Uttar Kumar ने लिया है।” इस पोस्ट को लाखों ने शेयर किया, लेकिन वास्तव में ये दावा बिलकुल झूठ था।
वास्तविकता यह है कि 6 साल पुराना यह वीडियो 2017‑2018 के बीच संसद में रिकॉर्ड किया गया था, जब Sunny Deol अभी भी फिल्मों में सक्रिय थे और कई बार राजनीतिक मंचों पर अपने विचार रख रहे थे। लेकिन वक्ता का चेहरा स्पष्ट नहीं था, इसलिए कुछ यूज़र ने इसे Uttar Kumar की आवाज़ या लहजे से मिलाकर जोड़ दिया।
फेक‑फैक्ट्स टीमों ने जांच के बाद पाया कि उस क्लिप की आवाज़ पूरी तरह से डब्ड़ नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य समाचार ब्रीफ़िंग का अंश है। Uttar Kumar ने खुद ट्विटर पर यह साफ़ कर दिया कि वह इस वीडियो में नहीं हैं और वह इस तरह की गलत जानकारी को नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल नहीं होने देना चाहते।
ऐसे फर्जी पोस्ट आम तौर पर कुछ प्रमुख चरणों से गुजरते हैं:
जब ये पोस्ट प्लेटफ़ॉर्म के एल्गोरिदम से तेज़ी से फैलती हैं, तो अक्सर तथ्य‑जांच से पहले ही बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँच जाती हैं। यही कारण है कि हम सभी को स्रोतों की जाँच करना जरूरी है।
यह मामला सोशल मीडिया पर जानकारी की जाँच की आवश्यकता पर फिर से प्रकाश डालता है। Sunny Deol जैसी बड़ी हस्ती के नाम को लेकर फर्जी दावे बनाना न केवल उनकी शान को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि दर्शकों में भ्रम भी पैदा करता है। इसलिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते समय सावधानी बरतें, और अगर कुछ संदेहास्पद लगे तो विश्वसनीय समाचार एजेंसियों से पुष्टि करें।