उत्तर प्रदेश के बहराइच में दशहरे के अवसर पर दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए पथराव और फायरिंग की घटना ने रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की जान ले ली। इस घटना से आक्रोशित मृतक के परिवार ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया, और न्याय की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए। खबरों के अनुसार, युवक की मौत की खबर से स्थानीय लोग भी उत्तेजित हो गए और यह प्रदर्शन व्यापक हिंसा में बदल गया।
सैकड़ों लोग मृतक के शरीर को लेकर सड़कों पर उतर आए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में लापरवाही बरती है और दोषी लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय सरकारी अस्पताल और एक हीरो होंडा मोटरसाइकिल शोरूम को आग के हवाले कर दिया, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया।
प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग और आँसू गैस का सहारा लिया। इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया ताकि अफवाहें और न फैल सकें। इस बीच, पुलिस ने छह नामजद लोगों समेत कई अनाम लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
गिरफ्तारी अभियान चलाकर पुलिस ने अब तक 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का गंभीर संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
यह घटना राजनीतिक हमलों का भी केंद्र बन गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने राज्य सरकार की तीखी आलोचना की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि पूरे प्रदेश में अव्यवस्था का आलम है।
घटना के बाद प्रशासन का पूरा ध्यान स्थिति को नियंत्रण में लाने और सामान्य स्थिति बहाल करने पर है। उच्चतम स्तर पर हो रही बैठकों में भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की जा रही है ताकि इस तरह की हिंसात्मक घटनाएँ दोबारा ना हो सकें।
जनता में अभी भी भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। प्रशासन सूचित कर रहा है कि सभी आरोपी जल्द ही न्यायिक प्रक्रिया के अधीन होंगे और सभी दोषियों को कानून के तहत सजा मिलेगी।
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