मुंबई के मस्जिद बंदर इलाके में ऊंची इमारत में आग, दो की मौत

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मुंबई के मस्जिद बंदर इलाके में ऊंची इमारत में आग, दो की मौत

मुंबई की मस्जिद बंदर इलाके में लगी भीषण आग

रविवार, 16 फरवरी 2025 की शुरुआती घंटों में मुंबई के मस्जिद बंदर इलाके में स्थित पन्ना अली मेंशन में एक भयंकर आग लग गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हो गए। आग की शुरुआत ग्राउंड फ्लोर पर स्थित बिजली के तारों और मीटर बॉक्स से हुई थी। मुबंई फायर ब्रिगेड को सुबह 6:11 बजे आग की सूचना मिली और उन्होंने तेजी से कार्रवाई करते हुए 6:31 बजे तक आग बुझा दी।

घटनास्थल और हताहत

घटनास्थल और हताहत

इस हादसे में सबीला खातून शेख (42) और सजिया आलम शेख (30) की मौत हो गई। दोनों पहली मंजिल के कॉमन पैसेज में बेहोश मिलीं और उन्हें जे.जे.अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसी के साथ, शाहिन शेख (22) जो छठी मंजिल पर थीं और करीम शेख (20) जिन्होंने आठवीं मंजिल से बचाव का मुकाबला किया, उन्हें धुएं से संबंधित चोटें आईं। दोनों का इलाज जे.जे. और जी.टी. अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

मंबई फायर ब्रिगेड ने इस हादसे में तेज रिस्पॉन्स टीमों को तैनात किया, जिनमें इमरजेंसी वाहन और एम्बुलेंस शामिल थीं। आग लगने के कारणों की जांच जारी है, प्रारंभिक रिपोर्ट्स में बिजली की ट्रिपिंग को हादसे का कारण माना गया है।

यह घटना मुंबई के घनी आबादी वाले इलाकों में ऊंची इमारतों के सुरक्षा मानकों पर सवालिया निशान खड़े करती है। यह हादसा दर्शाता है कि शहर में आग से बचाव के लिए और भी कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक सुरक्षा उपकरणों के उपयोग को अनिवार्य बनाना, जन जागरूकता कार्यक्रमों और इमारतों की समय-समय पर जांच करना बेहद जरूरी है।

टिप्पणि

Sony Lis Saputra

Sony Lis Saputra

16 फ़रवरी / 2025

क्या बताएं, ऐसी आग का कारण बिजली का जुड़ाव अक्सर बर्बादी का कारण बन जाता है?
मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में इमारत की सुरक्षा मानकों की सख्त जांच जरूरी है।
आग की जल्दी पहचान और फायर अलार्म सिस्टम भी तो काम में लाना चाहिए।
जो लोग उच्च मंजिल पर रहते हैं, उन्हें एसेडेंशियल एग्ज़िट की उपलब्धता भी देखनी चाहिए।
समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय NGOs को सहयोग करना चाहिए।
आशा है भविष्य में ऐसी त्रासदी कम हो।

Kirti Sihag

Kirti Sihag

16 फ़रवरी / 2025

दिल दिल दहला देने वाली कहानी, बस आँसू नहीं, आग के धुएँ भी दिल में बसी रही 😭

Vibhuti Pandya

Vibhuti Pandya

16 फ़रवरी / 2025

भाई साहब, पहले तो इमारत की इंस्पेक्शन रेट को बढ़ावा देना चाहिए।
साथ ही इमारती उपकरणों की नियमित सर्विसिंग भी अनिवार्य होनी चाहिए।
संकट के समय में फायर ब्रिगेड की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है।
निवासियों को भी आपातकालीन निकास के बारे में ज्ञान होना आवश्यक है।

Aayushi Tewari

Aayushi Tewari

16 फ़रवरी / 2025

परिस्थिति: पन्ना अली मेंशन में ग्राउंड फ्लोर के विद्युत तारा से आग लगी।
परिणाम: दो मृत, दो घायल।
कार्रवाई: फायर ब्रिगेड ने 20 मिनट में आग बुझा दी।
सिफ़ारिश: नियमित विद्युत निरीक्षण अनिवार्य।

Rin Maeyashiki

Rin Maeyashiki

16 फ़रवरी / 2025

मुंबई की जिंदड़ी गली में एक भीषण आग ने सभी को हिलाकर रख दिया।
पन्ना अली मेंशन की ऊँची इमारत में बिजली के तारों और मीटर बॉक्स से उभरते भयावह धुएँ ने पूरे परिसर को काला कर दिया।
सुबह की हवा में धुआँ इतना घना था कि कुत्ते तक भौंकते हुए परेशान हो गए।
फायरब्रिगेड की सीक्रेट टीम ने तुरंत एलर्ट प्राप्त कर तेज़ी से कदम बढ़ाया।
उनका पहला कदम रिस्क असेसमेंट था, जिससे यह पता चला कि आग मुख्य रूप से ग्राउंड फ्लोर में फंसी हुई थी।
उन्होंने हाइड्रॉब्लास्टर्स और हाई‑प्रेशर वाटर पम्प्स का प्रयोग करके आग को तीव्रता से दमन किया।
इस दौरान दो घरों की छतें धूमिल धुएँ के कारण धुंधली हो गईं, जिससे बचाव कार्य और भी चुनौतीपूर्ण बन गया।
बची हुई जीवित लोग घायल होकर एम्बुलेंस में ले जाए़ गए, और उनके उपचार के लिए विभिन्न अस्पतालों में बेड व्यवस्थित किए गए।
इस हादसे ने हमें याद दिलाया कि इमारती सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हर साल लाखों लोगों की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने भवनों की नियमित जांच कर रहे हैं या नहीं।
यदि हर बिल्डिंग मैनेजर सख्त निरीक्षण को महत्व दे, तो ऐसे हादसे काफी हद तक रोके जा सकते हैं।
साथ ही, इमारत के भीतर जितनी भी विद्युत लाइनें हों, उन्हें सर्वोत्तम मानकों के अनुसार स्थापित करना चाहिए।
इस घटना को देखते हुए, नगरपालिका को फायर ड्रिल्स और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की जरूरत है।
लोगों को आपातकालीन निकास मार्ग और एसेडेंशियल लिफ्ट के बारे में जानकारी देना भी अनिवार्य है।
अंत में, मेरा मानना है कि इस त्रासदी ने हमें सुरक्षित रहने की नई दिशा दिखा दी है, और हमें इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

Paras Printpack

Paras Printpack

16 फ़रवरी / 2025

वाह, फिर से “बिजलीके कारण” वाली कहानी, जैसे हर बार यही बहाना चलता है-यही तो मज़ा है।

yaswanth rajana

yaswanth rajana

16 फ़रवरी / 2025

सभी सम्बंधित पक्षों को यह संकल्प लेना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इमारत की सुरक्षा उपायों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपडेट किया जाना आवश्यक है।
सरकार को निरीक्षण एजेंसियों को सशक्त बनाकर नियमित जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
जो लोग इस आधे-सफेद-धूसर गलती में हिस्सेदार हैं, उन्हें तुरंत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

Roma Bajaj Kohli

Roma Bajaj Kohli

16 फ़रवरी / 2025

देश के विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्तर ही सब कुछ है, परन्तु यदि बेपरवाह सुरक्षा मानकों से घर बनते हैं तो यह प्रगति का व्यर्थ व्याख्यान बन जाता है।

Nitin Thakur

Nitin Thakur

16 फ़रवरी / 2025

बिजली की खराबी से आग लगी फिर क्या बात है ये सब बस फिर से वही पुरानी कहानी है हमेशा कुछ ना कुछ गलत होता रहता है

Arya Prayoga

Arya Prayoga

16 फ़रवरी / 2025

फायर ब्रिगेड की तेज़ प्रतिक्रिया सराहनीय पर इमारत की रखरखाव की कमी बर्दाश्त नहीं।

Vishal Lohar

Vishal Lohar

16 फ़रवरी / 2025

ऐसे अपरदित धुएँ की धुंध में, मानो शहर की रगों में खून का रंग बिखर गया हो-क्या यह आधुनिकता का क़रार है या क़राव?

Vinay Chaurasiya

Vinay Chaurasiya

16 फ़रवरी / 2025

बिजली की त्रुटि-आग-घातक परिणाम; सुरक्षा प्रोटोकॉल को तुरंत सख़्त किया जाए!!!

Selva Rajesh

Selva Rajesh

16 फ़रवरी / 2025

धुआँ जब आसमान से टकराया तो एक गहरी उदासी की लहर हर दिल में उठी, यह केवल आग नहीं, बल्कि एक चिन्ता का संकेत था।

Ajay Kumar

Ajay Kumar

16 फ़रवरी / 2025

हर आग में जलते हुए सपनों की कहानी छिपी होती है; इस बार दो सपने धुंध में घुल गए।

Ravi Atif

Ravi Atif

16 फ़रवरी / 2025

बहुत बढ़िया विश्लेषण था, आपने सब बिंदु पकड़ लिए 😊

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