20 मई, 2024
केरल राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मंगलवार को मुहर्रम के अवसर पर सरकारी अवकाश घोषित किया है। यह निर्णय किसी भी संभावित परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि मुहर्रम का महत्वपूर्ण इस्लामिक त्योहार समयानुसार मनाया जा सके।
इस घोषणा के बाद राज्य के नागरिकों में हर्ष का माहौल है, विशेषतः मुस्लिम समुदाय में। मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने की शुरुआत होती है और इसे बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इसका संबंध हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत से है, जिसे याद करने और उनके अद्वितीय बलिदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
घोषणा के बाद, राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मुहर्रम के धार्मिक कार्यक्रम और जलूस को सुचारू रूप से आयोजित किया जा सके। पुलिस और अन्य प्रशासनिक विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे सुरक्षा और व्यवस्था का पूरी तरह से ध्यान रखें।
स्थानीय मस्जिदों और इमामबाड़ों में विशेष प्रार्थना और धार्मिक आयोजन होंगे। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग काले वस्त्र पहनते हैं और मौन जुलूस निकालते हैं। इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए दिल से प्रार्थना करते हैं। इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों के लोग एकजुट होते हैं और भाईचारे का संदेश देते हैं।
मुहर्रम की शुरुआत हिजरी कैलेंडर के पहले महीने से होती है और इसका अति विशेष दिवस, यानि आशूरा, हजरत इमाम हुसैन की शहादत की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन को मुस्लिम समुदाय विशेष रूप से शोक और मातम के रूप में मनाता है। इमाम हुसैन की कर्बला की लड़ाई में शहादत का इतिहास इस्लाम धर्म में बलिदान और सत्य के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है।
केरल राज्य में भी मुहर्रम का विशेष महत्त्व है और यहाँ के मुसलमान इस त्यौहार को पूरी श्रद्धा से मनाते हैं। राज्य सरकार का यह कदम समुदाय की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करने वाला है और इसके कारण पूरे राज्य में एक सकारात्मक संदेश प्रसारित हुआ है।
मुहर्रम के अवकाश के कारण राज्य के सरकारी कार्यालय, शैक्षिक संस्थान और कई निजी संस्थाओं में अवकाश रहेगा। इस दौरान व्यवसाईक गतिविधियों में कुछ गिरावट आ सकती है, लेकिन इससे सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता का संदेश अधिक महत्व पाता है। इस अवसर पर लोग अपने परिवारों के साथ समय व्यतीत करेंगे और धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
मुसलमान अपने प्रियजनों के साथ मिलकर इस अवसर को शांति, प्रेम और भाईचारे के साथ मनाते हैं। विभिन्न धार्मिक संस्थानों द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों को खाना वितरण किया जाता है, जिससे समाज में संवेदना और परोपकार की भावना को बल मिलता है।
मुहर्रम के अवसर पर केरल का सामाजिक ताना-बाना और मजबूत हो जाता है। विभिन्न सांप्रदायिक और धार्मिक समूह एक साथ आते हैं और यह दर्शाते हैं कि विविधता में एकता ही हमारी ताकत है। इस त्यौहार का प्रभाव केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी देखा जा सकता है।
सरकार की ओर से की गई यह घोषणा महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य है, जो राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं की पुष्टि करती है। मुहर्रम के अवसर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा जाएगा, ताकि हर कोई इस त्यौहार को शांतिपूर्ण और सम्मानपूर्वक मना सके।
एक टिप्पणी लिखें