बदला पुर, ठाणे से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसके कारण शहर में भारी प्रदर्शन हो रहा है। एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में दो केजी की बच्चियों के साथ स्कूल स्वीपर द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। इस जघन्य कृत्य के खिलाफ लोगों का आक्रोश भड़क गया है, जिससे बदला पुर में ट्रेन सेवाएं भी बाधित हो गई हैं।
बच्चियों के माता-पिता और स्थानीय निवासियों ने बदला पुर रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। वे उत्तरदायियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के कारण ट्रेन सेवाओं में बहुत सी कठिनाइयाँ आई हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने अपने गंतव्यों तक पहुँचने के लिए वैकल्पिक मार्ग का सहारा लिया है, जबकि अन्य ने स्टेशन छोड़ने का निर्णय लिया।
इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रधानाचार्य, एक कक्षा शिक्षक और एक महिला सहायक को निलंबित कर दिया है। स्कूल ने अपनी गलती स्वीकार की है और हाउसकीपिंग फर्म को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जिसके अधीन यह स्वीपर काम कर रहा था। साथ ही, स्कूल के प्रांगण में सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि ऐसे किसी अन्य घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।
यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि जब माता-पिता ने पहली बार पुलिस से संपर्क किया था, तो उन्हें उचित रिस्पांस नहीं मिला। लापरवाही के आरोप में पुलिस स्टेशन के प्रभारी को स्थानांतरित कर दिया गया है। अब नए पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में मामले की जांच की जा रही है, और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
सेंट्रल रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर स्वप्निल निला ने इस बात की पुष्टि की है कि इस विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रेन सेवाओं में रुकावट आई है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर आंदोलन किया, जिससे ट्रेनें बाधित हो गईं। रेलवे अधिकारी स्थिति को सामान्य करने के लिए प्रयासरत हैं और जल्द ही सेवाएं पुनः प्रारंभ कराने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय विधायक किसान कठोरे भी इस घटना के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने शोषण के दोषियों के खिलाफ और पुलिस की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कठोरे का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्ती से निपटना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
घटना के विरोध में कई संगठनों ने बदला पुर में बंद का ऐलान किया है। इस बंध के चलते सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। बाजार, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है। प्रदर्शनकारियों का संकल्प है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती और न्याय नहीं होता।
यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है और यह दर्शाती है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए हमें सामूहिक रूप से कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रशासन, समाज और स्कूल प्रबंधन सभी को इस दिशा में मिलकर काम करना होगा।
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