उच्च आमदनी वाले सुरक्षित परिसरों में जनगणना डेटा संग्रहण की चुनौतियों पर ओवैसी का सवाल

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उच्च आमदनी वाले सुरक्षित परिसरों में जनगणना डेटा संग्रहण की चुनौतियों पर ओवैसी का सवाल

उच्च आयवर्गीय गेटेड सोसाइटीज में डेटा संग्रहण की चुनौतियाँ

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उच्च आयवर्गीय गेटेड सोसाइटीज में जनगणना के डेटा संग्रहण में आने वाली कठिनाइयों का मुद्दा उठाया। ओवैसी ने बताया कि कई रिपोर्टें इस ओर इशारा करती हैं कि इन सोसाइटीज में जनगणना अधिकारियों को एंट्री संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ये जगहें अक्सर सुरक्षित होती हैं, और वहां के निवासी अधिकारियों को अपेक्षित सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे डेटा का संग्रहण प्रभावित हो रहा है।

नीतिगत निर्णयों के लिए सही डेटा का महत्व

ओवैसी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि किसी भी नीति निर्धारण और संसाधनों के समुचित आवंटन के लिए सटीक और संपूर्ण डेटा का होना अत्यंत आवश्यक है। अगर डेटा संग्रहण में कोई भी अंतराल आता है, तो इससे जनसांख्यिकीय परिस्थितियों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। यह राष्ट्र की जरूरतों और योजनाओं की प्राथमिकताओं को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, उन्होंने विशेष रणनीतियों और उपायों के बारे में जानकारी मांगी, जो कि सरकार ने इस चुनौती को हल करने के लिए अपनाई हैं।

गेटेड सोसाइटीज के लिए डेटा संग्रहण संबन्धित प्रश्न

गेटेड सोसाइटीज के लिए डेटा संग्रहण संबन्धित प्रश्न

ओवैसी ने विस्तार से पूछा कि इस प्रकार की गेटेड सोसाइटीज से डेटा एकत्र करने के लिए कौन-कौनसी विशेष रणनीतियां अपनाई जा रही हैं और क्या सरकार के पास कोई विशेष प्रोटोकॉल हैं जो इन क्षेत्रों में लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जाना कि वहाँ रहने वालों के सहकार्यता की कमी से होने वाली समस्याओं को कैसे हल किया जा रहा है।

जनगणना डेटा की विश्वसनीयता का असर

जनगणना डेटा की विश्वसनीयता का असर

विश्वसनीय डेटा राष्ट्र के नीतिगत निर्णय और उनके सुचारू कार्यान्वयन का आधार होता है। यदि डेटा में कोई त्रुटि या कमी होती है, तो इससे नीतियों के निर्माण में परिलक्षित हो सकता है और कई बार संसाधनों का असमान वितरण हो सकता है। इस समस्या का समाधान न होते देख ओवैसी ने आग्रह किया कि इसपे तत्काल ध्यान दिया जाए और उचित समाधानों को अपनाते हुए डेटा संग्रहण को सही और व्यावहारिक बनाने का कार्य करें।

सरकार से अनुत्तरित सवाल और ओवैसी की अपेक्षाएं

ओवैसी ने अपने पत्र में सरकार से अनुरोध किया कि वे दो सप्ताह के भीतर उनके सवालों का उत्तर दें और इस तरह के उपायों के बारे में जानकारी साझा करें जो डेटा संग्रह में सुधार कर सकें। उनका आग्रह है कि जनता का विश्वास और सहयोग सरकार के निर्णयों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ बनाए रखा जाए।

टिप्पणि

Aayushi Tewari

Aayushi Tewari

28 नवंबर / 2024

गेटेड सोसाइटीज में डेटा संग्रहण वास्तव में जटिल है।

Rin Maeyashiki

Rin Maeyashiki

28 नवंबर / 2024

ओवैसी साहब ने जो सवाल उठाए हैं, वह बिल्कुल सही दिशा में है! हमारे देश में कई उच्च आय वर्ग वाले क्षेत्रों में बस्तियों की सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर एक अटूट झंझट है, और यही कारण है कि आधिकारिक डेटा अक्सर अधूरा रहता है। पहले तो ये सोसाइटीज में प्रवेश ही कठिन होता है, क्योंकि गेटेड एंट्रियों की सख़्त जाँच और इंट्रूडर पहचान प्रणाली होती है। फिर, जब अधिकारी अंदर पहुँचते हैं, तो अक्सर रहवासी लोगों की नज़र में उन्हें निजी मामलों में दखल देने वाला माना जाता है। इससे डेटा एकत्र करने वाले लोगों को कई बार बैरियर का सामना करना पड़ता है, जो कि नीतियों के निर्माण में बाधा बन जाता है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार को विशेष प्रशिक्षण वाले कर्मियों को नियुक्त करना चाहिए, जो इन क्षेत्रों में सहजता से काम कर सकें। साथ ही, गेटेड सोसाइटीज को एक स्पष्ट प्रोटोकॉल देना चाहिए, जिसमें डेटा संग्रहण के उद्देश्य को स्पष्ट किया जाए और निवासियों को भरोसा दिलाया जाए। यह भी ज़रूरी है कि डेटा संग्रहण के दौरान गोपनीयता का पूरा ख़याल रखा जाए, जिससे लोगों का सहयोग मिल सके। इसके अलावा, स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक तालमेल स्थापित किया जाए, ताकि कोई भी गलतफहमी न रहे। अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि सटीक डेटा ही सही नीतियों की नींव बनता है, और यह नीतियां ही आम जनता को लाभ पहुंचाती हैं।

Paras Printpack

Paras Printpack

28 नवंबर / 2024

ओवैसी की बात सुनकर तो लगता है कि सरकार ने गेटेड सोसाइटीज के लिए जासूस भी नहीं भेजे। अंत में ये सब बहाने हैं, डेटा चाहिए तो बस एक लाइन में पूछ लिया करो।

yaswanth rajana

yaswanth rajana

28 नवंबर / 2024

सही कहा, डेटा की सटीकता के लिए हमें पहले बंधनों को तोड़ना होगा। इसलिए मैं मानता हूँ कि अधिकारियों को गेटेड सोसाइटीज के भीतर विशेष प्रशिक्षण देना चाहिए। इसके अलावा, निवासियों के साथ नियमित मीटिंग करके उन्हें प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। अंत में, एक स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाकर सभी को लागू करना चाहिए, ताकि डेटा संग्रहण में कोई बाधा न आए।

Roma Bajaj Kohli

Roma Bajaj Kohli

28 नवंबर / 2024

देशभक्तों को इस बात की समझ नहीं है कि गेटेड सोसाइटीज में सुरक्षा पहले आती है। डेटा संग्रहण को राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर नहीं रखा जा सकता।

Nitin Thakur

Nitin Thakur

28 नवंबर / 2024

सरकार की इन बातों में बहुत देर हो रही है.. बस डेटाबेस अपडेट की बात नहीं है, लोग भी तो दिमाग लगाते हैं।

Arya Prayoga

Arya Prayoga

28 नवंबर / 2024

डेटा की कमी से नीति बनाना हद से बाहर है।

Vishal Lohar

Vishal Lohar

28 नवंबर / 2024

ओवैसी साहब का सवाल तो बिलकुल दिलचस्प है, लेकिन क्या हमें ये समझ में आता है कि गेटेड सोसाइटीज इतनी कठिन क्यों हैं? शायद उनके भीतर एक नैतिक कूटनीति चल रही है, जिसे हम समझ नहीं पा रहे।

Vinay Chaurasiya

Vinay Chaurasiya

28 नवंबर / 2024

समस्या स्पष्ट है: डेटा न मिलने की, समाधान स्पष्ट है: तुरंत कदम उठाएँ!!!

Selva Rajesh

Selva Rajesh

28 नवंबर / 2024

ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अगर सही जानकारी नहीं मिली तो परिणाम बुरा ही होगा। हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूँढ़ना चाहिए।

Ajay Kumar

Ajay Kumar

28 नवंबर / 2024

डेटा की गुप्तता और सार्वजनिक हित के बीच संतुलन बनाना एक कला है; इसे समझना ही बुद्धिमत्ता है।

Ravi Atif

Ravi Atif

28 नवंबर / 2024

ओवैसी ने उठाया मुद्दा बहुत ज़रूरी है 😊 डेटा बिना सही दृश्य नहीं मिलता, इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए।
शायद गेटेड सोसाइटीज में एक छोटा सर्वे भी मददगार हो सकता है।

Krish Solanki

Krish Solanki

28 नवंबर / 2024

डेटा संग्रहण की कठिनाइयों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता; यह राष्ट्रीय योजना का अहम हिस्सा है।

SHAKTI SINGH SHEKHAWAT

SHAKTI SINGH SHEKHAWAT

28 नवंबर / 2024

क्या आप जानते हैं कि ये गेटेड सोसाइटीज अक्सर विदेशी एजेंसियों के लिये छिपे हुए आधार होते हैं? इस पर गहरी जाँच जरूरी है।

sona saoirse

sona saoirse

28 नवंबर / 2024

ओवैसी ने थीक बात रखी है डाटा को लेके, एरर तो नहीं होगा।

VALLI M N

VALLI M N

28 नवंबर / 2024

डेटा का संग्रहण तो हमारा फर्ज़ है, लेकिन गेटेड सोसाइटीज में तो हमें अपना काम कभी‑कभी मुश्किल लगता है 😤। सरकार को तुरंत प्रोटोकॉल बनाना चाहिए!

Aparajita Mishra

Aparajita Mishra

28 नवंबर / 2024

ऐसा लगता है कि सबके पास वही पुरानी टॉपिक है, लेकिन चलो, इसे हल करने की कोशिश करते हैं।

Shiva Sharifi

Shiva Sharifi

28 नवंबर / 2024

डेटा की समस्या को हल करने के लिये हमें मिलकर काम करना चाहिए, सबको एक साथ लाना होगा। यह तभी संभव है जब हम सभी एक-दूसरे को समझें।

Ayush Dhingra

Ayush Dhingra

28 नवंबर / 2024

सरकार को जल्दी से जल्दी योजना बनानी चाहिए, नहीं तो जनसांख्यिकीय डेटा में गैप रहेगी। इस मुद्दे को हल करने में देरी नहीं होनी चाहिए।

Vineet Sharma

Vineet Sharma

28 नवंबर / 2024

ओवैसी का सवाल तो सही है, लेकिन क्या हमें यह समझ में आता है कि गेटेड सोसाइटीज में डेटा इकट्ठा करना इतना कठिन है?

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