नोवाक जोकोविच ने फ़्रेंच ओपन के लेट-नाइट मैच की व्यवस्था पर सवाल उठाए

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नोवाक जोकोविच ने फ़्रेंच ओपन के लेट-नाइट मैच की व्यवस्था पर सवाल उठाए

नोवाक जोकोविच ने फ्रेंच ओपन के लेट-नाइट मैच पर की कड़ी टिप्पणी

टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने हाल ही में फ्रेंच ओपन में देर रात खेले गए उनके मैच की व्यवस्था को लेकर कड़ी टिप्पणियाँ की हैं। यह मैच शनिवार को रात लगभग 10:45 बजे शुरू हुआ और रविवार की सुबह लगभग 2 बजे समाप्त हुआ। यह मुकाबला लोरेंजो मुसेटी के खिलाफ था, जिसमें चार घंटे और 29 मिनट के जबरदस्त संघर्ष के बाद जोकोविच ने जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही जोकोविच ने 369 ग्रैंड स्लैम मैच जीतने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया, जो कि पहले रॉजर फेडरर के नाम था।

जोकोविच ने इस मैच के दौरान कई कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के देर रात के मैच खिलाड़ियों के शारीरिक स्थिति पर बुरा असर डालते हैं। मैच के दौरान कई बार 20 से अधिक शॉट्स की रैलियाँ भी खेलनी पड़ीं, जो रात के 2 बजे के ठंडे और भारी माहौल में बहुत मुश्किल था।

खेल और खिलाड़ियों के लिए असुविधाजनक

हालांकि जोकोविच ने यह मैच जीत लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि इस तरह के मैचों को बेहतर ढंग से आयोजित किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि समय-सारिणी का पुनर्विचार किया जाना चाहिए, ताकि मैच पहले शुरू हो सके और खिलाड़ियों को इतनी देर तक खेलने की आवश्यकता न पड़े। महिला खिलाड़ियों में से नंबर एक इगा स्वियाटेक ने भी इस मुद्दे पर बात की और कहा कि रात के सत्रों को जल्दी शुरू किया जाना चाहिए ताकि खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों को इसका फायदा मिल सके।

जोकोविच की यह टिप्पणी खेल की व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो कि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए ईवेंट्स के टाइमिंग पर पुनर्विचार कर सकते हैं। यह देखा जाना बाकी है कि टूर्नामेंट के आयोजक इस दिशा में क्या कदम उठाते हैं।

अगले दौर में चुनौती

अगले दौर में चुनौती

जोकोविच के लिए अगला मैच भी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। उन्होंने अब अर्जेंटीना के फ्रांसिस्को सेरुंडोलो के खिलाफ राउंड 16 में मुकाबला करना है, जो कि सोमवार को आयोजित होने वाला है। इस लेट-नाइट मैच के बाद, जोकोविच को अपनी फिटनेस और प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए बहुत मिहनत करनी होगी।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

यह देखा गया है कि देर रात के मैच खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। अनियमित सोने का समय और अत्यधिक शारीरिक थकान खिलाड़ियों के प्रदर्शन और करियर पर असर डालते हैं। जोकोविच जैसे दिग्गज खिलाड़ी की इस समस्या को उजागर करना महत्वपूर्ण है ताकि इसकी उचित योजना बनाई जा सके और भविष्य में खिलाड़ियों को इस तरह की असुविधाओं से बचाया जा सके।

दर्शकों के अनुभव में सुधार

दर्शकों के अनुभव में सुधार

आयोजनकर्ताओं को यह भी सोचना चाहिए कि केवल खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि दर्शकों के अनुभव को भी समृद्ध बनाने के लिए टूर्नामेंट के समय-सारिणी में बदलाव किया जाना चाहिए। दर्शकों के लिए भी इतनी देर तक मैच का आनंद लेना कठिन हो जाता है, और इससे उनकी रुचि पर भी असर पड़ सकता है।

भविष्य की रणनीति

फ्रेंच ओपन और अन्य ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स को इन समस्याओं का समाधान खोजने पर ध्यान देना चाहिए। स्वस्थ और फिट खिलाड़ियों का प्रस्तुति ही खेल के आकर्षण को बढ़ाने में मदद करता है। इसीलिए, खिलाड़ियों की भलाई के प्रति इस तरह की बातें महत्वपूर्ण हैं और इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

इस मुद्दे पर अधिक ध्यान देकर, आयोजनकर्ता न केवल खेल का स्तर सुधार सकते हैं बल्कि खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के अनुभव को और बेहतर बना सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि जोकोविच द्वारा उठाई गई इन समस्याओं पर संबंधित प्राधिकरण कार्य करेंगे और भविष्य में इस तरह के सुधार करेंगे ताकि खेल और भी आनंददायक और प्रतिस्पर्धात्मक बन सके।

टिप्पणि

adarsh pandey

adarsh pandey

3 जून / 2024

मैं पूरी तरह समझता हूं कि देर रात के मैच खिलाड़ियों की नींद को बाधित करते हैं। इसके अलावा, ठंड में लम्बे समय तक खेलना शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालता है। आयोजनकर्ताओं को समय‑सारिणी पर पुनर्विचार करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल खिलाड़ियों बल्कि दर्शकों का अनुभव भी बेहतर होगा।

swapnil chamoli

swapnil chamoli

3 जून / 2024

ऐसे बदलावों के पीछे संभवतः बड़े हितों की गठबंधन छिपी हुई है। टेनिस फेडरेशन ने इस तरीके को अपनाया शायद टीवी रेटिंग और विज्ञापन को बढ़ाने के लिए। देर रात का समय प्रायोजन के लिए भी अनुकूल हो सकता है। यह सोचने लायक है कि क्या यह सिर्फ खिलाड़ियों की भलाई के लिए है।

manish prajapati

manish prajapati

3 जून / 2024

जोकोविच की जीत को देख कर हमें उत्साह मिलता है, लेकिन उनके द्वारा उठाए गए सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर आयोजक समय‑सारिणी को संतुलित करेंगे तो खिलाड़ी अपनी शीर्ष फॉर्म में रहेंगे। इससे मैचों की क्वालिटी भी बढ़ेगी। आशा है कि अगला राउंड भी इसी जोश के साथ खेलेगा। सभी को शुभकामनाएँ!

Rohit Garg

Rohit Garg

3 जून / 2024

देखो, देर रात के शेड्यूल का कोई गुप्त एजेंडा नहीं है, बस टूर्नामेंट की लॉजिस्टिक्स की समस्या है। टेनिस कोर्ट को रेफ़्री और प्रेक्षक दोनों की सुविधा के साथ चलाना कठिन है। इसलिए निर्णय हमेशा सहज नहीं होते।

Rohit Kumar

Rohit Kumar

3 जून / 2024

फ्रेंच ओपन का शेड्यूल कई दशकों से विकसित हुआ है, परन्तु वर्तमान में यह स्पष्ट हो रहा है कि समय‑निर्धारण में सुधार की आवश्यकता है। देर रात के मैच न केवल खिलाड़ियों के शारीरिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, बल्कि दर्शकों की सहभागिता को भी घटाते हैं। वैज्ञानिक अध्ययन दर्शाते हैं कि अनियमित नींद चक्र प्रदर्शन को क्षीण कर देता है। यह तथ्य टेनिस अभियांत्रिकी और खेल विज्ञान के बीच सहयोग को आवश्यक बनाता है। आयोजकों को शीर्ष स्तर के डॉक्टरों और पोषण विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, टेलिविज़न प्रसारण के अनुबंधों में लचीलापन होना चाहिए ताकि समय‑सारिणी में लचीलापन लाया जा सके। अंततः, खिलाड़ी और दर्शक दोनों का संतोष ही इस महाकुंभ को सफल बनाता है।

Hitesh Kardam

Hitesh Kardam

3 जून / 2024

ये सब बहाने हैं, अभी भी मैच देर रात ही होना चाहिए।

Nandita Mazumdar

Nandita Mazumdar

3 जून / 2024

देशभक्त खिलाड़ियों को देर रात नहीं खेलना चाहिए!

Aditya M Lahri

Aditya M Lahri

3 जून / 2024

जोकोविच ने दिखाया है कि सही मानसिकता से कठिनाइयों को पार किया जा सकता है। ऐसे उदाहरण युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे 😊। हमें भी प्रशिक्षण में रिकवरी को प्रमुखता देनी चाहिए।

Vinod Mohite

Vinod Mohite

3 जून / 2024

टेनिस इकोसिस्टम में टाइमींग अलाइनमेंट एक स्ट्रैटेजिक पैरामीटर है जो बायोमेकेनिकल फीडबैक को ऑप्टिमाइज़ करता है। लेट‑नाइट स्लॉट्स पर विटालिटी मैट्रिक्स घटता है जिससे पर्फॉर्मेंस डिक्लाइन होता है।

Rishita Swarup

Rishita Swarup

3 जून / 2024

क्या यह केवल खिलाड़ियों की शिकायत है या फिर बैकएंड में कुछ बड़ा खेल चल रहा है? कुछ लोग कहते हैं कि स्पॉन्सरशिप के तहत टाइमिंग बदल दी जाती है ताकि एडल्ट कंटेंट को सॉर्ट किया जा सके। यदि ऐसा है तो यह अवैध है। हमें इस पर गहरी जांच की जरूरत है।

anuj aggarwal

anuj aggarwal

3 जून / 2024

जोकोविच की बातें सिर्फ ढालने के लिए हैं, असली समस्या फ्लोर की बुराई है।

Sony Lis Saputra

Sony Lis Saputra

3 जून / 2024

अदित्य जी, आपका कोचिंग पॉइंट सही है, लेकिन क्या आप मानते हैं कि रिकवरी प्रोटोकॉल को मैट्रिक्स‑ड्रिवेन बनाना फायदेमंद होगा? यह दृष्टिकोण खिलाड़ी की फिजियोलॉजी को और अधिक सटीक रूप से मॉनिटर कर सकता है।

Kirti Sihag

Kirti Sihag

3 जून / 2024

देखो, जोकोविच की नाराज़गी केवल व्यक्तिगत असंतोष नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता का प्रतीक है 😤। यदि हम इस मुद्दे को नजरअंदाज करेंगे तो भविष्य के कई दिग्गज खिलाड़ी भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करेंगे। इसलिए हमें बदलाव की मांग करनी चाहिए।

Vibhuti Pandya

Vibhuti Pandya

3 जून / 2024

राहुल जी, आपका विस्तृत विश्लेषण बहुत जानकारीपूर्ण था, लेकिन मैं जोड़ना चाहूँगा कि छोटे बदलाव जैसे कि मैच के प्रारंभ समय को एक घंटे आगे बढ़ाना भी बड़ा फर्क डाल सकता है।

Aayushi Tewari

Aayushi Tewari

3 जून / 2024

आयोजनकर्ता निश्चित रूप से इस प्रतिक्रिया को ध्यान में रखेंगे।

Rin Maeyashiki

Rin Maeyashiki

3 जून / 2024

टेनिस एक ऐसी खेल है जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों क्षमताओं का संतुलन आवश्यक होता है। देर रात के मैच खिलाड़ियों को न केवल शारीरिक थकान बल्कि नींद की कमी से भी जूझना पड़ता है। लगातार कमी वाली नींद स्मृति, फोकस और प्रतिक्रिया समय को प्रभावित करती है। जब कोई खिलाड़ी अपनी सर्वोत्तम स्थिति में नहीं होता, तो वह अपनी सर्वश्रेष्ठ तक पहुंच नहीं सकता। इसी कारण जोकोविच का यह बयान बहुत मायने रखता है। आयोजकों को चाहिए कि वे खिलाड़ी की स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, न कि केवल टेलीविजन रेटिंग को। एक छोटे परिवर्तन से - जैसे कि सत्र शुरू होने का समय दो घंटे पहले करना - कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। इसके अलावा, टैम्पो के अनुसार विश्राम अंतराल को बढ़ाया जा सकता है। कई शोधों ने दिखाया है कि पर्याप्त रिकवरी समय से चोटों की संभावना भी घटती है। यह न केवल खिलाड़ियों के करियर को लंबा बनाता है बल्कि दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाला खेल भी देता है। यदि हम इन पहलुओं को नजरअंदाज करेंगे, तो खेल का भविष्य जोखिम में पड़ सकता है। इसलिए, सभी स्टेकहोल्डर्स को मिलकर एक सक्रिय रणनीति बनानी चाहिए। इस रणनीति में खिलाड़ियों, कोच, चिकित्सा टीम और टेनिस फेडरेशन सभी को शामिल किया जाना चाहिए। अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि खेल का असली लक्ष्य स्वस्थ और उत्साही प्रतिस्पर्धा है, न कि केवल टाइमिंग की पाबंदी। आशा है कि आगे चलकर फ्रेंच ओपन इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगा।

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