Sunny Deol का 6 साल पुराना संसद वीडियो और उत्तरी कुमार पर झूठे दावे

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Sunny Deol का 6 साल पुराना संसद वीडियो और उत्तरी कुमार पर झूठे दावे

पिछले हफ़्ते सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने ज़ोरदार चर्चा छेड़ी। वीडियो में 2000‑ऐब तक की संसद की सत्र की क्लिप दिखती है और नीचे एक टेक्स्ट में लिखा था – “Sunny Deol का यह वीडियो है, लेकिन अब इसे Haryanvi स्टार Uttar Kumar ने लिया है।” इस पोस्ट को लाखों ने शेयर किया, लेकिन वास्तव में ये दावा बिलकुल झूठ था।

ग़लतफ़हमी का स्रोत क्या था?

वास्तविकता यह है कि 6 साल पुराना यह वीडियो 2017‑2018 के बीच संसद में रिकॉर्ड किया गया था, जब Sunny Deol अभी भी फिल्मों में सक्रिय थे और कई बार राजनीतिक मंचों पर अपने विचार रख रहे थे। लेकिन वक्ता का चेहरा स्पष्ट नहीं था, इसलिए कुछ यूज़र ने इसे Uttar Kumar की आवाज़ या लहजे से मिलाकर जोड़ दिया।

फेक‑फैक्ट्स टीमों ने जांच के बाद पाया कि उस क्लिप की आवाज़ पूरी तरह से डब्ड़ नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य समाचार ब्रीफ़िंग का अंश है। Uttar Kumar ने खुद ट्विटर पर यह साफ़ कर दिया कि वह इस वीडियो में नहीं हैं और वह इस तरह की गलत जानकारी को नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल नहीं होने देना चाहते।

वायरलिटी के पीछे की तंत्र

ऐसे फर्जी पोस्ट आम तौर पर कुछ प्रमुख चरणों से गुजरते हैं:

  • पहले किसी प्रसिद्ध चेहरे (जैसे Sunny Deol) की छोटी‑सी क्लिप ली जाती है।
  • फिर स्थानीय या क्षेत्रीय सेलिब्रिटी (जैसे Uttar Kumar) का नाम जोड़ दिया जाता है, जिससे भावनात्मक जुड़ाव बनता है।
  • अंत में एक आकर्षक कैप्शन लिखी जाती है जो लोगों को शेयर करने पर मजबूर कर देती है।

जब ये पोस्ट प्लेटफ़ॉर्म के एल्गोरिदम से तेज़ी से फैलती हैं, तो अक्सर तथ्य‑जांच से पहले ही बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँच जाती हैं। यही कारण है कि हम सभी को स्रोतों की जाँच करना जरूरी है।

यह मामला सोशल मीडिया पर जानकारी की जाँच की आवश्यकता पर फिर से प्रकाश डालता है। Sunny Deol जैसी बड़ी हस्ती के नाम को लेकर फर्जी दावे बनाना न केवल उनकी शान को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि दर्शकों में भ्रम भी पैदा करता है। इसलिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते समय सावधानी बरतें, और अगर कुछ संदेहास्पद लगे तो विश्वसनीय समाचार एजेंसियों से पुष्टि करें।