हिना खान को तीसरे स्टेज के स्तन कैंसर का निदान: युवतियों में बढ़ते मामले क्यों हो रहे हैं चिंताजनक

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हिना खान को तीसरे स्टेज के स्तन कैंसर का निदान: युवतियों में बढ़ते मामले क्यों हो रहे हैं चिंताजनक

हिना खान और स्तन कैंसर की कड़ी

लोकप्रिय अभिनेत्री हिना खान को हाल ही में तीसरे चरण के स्तन कैंसर का पता चला है, जिससे न केवल उन्हें बल्कि उनके प्रशंसकों को भी गहरा झटका लगा है। हिना खान का निदान एक महत्वपूर्ण समय पर हुआ है जब युवतियों में स्तन कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह न केवल स्वास्थ्य विशेषज्ञों, बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता की बात बन चुका है।

हिना खान कीDiagnosis के सूत्रधारों में से एक प्रमुख नाम है डॉ. रोहन खंडेलवाल, जो गुरुग्राम स्थित CK बिरला अस्पताल में ब्रेस्ट सेंटर के प्रमुख हैं। उनके अनुसार, स्तन कैंसर का मुख्य कारण ब्रेस्ट टिश्यू में अनियंत्रित सेल विकास है, जिसे पहचानना और समय पर इलाज करना बेहद जरूरी है।

कैंसर के बढ़ते मामलों के कारण

कैंसर के बढ़ते मामलों के कारण

मानव शरीर में जेनेटिक म्यूटेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर BRCA1 और BRCA2 जीन में होने वाले बदलाव से स्तन कैंसर का जोखिम काफी बढ़ जाता है। हालांकि, डॉक्टरों का मानना है कि केवल 10% स्तन कैंसर के मामले ही जेनेटिक होते हैं, जबकि बाकी मामलों का कारण गैर-जेनेटिक होते हैं।

डॉ. मंदार नाडकर्णी, जो कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में ब्रेस्ट ऑन्कोलॉजी के प्रमुख हैं, बताते हैं कि सामाजिक और कार्यदबावों के कारण देर से मातृत्व और स्तनपान की कमी भी स्तन कैंसर के प्रमुख कारकों में शामिल हैं। इसके साथ ही हार्मोनल परिवर्तन जैसे कि प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का लंबी अवधि तक एक्सपोजर भी जोखिम बढ़ाता है।

अत्यधिक मोटापा, जहां बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 31 से अधिक हो जाता है, भी स्तन कैंसर का एक बड़ा जोखिम कारक बन चुका है। हालाँकि, यह ध्यान देने योग्य है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, संतुलित आहार बनाए रखने, और अत्यधिक शराब सेवन से बचने से इस बीमारी का जोखिम कम किया जा सकता है।

शोध और अर्ली डिटेक्शन का महत्व

हॉर्नेल्टबल जर्नल ऑफ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह आरोंपित किया गया है कि युवतियों में बढ़ते स्तन कैंसर के मामलों का मुख्य कारण जीवनशैली में बदलाव, उच्च वसा युक्त आहार का सेवन, गतिहीन जीवनशैली, और मृत्यु पाया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि युवतियों में इस बीमारी का निदान अक्सर पहले अवस्था में ही हो जाता है, जिससे इसके उपचार की जटिलता और बढ़ जाती है। इसलिए, नियमित सेल्फ-अग्जामिनेशन और मेमोग्राम कराने की सलाह दी जाती है। जिसको अपनाकर शुरुआती अवस्था में रोग का पता लगाया जा सकता है।

आवश्यक जागरूकता

स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता और शिक्षा का महत्वपूर्ण है, जिससे महिलाएं समय पर मेडिकल अटेंशन ले सकें और अपनी स्वास्थ्य का ख्याल रख सकें। यह संकट केवल हिना खान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक स्वास्थ्य संकट है जिसपर अनुकूलित करने की आवश्यकता है।

हिना खान ने खुद अपनी बीमारी की जानकारी साझा की है ताकि दुसरे लोग भी अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और समय पर चिकित्सा सलाह लें। उनके इस साहसिक कदम ने कई लोगों को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक होने की ओर प्रेरित किया है। अंततः, हर महिला को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना और किसी भी अनियमित लक्षण की अनदेखी बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।

टिप्पणि

Aparajita Mishra

Aparajita Mishra

28 जून / 2024

ओह हिना जी, आप तो जैसे हर नयी फिल्म के खुलते ही 'मर्ज' का भी प्रीमियर कर देती हैं, वाह! लेकिन सच्ची बात तो यही है कि आपका संघर्ष हम सबको एहतियात बरतने की सीख देता है। स्तन कैंसर जैसी बीमारियों में जल्दी पहचान ही कामयाबी की कुंजी है, इसलिए हर लड़की को खुद खुद को जांचना चाहिए। मुझे आशा है कि आपका उपचार टीम आपको जल्दी ठीक कर देगी, ताकि आप फिर से स्क्रीन पर रौशनी बिखेर सकें। चलिए, इस बात को सभी के साथ शेयर करके जागरूकता बढ़ाते हैं, बहुत ज़रूरी है।

Shiva Sharifi

Shiva Sharifi

28 जून / 2024

स्तन कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, इसलिए सबको अपने ब्रेस्ट की सेफ्टी हिसाब से सोचना चाहिए। सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि नियमित मैमोग्राम सिर्फ 40 साल के बाद ही नहीं, बल्कि अगर परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है तो जल्दी भी करवा सकते हैं। कई युवा महिलाओं को लगता है कि यह बीमारी बुजुर्गों की समस्या है, पर आजकल 30 के बाद भी केस देखे जा रहे हैं। मोटापे और हाई कैलोरी डाएट का सीधा रिश्ता कैंसर से है, इसलिए जंक फूड से दूर रहना चाहिए। शराब का सेवन भी एक बड़ा फैक्टर है, अल्कोहल को कट करना मददगार रहेगा। व्यायाम को अपनी रोज़मर्रा की रूटीन में शामिल करना चाहिए, जैसे चलना, योगा या जिम। हिना जी ने अपने इन्फॉर्मेशन शेयर करके बहुत लोगों को जागरूक किया है, इसे हम सभी को सराहना चाहिए। लेकिन सिर्फ जागरूकता ही काफी नहीं, हमें हेल्थ इन्स्योरेंस और सही डॉक्टर तक पहुँच भी आसान बनानी पड़ेगी। सरकारी हॉस्पिटल में स्क्रीनिंग कैंप्स लगाना चाहिए, ताकि हर गरीब महिला को मुफ्त जांच मिल सके। साथ ही प्री‑न्यूट्रिशन पर भी फोकस होना चाहिए, मतलब सही पोषक तत्वों से भरपूर खाने को अपनाना। अगर आप अक्सर देर तक काम करते हैं और ब्रेस्टफेडिंग नहीं कर पाते, तो भी यह रिस्क बढ़ जाता है, इसलिए वर्क‑लाईफ़ बैलेंस बनाना ज़रूरी है। जीनेटिक टेस्ट भी मददगार हो सकता है, लेकिन इसे हर किसी पर थोपना सही नहीं, इसलिए काउंसलिंग के साथ लेना चाहिए। एक और बात, सोशल मीडिया पर फैले मिथकों को तोड़ना भी बहुत जरुरी है, जैसे कि पेरियड के दौरान कैंसर नहीं होता। इस पोस्ट में बताई गई बातों को अपने परिवार में भी शेयर करें, ताकि सब मिलकर रोकथाम कर सकें। अंत में, मैं कहना चाहूँगा कि छोटे-छोटे कदम भी बड़ा फर्क डाल सकते हैं, चलिए हम सब मिलकर इस लड़ाई में साथ दें।

Ayush Dhingra

Ayush Dhingra

28 जून / 2024

हिना की कहानी हमें याद दिलाती है कि स्वास्थ्य को टालना कोई विकल्प नहीं है।

Vineet Sharma

Vineet Sharma

28 जून / 2024

वो कहते हैं कि स्टार बनने के साथ कैंसर आ जाता है – लगता है बॉक्स ऑफिस की टिकट के साथ आजीवन स्वास्थ्य बीमा भी मिल रहा है। पर असली मुद्दा तो यही है कि हमें जागरूकता में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, सिर्फ स्क्रीनिंग ही नहीं, जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है।

Aswathy Nambiar

Aswathy Nambiar

28 जून / 2024

यार यार, इन्फॉर्मेशन तो बहुत टाइटल है पर मेरे दादाजी को तो लगता है कि ये बात बस टीवी के कॅरंटिन में ही रक्खो। बाइयो, इस तरह के पोस्ट से लोग आगे बढ़ेंगे या बस "ओह फक" कहेंगे? देखो, सही तरीका है सफ़ाई से बताना, नकीले शब्दों में नहीं।

Ashish Verma

Ashish Verma

28 जून / 2024

✊💪 हिना की जंग में हम सब साथ हैं! 🙏🩺

Akshay Gore

Akshay Gore

28 जून / 2024

अरे भाई, ये सब तो फालतू के तर्क हैं, असली बात तो ये है कि हर कोई कभी ना कभी बीमार हो जाएगा, इसलिए डरे बिना जीना चाहिए।

Sanjay Kumar

Sanjay Kumar

28 जून / 2024

🕊️ सब मिलकर सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाएं, जागरूकता ही समाधान है।

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