8 जून, 2024
इंडसइंड बैंक के तिमाही परिणामों के बाद शेयर बाजार में तनाव का वातावरण बन गया। शुक्रवार को शेयर बाजार में बैंक के शेयर की कीमत में गहरा हेरफेर हुआ, जब यह 20% गिरकर ₹1,025 पर पहुंच गया। यह कीमत बीते हुए 52 हफ्तों के निचले स्तर पर आ गई है। इस स्थिति ने निवेशकों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह चिंता विशेष रूप से इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में 39.2% की गिरावट दर्ज की। इस अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ ₹1,325.45 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में काफी कम है।
हालांकि बैंक की शुद्ध ब्याज आय 5.3% बढ़कर ₹5,347.3 करोड़ हो गई, लेकिन नेट ब्याज मार्जिन पिछले वर्ष की तुलना में 21 आधार अंक घटकर 4.08% रह गया। इसकी प्रमुख वजह बैंक की वृद्धि और मार्जिन पर बढ़ती दाब बताई जा रही है।
बैंक की ऋण वृद्धि पर भी दबाव देखने को मिला। वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में नए ऋणों पर जोखिम बढ़ा है जो गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में तब्दील हो गया। यह स्थिति विशेष प्रावधानों की लागत लगभग दोगुनी बढ़ते हुए ₹1,820 करोड़ कर देती है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह ₹974 करोड़ थी।
इस वित्तीय प्रदर्शन के कारण विश्लेषकों ने बैंक के शेयर के लक्षित मूल्य में कटौती की है, जिससे बाजार भाव में गिरावट देखी गई। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इस स्टॉक को 'खरीद' से 'होल्ड' में बदल दिया और लक्ष्य मूल्य ₹1,290 कर दिया। वहीं, एमके ने लक्षित मूल्य को ₹1,800 से घटाकर ₹1,650 करते हुए 'खरीद' की सिफारिश बनाए रखी।
फिलिप कैपिटल ने भी अपने वित्त वर्ष 2025 और 2026 के लाभ अनुमानों में क्रमशः 17.7% और 6.4% की कटौती की, लेकिन 'खरीद' की सिफारिश जारी रखी और लक्ष्य मूल्य ₹1,560 तय किया।
इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुमंत काठपालिया ने कहा कि बैंक ने संतुलन पर्ची को और मजबूत करने के लिए ₹525 करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान बनाए हैं। यह प्रावधान बैंक की वित्तीय स्थिति को मजबूती देने के प्रयास का हिस्सा है।
उन्होंने यह भी कहा कि बैंक बिहार, झारखंड के कुछ जिलों और महाराष्ट्र में ऋण प्रवाह को लेकर सतर्क हैं, विशेषकर माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र की चिंताओं के कारण। बैंक की एहतियाती नीति और समर्पित प्रबंधन से परिस्थितियों में सुधार की उम्मीद है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इंडसइंड बैंक की हाल की घटनाएं भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मामला प्रस्तुत करती हैं। यह घटना यह स्पष्ट करती है कि कैसे विश्लेषकों की राय और वित्तीय प्रदर्शन के सूक्ष्म विवरण निवेशक दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकते हैं।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, बैंक को मुख्यतः अपने ऋण पोर्टफोलियो की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह विचार भी प्रस्तुत किया गया है कि वित्तीय संस्थान तब तक सतर्कता बनाए रखें, जब तक कि आर्थिक स्थिति में पूर्ण सुधार न हो। यह आवश्यक है कि बैंक अपने एनपीए को नियंत्रित करने के लिए नवाचार और अनुशासन दोनों का प्रयोग करें।
वर्ष | शुद्ध लाभ (करोड़) | शुद्ध ब्याज आय (करोड़) |
---|---|---|
2023 | 2,180 | 5,075 |
2024 | 1,325 | 5,347 |
उपरोक्त तालिका से यह स्पष्ट है कि पिछले वर्ष की तुलना में शुद्ध ब्याज आय में मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन लाभ में कमी ने निवेशक विश्वास को हिला दिया है। भविष्य में, बैंक को सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता होगी ताकि यह फिर से मजबूत लाभ अर्जित कर सके।
ऐसे समय में जब आशंका और अनिश्चितता बढ़ गई है, इंडसइंड बैंक को अपने ग्राहकों, निवेशकों और विश्लेषकों के साथ संवाद बढ़ाना होगा। उन्हें खुलकर वित्तीय योजना और विकास रणनीति के बारे में बात करनी चाहिए ताकि विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके।
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