9 अगस्त, 2024
कोलंबो के प्रतिष्ठित R. Premadasa Stadium में 11 मई को आयोजित 2025 श्रीलंका महिला ट्राइ‑नेशन सीरीज़ का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच सामने आया। जीत का झंडा भारत के हाथों में जोड़ते हुए, भारतीय टीम ने 342 रन बनाकर लक्ष्य निर्धारित किया। इस पारी का मुख्य आधार ओपनर स्मृति मंडहाना का शानदार शतक था, जिनके 116 रन 101 गेंदों में चमके, जिससे टीम को दमदार शुरुआत मिली।
टॉस जीत कर भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुना। मंडहाना के बाद के किनारों ने भी स्थिरता दिखाई – अंजाम खान ने 44 रन और जेनी जैन ने 38 रन निचोड़े। भारतीय पेशी ने 50 ओवर में 7 आउट हो कर 342/7 की कुल मिलाकर लिखी, जो ऐतिहासिक स्तर पर सबसे बड़ा लक्ष्य था। इस पारी में भारतीय गेंदबाजों को भी थोडा मौका मिला, लेकिन उन्होंने अधिकतर विकेट नहीं भुनाए।
श्रीलंका की गेंदबाजी लाइन‑अप में सोगंदिका कुमारी की 2/59 की कोशिशें दिखी, परंतु उनके साथियों की पकड़ कमज़ोर रही। इसलिए भारत को अपने लक्ष्य को हासिल करने में कोई बड़ी रुकावट नहीं मिली।
श्रीलंका ने 343 लक्ष्य का पीछा करते हुए 48.2 ओवर में 245 रन बनाए और 97 रन से हारे। कप्तान चमरी अथापाठु ने 51 रन की लीडरशिप करी, पर उनके आगे मध्य क्रम में निरंतर गिरावट आई। भारतीय तेज गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाया, जबकि ऑफ‑स्पिनर स्नेह राणा ने 9.2 ओवर में 4/38 की चार विकेट की जबरदस्त पारी फेंकी, जिससे श्रीलंका की बैटिंग लाइन‑अप टूट गई।
मैच में एक और खास बात रही – कृति गौड ने अपनी पहली ODI डेब्यू की और भारत के लिए अतिरिक्त विकल्प बन कर सामने आईं। उनका अतिथि खेल इस जीत को और भी यादगार बनाता है।
ट्राइ‑नेशन सीरीज़ में भारत ने बिंदु तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया – चार मैचों में तीन जीत और एक हार से 6 अंक जमा किए। नेट रन रेट 0.457 रहा, जबकि श्रीलंका का -0.542 रहा, जो भारत की निरंतरता को सिद्ध करता है। दक्षिण अफ्रीका ने केवल एक जीत दर्ज कर तीसरे स्थान पर रहा।
टूनिस जीत के बाद, भारतीय टीम को 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप की तैयारियों में आत्मविश्वास मिला है। इस जीत ने न केवल टीम की बल्लेबाज़ी की ताकत को सिद्ध किया, बल्कि स्पिन और तेज़ी दोनों विभागों में संतुलन भी दिखाया। आने वाले विश्व कप में भारत को तेज़ पिचों पर भी अडजस्ट करने की चुनौती होगी, इसलिए कोचिंग स्टाफ ने इस सीरीज़ को एक परीक्षण मील का पत्थर माना है।
श्रीलंका के लिए इस ट्राइ‑नेशन का अर्थ सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े इवेंट की मेजबानी करने का पहला कदम था। इसने स्थानीय दर्शकों को महिला क्रिकेट से जोड़ा और भविष्य में अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की आशा जगाई।
इसी प्रकार, दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भी अपने विकल्पों को परखा, किन्तु निरंतर जीत हासिल न कर पाने के कारण उनकी तैयारी में कुछ खामियां दिखी। इस कारण से सभी तीन पक्षों को अब अपने खेल की गहराई में झाँक कर रणनीतियों को संशोधित करने की जरूरत है, खासकर युवा खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान देने की।
समग्र रूप से, इस ट्राइ‑नेशन सीरीज़ ने महिला क्रिकेट के विकास में एक नई दिशा बताई—उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा, बड़ी दर्शक संख्या, और अंतरराष्ट्रीय मंच पर असली दांव। अब समय आ गया है कि भारत महिला क्रिकेट इस सकारात्मक ऊर्जा को अगली बड़ी चुनौतियों में बदल दे।