7 अक्तूबर, 2024
17 जून, 2024
21 मई, 2024
आंध्र प्रदेश में 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों के परिणामों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडु, जना सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण और बीजेपी के मिले-जुले प्रयासों ने राज्य में एक नए राजनैतिक अध्याय की शुरुआत की है। इस गठबंधन ने ना केवल विधानसभा की सीटें जीती हैं बल्कि लोकसभा की सभी सीटों पर भी बढ़त बनाकर अपनी धाक जमाई है। चुनाव आयोग द्वारा बताए गए रुझानों के अनुसार, टीडीपी 69 सीटों पर, जना सेना पार्टी 13 सीटों पर और बीजेपी 5 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को विजई बनाने में सफल रही है।
राज्य में बहुमत हासिल करने के लिए एक मजबूत गठबंधन की आवश्यकता थी, जिसे टीडीपी, जना सेना और बीजेपी ने मिलकर पूरा किया। इसी गठबंधन ने YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) को पीछे छोड़ते हुए एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 2019 के चुनावों में भारी बहुमत से जीतने वाली YSRCP केवल 3 सीटों पर सिमट कर रह गई है। यह साफ दर्शाता है कि जनता में YSRCP सरकार के प्रति असंतोष का भारी असर पड़ा और इसके विपरीत नई उम्मीदें इस गठबंधन के प्रति बनीं।
इस बार के चुनावों में खासकर युवाओं और पिछड़े वर्गों का समर्थन टीडीपी-जना सेना-बीजेपी गठबंधन को बड़ी मात्रा में मिला। टीडीपी ने 'जॉब रावलीट बाबू रावली' के नारे के साथ युवा वर्ग में अपनी जगह बनाई। इसका शाब्दिक अर्थ है 'नौकरी चाहिए तो बाबू (चंद्रबाबू नायडु) चाहिए’। राज्य में रोजगार और औद्योगिक विकास के वादों ने युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है।
इसके अलावा, कपु समुदाय के समर्थन ने भी इस गठबंधन को मजबूती दी है। पवन कल्याण, जो कपूर समुदाय के एक महत्वपूर्ण नेता हैं, ने इस वर्ग की आवाज को प्रमुखता से उठाया। इस बार चुनावों में कपु समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों ने निर्णायक भूमिका निभाई, जिसका परिणाम साफ-साफ नजर आ रहा है।
आंध्र प्रदेश में एक ही दिन में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव हुए, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। 13 मई को राज्य में कुल 175 विधानसभा सीटों और 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था सुनिश्चित की, ताकि वोटों की गिनती में किसी प्रकार की बाधा ना आए। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बार की चुनाव व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि नवीनतम तकनीक और संसाधनों का उपयोग किया गया है, ताकि मतगणना प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके।
नई उमीदों और विकास के वादों ने YSRCP की सरकार को असफल करार दिया है। YSRCP के नेता जगन मोहन रेड्डी की सरकार के प्रति जनता में असंतोष बढ़ता चला गया, जिसे इस चुनाव में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सरकारी नीतियों और योजनाओं में कथित भ्रष्टाचार और असंतोषजनक कार्यान्वयन इस हार के प्रमुख कारणों में रहे।
इस शानदार जीत के बाद अब इस गठबंधन की असली परीक्षा शुरू होती है। जनता द्वारा विश्वास जताने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु के नेतृत्व वाली ٹیم کو राज्य में विकास कार्यो کو पिछली सरकार से अधिक कार्यऒ से अछि तरह गर्दैनाकची होगी। जनता की उम्मीदें निगमित हैं और उनको जीवनस्तर में सुधार की प्रतिक्षा है।
आगामी सरकार के सामने रोजगार सृजन, औद्योगिक विकास, ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धता, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार जैसे महत्वपूर्ण कार्य होंगे। जनता ने इस गठबंधन को एक नई भूमिका दी है और वह भविष्य के लिए आशावान है।
आखिरकार, भारतीय लोकतंत्र की यह खूबसूरती है कि चुनावों के माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है और उनकी नीतियों के माध्यम से अपने जीवन में सकारात्मक समितियां लाती है। TDP, Jana Sena और BJP का यह गठबंधन आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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