केरल लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित हो चुके हैं और इस बार का चुनाव न केवल राज्य के राजनीतिक परिदृश्य बल्कि पूरे देश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) ने 20 लोकसभा सीटों के लिए कड़ा मुकाबला किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड से जीत दर्ज की जबकि शशि थरूर ने अपनी तिरुवनंतपुरम सीट को सुरक्षित रखा। यह चुनाव परिणाम न केवल उम्मीदवारों के लिए बल्कि पार्टियों की भविष्य की राजनीति के लिए भी निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं।
राहुल गांधी की विजयी यात्रा के अलावा, शशि थरूर की लगातार जीत भी कांग्रेस के लिए बड़ी राहत बनकर आई है। इसके अलावा, केरल के कई महत्वपूर्ण चेहरे इस चुनाव में उभर कर सामने आए हैं। मोस राजीव चंद्रशेखर, जो कि तिरुवनंतपुरम से मैदान में थे, और लोकप्रिय अभिनेता सुरेश गोपी, जिन्होंने त्रिशूर से चुनाव लड़ा था, बेहद विशेष ध्यान आकर्षित किया। यह देखना दिलचस्प रहा कि केरल के मतदाताओं ने किस प्रकार से अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों का चयन किया।
केरल में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार अत्यधिक मजबूत रहा है। राजमोहन उन्नीथन (INC) कासरगोड़ से विजयी हुए, के सुधाकरण (INC) कन्नूर से, शफी परंबिल (INC) वडाकरा से, एमके राघवन (INC) कोझिकोड से, ईटी मोहम्मद बशीर (IUML) मलप्पुरम से, डॉक्टर एमपी अब्दुस्समद समदानी पोनानी से, वीके श्रीकंदन (INC) पलक्कड़ से, के राशीद्रशन (CPI-M) अलाथुर (SC) से, बेनी बेहनन (INC) चलाकुडी से, हिबी इडेन (INC) एर्णाकुलम से, डीन कुरियाकोस (INC) इडुक्की से, के फ्रांसिस जॉर्ज (केरल कांग्रेस) कोट्टायम से, केसी वेणुगोपाल (INC) अलप्पुझा से, कोडिकुन्निल सुरेश (INC) मवेलीकारा (SC) से, अंतो एंटनी (INC) पथनमथिट्टा से, एनके प्रेमचंद्रन (क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी) कोल्लम से और अडूर प्रकाश (INC) अत्तिंगल से विजयी हुए।
NDA की ओर से भी निर्णायक लड़ाई लड़ी गई। त्रिशूर से सुरेश गोपी का जीतना इस पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा सकता है। सुरेश गोपी की जीत NDA के प्रभाव और जनाधार को मजबूती देने का संकेत है। उम्मीद की जा रही थी कि इस बार BJP के नेतृत्व वाला NDA 2-3 सीटें जीतेगा, और यही हुआ भी।
एक्जिट पोल के अनुसार, एक्सिस माय इंडिया ने भविष्यवाणी की थी कि BJP के नेतृत्व वाला NDA 2-3 सीटें जीतेगा, कांग्रेस के नेतृत्व वाली UDF को 17-18 सीटें मिलेंगी और CPI-M के नेतृत्व वाला LDF 0-1 सीटें जीतेगा। इन अनुमानों ने मुख्य रूप से जमीनी हकीकत को भी बखूबी दर्शाया।
इन चुनाव परिणामों का केरल की राजनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है। UDF का शानदार प्रदर्शन, NDA की उपस्थिति में वृद्धि और LDF की कमजोर स्थिति पूर्व के सामान्य चुनावी रुझानों से हटकर नए रुझान स्थापित कर सकती है। क्या आने वाले समय में कांग्रेस अपनी पकड़ को और मजबूत करेगी, या फिर NDA अपनी ठोस मौजूदगी बनाने में सफल होगा, यह देखने योग्य होगा।
इस बार का चुनाव न केवल राजनीतिक पार्टियों के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण परिक्षण साबित हुआ। 26 अप्रैल को हुई वोटिंग ने दिखाया कि केरल के लोग अपने नेताओं के प्रति कितने सजग और सचेत हैं। मतदाता जागरूकता, जागरूकता अभियान और जनता की भागीदारी ने इस चुनाव को विशेष रूप से सफल बनाया।
इन चुनाव परिणामों के बाद विजयी उम्मीदवारों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें अपने क्षेत्रों के विकास और राष्ट्रीय राजनीति में संवेदनशीलता से सकारात्मक भूमिका निभानी होगी। जिस प्रकार जनता ने भरोसा जताया है, उसे बनाए रखना अब इन नेताओं का कर्तव्य है।
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