दिल्ली के ज़खीरा अंडरपास में तीव्र बाढ़, वर्मा की धारा पर सवाल

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दिल्ली के ज़खीरा अंडरपास में तीव्र बाढ़, वर्मा की धारा पर सवाल

जब प्रवेश साहब सिंह वर्मा, दिल्ली PWD मंत्री ने जुलाई में ज़खीरा अंडरपास को "जलजमाव‑मुक्त दिल्ली" के रूप में प्रदर्शित किया, तो उम्मीद थी कि बरसात में भी ट्रैफ़िक सुगम रहेगा। लेकिन 30 सेप्टेम्बर 2025 को, नवरात्रि के दौरान दिल्ली‑एनसीआर में तेज़ बौछारों ने वही अंडरपास एक सूखी नदी में बदल दिया, जहाँ जलजमाव के कारण कई वाहन रुके। इंडियन मीटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने पीले चेतावनी जारी की थी, पर बारिश की तीव्रता का अनुमान नहीं लगा पाई। इस अचानक हुई स्थिति ने इतिहासिक मिंटो ब्रिज की यादें ताज़ा कर दीं, जहाँ पहले भी बार‑बार ट्रैफ़िक जाम हो जाता था।

बाढ़ की पृष्ठभूमि और मौसम चेतावनी

आईएमडी ने 28 सेप्टेम्बर को 30 % संभावना के साथ हल्की बारिश की रिपोर्ट दी, पर 30 सेप्टेम्बर को रात 14:30 बजे से शुरू हुई तीव्र बौछारें 108 mm तक पहुँच गईं। इसका तापमान 34 °C तक पहुंचा, जबकि न्यूनतम 28 °C रहा। इस हलचल के बीच, दिल्ली के कई हिस्सों में सब्ज़ी मंडी से निकलते धुएँ की गंध भी घुल‑मिल गई, जिससे मौसम का एहसास और तीखा हो गया।

न्यायिक मौसम कार्यालय ने अगले दो दिनों (1‑2 अक्टूबर) के लिए हल्की बूंदाबांदी का पूर्वानुमान जारी किया, जिससे यह संभावना है कि जल‑निकासी के मौजूदा ढांचे पर आगे भी दबाव बना रहेगा।

ज़खीरा अंडरपास में हुई जलजमाव की घटना

बारिश के तुरंत बाद, अंडरपास के प्रवेश द्वार पर लगभग 10 सेकेंड में पानी का स्तर 30 सेमी तक बढ़ गया। ऑटो‑रिक्शा, स्कूटर और निजी कारें लगभग 5‑मिनट तक आगे बढ़ नहीं पाईं; चालक अक्सर अपने वाहन को रुकने के संकेत के पास रख कर, पानी से भरपूर गड्ढे में डुबकी मारते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे। कुछ तीन‑पहिये वाले (ऑटो‑रिक्शा व टुक‑टुक) ने पानी में धीरज नहीं जताते हुए अपने मोटर को 5 km/h की रफ़्तार से चलाया।

स्थानीय निवासी राकेश सिंह, जो राजपथ के पास रहते हैं, ने कहा: "हम सब यहाँ रुक कर ही प्रार्थना कर रहे थे कि पानी नीचे उतर जाए; लेकिन एक मीटर तक पानी भर गया तो कोई भी आगे नहीं जा सका"। इसी दौरान, पुलिस ने अंडरपास के दो एग्ज़िट को नाजुक पुलों पर जल‑संक्रमण से बचाने के लिये बाधित किया।

सड़क उपयोगकर्ताओं और स्थानीय व्यवसायों की प्रतिक्रिया

ऑटो‑रिक्शा वैंपर गुप्तेश आर्यन ने बताया: "पहले हम लम्बी दूरी तक गाड़ी चलाते थे, अब पानी के कारण हम पूरी रात वेटिंग स्टेशन से बाहर नहीं निकल पाते"। बाजार वाले भी इस स्थिति से नाराज़ थे; कांडी मार्केट के विक्रेता अनीता वर्मा ने कहा: "भारी बारिश के बाद ग्राहकों की भीड़ घट गई, और हमें अपने सामान को सूखा रखने के लिये अतिरिक्त लागत उठानी पड़ी"।

ड्राइविंग स्कूल के प्रशिक्षक राजकुमार चौहान ने कहा: "अंडरपास जैसी प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जलजमाव नहीं होना चाहिए, विशेषकर जब सरकारी अधिकारियों ने इसे ‘जलजमाव‑मुक्त’ कहा हो"।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सवाल: क्या दिल्ली की धारा बदल रही है?

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सवाल: क्या दिल्ली की धारा बदल रही है?

शहर योजना विशेषज्ञ डॉ. अनिल कपूर (दिल्ली विश्वविद्यालय) ने कहा: "ज़खीरा अंडरपास का डिज़ाइन मूल रूप से दो‑स्तरीय नाली प्रणाली पर आधारित था, पर हाल ही में मौसमी परिवर्तन और फसलों के कचरे से भरपूर गंदा जल इससे बाहर निकल नहीं पाया। यह दर्शाता है कि सिर्फ एक‑एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि पूरे जल‑प्रबंधन नेटवर्क में सुधार आवश्यक है"।

वर्मा ने पिछले महीने सामाजिक मीडिया पर अंडरपास की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा था: "पहले जहाँ पानी जमा होता था, अब वह नहीं है। यह दिल्ली का भविष्य है।" लेकिन आज की स्थिति ने इस वादे पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए।

समेकित रूप से, तीन प्रमुख बिंदु उभरे हैं:

  • बाढ़ के दौरान नाली प्रणाली में लीक और अवरुद्ध हिस्से।
  • बारिश‑की‑अभिलाषा की गलत भविष्यवाणी और चेतावनी स्तर।
  • जिन क्षेत्रों में जल‑निकासी की क्षमता पहले से कम थी, उनका तत्काल पुनः मूल्यांकन।

आगामी मौसम का अनुमान और संभावित कदम

आईएमडी ने बताया कि अगले दो हफ्तों में दो‑तीन बार हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिससे जल‑स्तर घटते‑घटते भी फिर से तेज़ी से बढ़ सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निचले स्तर की सड़कों में स्राव प्रणाली को पुनः डिज़ाइन किया जाए, साथ ही जल‑भंडारण तालाबों का विस्तार किया जाए।

दिल्ली के महापौर अरविंद केजरीवाल ने तुरंत एक आपात कार्य समूह बनाने का निर्देश दिया। इस समूह में PWD, जलवायु परिवर्तन बोर्ड, और पर्यावरण विभाग के प्रमुख शामिल हैं, जिसका लक्ष्य अगले 48 घंटों में प्राथमिक जल‑निकासी उपायों का मूल्यांकन करना है।

सार्वजनिक परिवहन कंपनियों ने भी वैकल्पिक मार्गों की सूचना दी है, जबकि दिल्ली एयरपोर्ट पर बर्फ़ीली धुंध की वजह से कई उड़ानों में देरी दर्ज की गई। यह स्पष्ट है कि बाढ़ का असर केवल सड़क तक ही सीमित नहीं, बल्कि हवाई यात्रा और व्यावसायिक गतिविधियों पर भी गहरा प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

मुख्य तथ्य

  • तारीख‑समय: 30 सेप्टेम्बर 2025, दोपहर 14:30‑से‑16:45
  • बारिश की मात्रा: लगभग 108 mm (दिल्ली मेट स्टेशन)
  • प्रभावित क्षेत्र: ज़खीरा अंडरपास, इंडिया गेट, कॉनॉट प्लेस, घाज़ीाबाद
  • संकट के प्रमुख कारण: नाली में अवरुद्ध, अतिप्रवाह, असंगत चेतावनी
  • अधिकृत प्रतिक्रिया: PWD ने अंडरपास को शीघ्रावस्थिति में बंद किया, नागरिक ट्रैफ़िक को वैकल्पिक मार्गों पर निर्देशित किया
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वर्मा ने अंडरपास को ‘जलजमाव‑मुक्त’ कहा था, अब फिर से बाढ़ क्यों?

ज्यादा बारिश, नाली में अपर्याप्त सफ़ाई, और असमान जल‑निकासी नेटवर्क ने अंडरपास को फिर से जल‑जमाव के शिकार बना दिया। अधिकारी अभी भी कारणों की पूरी जांच कर रहे हैं।

क्या इस बाढ़ से दिल्ली के अन्य अंडरवेज़ पर असर पड़ेगा?

हैदराबाद रिपोर्ट के अनुसार, कई प्रमुख अंडरपास (जैसे लीलीण्डर, ज्वालापुरी) में भी पानी जमा होने की चेतावनी है। शहर प्रशासन ने तुरंत निरीक्षण शुरू कर दिया है।

इंडियन मीटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट की चेतावनी क्यों पर्याप्त नहीं रही?

आईएमडी ने पीले स्तर की चेतावनी दी, पर वास्तविक बारिश की तीव्रता अनुमान से काफी अधिक थी। विशेषज्ञ कहते हैं कि भविष्य में अधिक सटीक रेनेसांस मॉडल अपनाना होगा।

सड़क यात्रा और सार्वजनिक परिवहन पर इससे क्या असर हुआ?

ज़खीरा अंडरपास बंद रहने से कई बस और मेट्रो रूटों में देरी हुई। एमटीडी ने वैकल्पिक मार्ग जारी किए, जबकि निजी वाहन चालकों को देर से यात्रा की चेतावनी दी।

भविष्य में ऐसी बाढ़ रोकने के लिए क्या योजना है?

नगर निगम ने जल‑निकासी प्रणाली के आधुनिकीकरण, नालियों की नियमित सफ़ाई, और स्मार्ट सेंसर द्वारा रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग के प्रस्तावित किया है। इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष में 250 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया गया है।

टिप्पणि

Balaji Srinivasan

Balaji Srinivasan

1 अक्तूबर / 2025

Zakhira underpass में बाढ़ की समस्या समझ गया हूँ। इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर को फिर से देखना जरूरी है। उम्मीद है कि अगली बार बेहतर उपाय होंगे।

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