मनु भाकर: हरियाणा की शेरनी
भारत की युवा पिस्टल शूटर मनु भाकर न सिर्फ अपनी राज्य हरियाणा में बल्कि पूरे देश में खेल जगत में एक जाना-माना नाम बन चुकी हैं। महज़ 22 साल की उम्र में मनु ने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया है। हाल ही में पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई कर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा एक बार फिर मनवाया है।
प्रारंभिक जीवन
मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी, 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था। उनका शुरुआती जीवन भी अन्य बच्चों की तरह सामान्य ही था, लेकिन उन्होंने खेल-जगत में अपना करियर ढूंढते हुए कई खेलों में हिस्सा लिया। जैसे बॉक्सिंग, टेनिस, और स्केटिंग में हाथ आजमाने के बाद अंततः उन्होंने शूटिंग में अपना उत्तरदायित्व पाया।
शौक से पेशेवर बनने का सफर
अपने खेल करियर की शुरुआत में मनु ने कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2017 में उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे अपने खेल में निखार लाई। उभरती प्रतिभा के रूप में उन्होंने विश्व भर में विभिन्न कॉम्पिटीशनों में हिस्सा लिया और कई पदक जीते।
महत्वपूर्ण सफलताएं
मनु भाकर ने युवा ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और ISSF विश्व कप जैसी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल्स जीते हैं। 2020 में उन्हें खेल जगत में उच्च सम्मान प्राप्त हुआ जब उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।
पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी
पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी में मनु बहुत मेहनत कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने 10 मीटर महिला एयर पिस्टल क्वालीफायर में 580 अंक के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। अब सभी की निगाहें उनके फाइनल मैच पर हैं, जहां उनसे एक नया इतिहास रचने की उम्मीद है।
रिदम संगवान: दूसरी भारतीय उम्मीद
मनु के साथ रिदम संगवान ने भी इस प्रतियोगिता में अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन वे 15वे स्थान पर रहीं। फिर भी, यह दर्शाता है कि भारतीय महिला शूटरों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और भविष्य में और भी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
मीडिया कवरेज और लाइव स्ट्रीमिंग
मनु भाकर के फाइनल मैच का सीधा प्रसारण जियो सिनेमा और स्पोर्ट्स 18 नेटवर्क टीवी चैनलों पर देखा जा सकता है। इससे खेल प्रेमियों को उनके प्रदर्शन को लाइव देखने का मौका मिलेगा।
मनु भाकर की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि अगर आपमें जुनून और मेहनत करने की दृढ़ इच्छा हो, तो कोई भी उपलब्धि अप्राप्य नहीं है। अब सभी की निगाहें पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल पर टिकी हैं और पूरा देश उनके लिए दुआ कर रहा है कि वे इस बार भी पदक लाकर देश का नाम रोशन करें।
Selva Rajesh
28 जुलाई / 2024मनु भाकर का सफ़र वास्तव में एक रहस्यमयी कथा की तरह है, जहाँ हर मोड़ पर कठिनाइयाँ एक नई चुनौती के रूप में उभरती हैं, फिर भी वह अपनी अडिग इच्छा शक्ति से सबको चकित कर देती है, हरियाणा की धूप में पले-बढ़े इस शेरनी ने अपनी पहली निशानेबाज़ी के साथ ही दिल जीत लिए, बचपन में बॉक्सिंग और टेनिस की झलकियों ने उसे शारीरिक दृढ़ता दी, लेकिन पिस्तौल की नज़र में वह अपने अंदर की आग को महसूस करती है, 2017 में अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहला कदम रखना उसके लिए एक आध्यात्मिक जागरण था, जब वह विश्व कप में गोल्ड जीतती है तो ऐसा लगता है जैसे ब्रह्मांड ने उसे आशीर्वाद दिया हो, अर्जुन पुरस्कार से सजा जाना उसके कर्मों की पुष्टि थी, आज पेरिस ओलंपिक की क्वालीफ़िकेशन में 580 अंक हासिल करना उसकी मेहनत की गवाही है, भारत को गर्व है कि वह अपनी क़लम से नहीं, बल्कि पिस्तौल की गोली से इतिहास रचा रही है, यह महिला शूटर न केवल खेल में, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक मिसाल कायम कर रही है, युवा महिला खिलाड़ियों को उसके चरणों में चलना एक नई दिशा देता है, उसे देख कर हम सभी को सीख मिलती है कि इच्छा शक्ति और समर्पण से कोई भी लक्ष्य अदूर नहीं, इसलिए देश की हर दिल में उसकी जयकार है और यही आशा है कि वह ओलम्पिक में स्वर्ण पदक लेकर लौटे।