10 सितंबर, 2024
31 अगस्त, 2024
22 जुलाई, 2024
1 अक्तूबर, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी को उस वक़्त गहरा धक्का लगा जब उन्हें लद्दाख के जाने-माने कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने से रोका गया। सोनम वांगचुक दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में थे, साथ में उनके लगभग 150 समर्थक भी थे। इनका अपराध? इन्हें निषेध आदेश का उल्लंघन करने की वजह से हिरासत में लिया गया था। ये सभी 'चलो दिल्ली क्लाइमेट मार्च' में भाग ले रहे थे, जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार से लद्दाख की नेताओं के साथ बात-चीत शुरू करने का आग्रह करना था।
ये घटनाक्रम जब हुआ तब आतिशी दोपहर 1 बजे बवाना पुलिस स्टेशन पहुंची। उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि वो वांगचुक से मिल सकेंगी। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मिलने की इजाजत नहीं दी। आतिशी ने भाजपा के साथ-साथ उपराज्यपाल (LG) पर भी सीधे आरोप लगा दिए। आतिशी ने कहा, 'मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि इन पुलिस अधिकारियों को LG साहब का फोन आया होगा कि दिल्ली के चुने हुए सरकार के प्रतिनिधि, दिल्ली के मुख्यमंत्री को सोनम वांगचुक से मिलने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।' उनके अनुसार, भाजपा की यह कार्यवाही तानाशाही है और यह लोकतंत्र का अपमान है।
वांगचुक और उनके समर्थकों का मुख्य उद्देश्य था कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। उनका मानना है कि यह कदम लद्दाख की जमीन और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। ऐसा होने पर लद्दाख की स्थानीय जनता को कानून बनाने की शक्ति मिलेगी, जिससे वे अपने संसाधनों और पर्यावरण की रक्षा कर सकेंगे।
वांगचुक और उनके समर्थकों को सोमवार रात को सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया था। उन्हें BNS के सेक्शन 163 के तहत हिरासत में रखा गया था। आतिशी ने इस घटना को लोकतंत्र का हनन बताया और कहा कि भाजपा द्वारा किया गया यह कार्य उनकी तानाशाही सोच को दर्शाता है।
इस बीच, लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा भी सिंघू बॉर्डर पहुंचे और हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं का समर्थन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रदर्शनकारियों का विरोध पिछले तीन सालों से शांतिपूर्ण रहा है और उनका उद्देश्य पर्यावरण और सांविधानिक अधिकारों की सुरक्षा मात्र है।
आतिशी ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा का यह रवैया जारी रहा तो LG का शासन लद्दाख और दिल्ली में समाप्त हो जाएगा और भाजपा की सत्ता केंद्र सरकार में भी खत्म हो जाएगी। उनका मानना है कि लोकतंत्र की ताकत जनता के हाथों में है और वो इस तरह के अन्याय का जवाब जरूर देंगे।
आतिशी ने कहा कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और दिल्ली को भी पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यह दोनों ही क्षेत्रों की जनता के हक की बात है और इसके लिए वे मजबूती से खड़ी रहेंगी।
समय के साथ यह देखना होगा कि लद्दाख के मुद्दों पर केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है और जनता की चुनी हुई सरकार की आवाज किस हद तक सुनी जाती है। यह जानते हुए कि उनके संघर्ष में कितनी सच्चाई और दृढ़ता है, जनता का समर्थन उनके पीछे है।
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