20 अप्रैल, 2025
सितापुर जील से पूर्व सपा वरिष्ठ नेता अजम खान 23 महीने के कारावास के बाद मुक्त हुए। उनकी रिहाई का आदेश आलहर हाई कोर्ट ने कई मामलों में दिया, और आज दोपहर जेल के गेट पर सैकड़ों समर्थकों की भीड़ का सामना करना पड़ा। उसी समय केशव प्रीसेड मोर्यां, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, ने इस घटना पर टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक माहौल में नई हलचल मची।
कहां तक अटकलें फैलीं, ये सवाल उठते रहे कि क्या अजम खान अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की ओर रुख कर सकते हैं। उनकी पत्नी, पूर्व सांसद तज़ीन फ़तима, का बीएसपी नेता मायावती से मिलने का ख़बरें मीडिया में छाई, पर खान ने साफ़ शब्दों में इन अफवाहों को खारिज कर दिया। वह कहते हैं, जेल में पाँच साल तक कोई संपर्क नहीं था और अभी उनका प्राथमिक लक्ष्य चिकित्सा सहायता है।
रिहाई प्रक्रिया में कई फॉर्मेलिटीज़ ने देरी की, जिसमें रंपुर के एक केस में 6,000 रुपए का जुर्माना भी शामिल था, जिसे फ़रहान अल्लाह खान ने भर दिया। दोपहर के समय सुरक्षा दल ने जेल के आस‑पास 100 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया। इससे शहर में ट्रैफ़िक जाम हो गया, 73 वाहनों पर लगभग 1.5 लाख रुपये के चालान जारी हुए।
रिहाई के बाद अजम खान को उनके दो बेटे अब्दुल्लाह और अदीब ने रामपुर की ओर ले जाया। उनका काला कोट वाला सफ़ेद कुर्ता‑पजामा आज भी उनके समर्थकों की नज़र में यादगार रहेगा। इस दौरान कई सपा कार्यकर्ता, राष्ट्रीय सचिव अनुप गुप्ता, मोरादाबाद के सांसद रूची वीरा और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें स्वागत किया।
कुचला करने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि अजम खान की रिहाई सियासत में नई गतिशीलता लाएगी। वह अब 104 मुकदमों से जुड़ते हैं, जिनमें से 72 में उन्हें रिलीज़ ऑर्डर मिला है। इन मामलों की वैधता, उनकी चिकित्सीय स्थिति, और पार्टी के भीतर उनकी भूमिका पर आगे चर्चा होगी।
केशव प्रीसेड मोर्यां ने कहा कि राजनीतिक जाल में फंसने की बजाय मुद्दों का समाधान होना चाहिए। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि किसी भी पार्टी का अनुकरण तभी संभव है जब कानूनी बाधाएँ दूर हो जाएँ। उनके शब्दों ने यह स्पष्ट किया कि वे इस बात से असहज हैं कि जनता को अटकलबाज़ी के चक्कर में उलझाया जाए।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में राजनीति के कई पहलुओं को उजागर किया: जेल में अधिकारियों की कार्यवाही, राजनेता के व्यक्तिगत स्वास्थ्य का महत्व, और पार्टी संरचना में संभावित परिवर्तन। जैसे-जैसे मामला आगे आगे बढ़ेगा, जनता और मीडिया दोनों ही इस पर नज़र रखेंगे कि अजम खान का अगला कदम क्या होगा।