28 नवंबर, 2024
3 अगस्त, 2024
11 मई, 2024
18 सितंबर, 2024
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उच्च आयवर्गीय गेटेड सोसाइटीज में जनगणना के डेटा संग्रहण में आने वाली कठिनाइयों का मुद्दा उठाया। ओवैसी ने बताया कि कई रिपोर्टें इस ओर इशारा करती हैं कि इन सोसाइटीज में जनगणना अधिकारियों को एंट्री संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ये जगहें अक्सर सुरक्षित होती हैं, और वहां के निवासी अधिकारियों को अपेक्षित सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे डेटा का संग्रहण प्रभावित हो रहा है।
ओवैसी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि किसी भी नीति निर्धारण और संसाधनों के समुचित आवंटन के लिए सटीक और संपूर्ण डेटा का होना अत्यंत आवश्यक है। अगर डेटा संग्रहण में कोई भी अंतराल आता है, तो इससे जनसांख्यिकीय परिस्थितियों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। यह राष्ट्र की जरूरतों और योजनाओं की प्राथमिकताओं को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, उन्होंने विशेष रणनीतियों और उपायों के बारे में जानकारी मांगी, जो कि सरकार ने इस चुनौती को हल करने के लिए अपनाई हैं।
ओवैसी ने विस्तार से पूछा कि इस प्रकार की गेटेड सोसाइटीज से डेटा एकत्र करने के लिए कौन-कौनसी विशेष रणनीतियां अपनाई जा रही हैं और क्या सरकार के पास कोई विशेष प्रोटोकॉल हैं जो इन क्षेत्रों में लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जाना कि वहाँ रहने वालों के सहकार्यता की कमी से होने वाली समस्याओं को कैसे हल किया जा रहा है।
विश्वसनीय डेटा राष्ट्र के नीतिगत निर्णय और उनके सुचारू कार्यान्वयन का आधार होता है। यदि डेटा में कोई त्रुटि या कमी होती है, तो इससे नीतियों के निर्माण में परिलक्षित हो सकता है और कई बार संसाधनों का असमान वितरण हो सकता है। इस समस्या का समाधान न होते देख ओवैसी ने आग्रह किया कि इसपे तत्काल ध्यान दिया जाए और उचित समाधानों को अपनाते हुए डेटा संग्रहण को सही और व्यावहारिक बनाने का कार्य करें।
ओवैसी ने अपने पत्र में सरकार से अनुरोध किया कि वे दो सप्ताह के भीतर उनके सवालों का उत्तर दें और इस तरह के उपायों के बारे में जानकारी साझा करें जो डेटा संग्रह में सुधार कर सकें। उनका आग्रह है कि जनता का विश्वास और सहयोग सरकार के निर्णयों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ बनाए रखा जाए।
एक टिप्पणी लिखें