एड शीरन का बेंगलुरु में चौंकाने वाला प्रदर्शन
ब्रिटिश गायक-गीतकार एड शीरन ने बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट पर वास्तव में सभी को अचंभित कर दिया जब उन्होंने फरवरी 2025 में अचानक एक स्ट्रीट परफॉर्मेंस करने का निर्णय लिया। यह घटना तब हुई जब लोग मेट्रो स्टेशन के पास शांति से गुजर रहे थे। मशहूर गायक शीरन ने अपने गिटार के साथ दो माइक सेट किए और अपनी हिट गाना 'शेप ऑफ यू' गाना शुरू किया।
हालांकि, इस अप्रत्याशित प्रदर्शन के पहले ही मिनट में, स्थानीय पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। पुलिस द्वारा उनके स्पीकर को ब्लॉक कर दिया गया, क्योंकि शीरन को इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मिली थी। पुलिस ने इसे सुरक्षा से संबंधित खतरा मानते हुए कदम उठाया क्योंकि अचानक बनी हुई भीड़ से अव्यवस्था फैलने की संभावना थी।

सामाजिक मीडिया में मचा घमासान
घटना के वीडियो ने जल्द ही वायरल हो गए, जहां एक पुलिस अधिकारी शीरन के प्रदर्शन को बीच में रोकते हुए दिखाई दे रहा है। लोगों के बीच इस विषय पर विभाजित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की जबकि कुछ इसे भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक बताया।
सोशल मीडिया पर चुटकुले भी खूब चले कि शायद एड शीरन को कन्नड़ भाषा में गाने की कोशिश करनी चाहिए थी। इस घटना ने बेंगलुरु के अधिकारियों का ध्यान भी आकर्षित किया और उन्होंने संभावना जताई कि शीरन को बिना अनुमति के प्रदर्शन के कारण आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।
ये शीरन की भारत में दूसरी वायरल घटना है। इससे पहले, चेन्नई में उनका एक वीडियो उनका परंपरागत हेड मसाज लेते हुए सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जाता रहा। फिलहाल, शीरन के अगले प्रदर्शन की योजना शिलांग और गुरुग्राम में तैयार की जा रही है।
Krish Solanki
9 फ़रवरी / 2025एड शीरन ने बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट पर अचानक मंच स्थापित किया, जो शहरी ध्वनि परिदृश्य को चुनौती देता है।
उनके गिटार की धुनें तेज़ी से भीड़ के बीच घुंघराई, जिससे लोगों की दैनिक रूटीन में असामान्य नाट्य उत्पन्न हुआ।
पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्पीकर को ब्लॉक कर दिया, यह दावा करते हुए कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिये आवश्यक था।
यह कार्रवाई दर्शकों में दोधारी तलवार जैसी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर गई, कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन कहा।
अन्य पक्ष ने इस कदम को अव्यवस्था रोकने और ट्रैफ़िक जाम से बचने के लिये सराहनीय माना।
शहर की कानूनी ढाँचे में बिना अनुमति के सार्वजनिक प्रदर्शन पर कड़ी पाबंदियां मौजूद हैं, जिनका उल्लंघन शीरन ने किया।
हालांकि, कलाकारों के लिए इस तरह की इम्प्रोवाइज़ेशन अक्सर वैधता के नए मानक स्थापित कर देती है।
बेंगलुरु में इस घटना ने सोशल मीडिया पर ज्वलंत बहस को प्रज्वलित किया, जहाँ वीडियो तेज़ी से वायरल हो गया।
कई इंटरनेट उपयोगकर्ता ने इस सार्वजनिक कला को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया।
विपरीत रूप में, कुछ ने इसे विदेशी सॉफ्ट पावर के प्रयोग के रूप में आंकते हुए प्रश्न उठाए।
शहर की संस्कृति में ब्रिटिश पॉप संगीत का प्रवेश हमेशा ही मिश्रित प्रतिक्रिया करता रहा है।
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिये स्पष्ट नीतियाँ बनाने के लिये प्रेरित किया।
पुलिस का त्वरित हस्तक्षेप दर्शाता है कि सतत सार्वजनिक सुरक्षा और कलाकारों की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बंटा हुआ है।
यदि शीरन को आधिकारिक अनुमति से पूर्व प्रदर्शन की अनुमति दी जाती, तो यह सम्भवतः भारी भीड़ को आकर्षित कर सकता था।
अंततः, इस स्थिति ने यह सिद्ध किया कि सार्वजनिक स्थान पर संगीत प्रदर्शन एक जटिल सामाजिक प्रयोग है।
भविष्य में, कलाकारों को अग्रिम अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी, ताकि अनावश्यक टकराव से बचा जा सके।
इस सबक को देखते हुए, बेंगलुरु की राजनिकाय को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये एक सहज आवेदन प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए।