निकोलस पूरन का एक ही हफ्ते में दो अलग-अलग मैचों में व्यवहार दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर गया। निकोलस पूरन, 29 साल के वेस्टइंडीज के विकेटकीपर-बल्लेबाज, ने IPL 2025 के एक महत्वपूर्ण मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में गुस्से में दस्ताने फेंक दिए, और अगले दिन ILT20 Season 4 में एक बल्लेबाज को स्टम्प करने का अवसर जानबूझकर छोड़ दिया। दोनों घटनाएं एक ही सप्ताह में घटीं — पहली लखनऊ के एकाना क्रिकेट स्टेडियम में 8 दिसंबर, 2025 को, और दूसरी दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 9 दिसंबर, 2025 को। ये दोनों घटनाएं सिर्फ गुस्सा या गलती नहीं, बल्कि आधुनिक टी20 क्रिकेट के दिमागी और रणनीतिक पहलू की एक झलक हैं।
लखनऊ में गुस्से का पल: जब दबाव ने तोड़ दिया शांति
लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए IPL 2025 का ये मैच जीतना जरूरी था — प्लेऑफ की उम्मीदें धागे के फांसी जैसी लटक रही थीं। 19.3 ओवर में पूरन 45 रन बनाकर 26 गेंदों में आउट हुए, जब वह एक खतरनाक दूसरा रन लेने की कोशिश कर रहे थे। वह बल्लेबाजी का दबाव बर्दाश्त नहीं कर पाए। बैटिंग ऑर्डर में कप्तान रिशभ पंत को नंबर 3 पर उतारने का फैसला भी बहस का विषय बना। पंत ने सिर्फ 7 रन बनाए 6 गेंदों में, और पूरन को बचाने का बोझ संभालना पड़ा। आउट होते ही वह ड्रेसिंग रूम की ओर जाते हुए दस्ताने फेंक गए। ये दृश्य IPL ब्रॉडकास्ट कैमरों पर कैद हुआ और 9 दिसंबर तक ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल हो गया।
अबिशेक पोरेल ने बाद में कहा, "चांस अभी भी हैं" — लेकिन इस बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था। टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा, "पूरन की भावनात्मक प्रतिक्रिया उस दबाव को दर्शाती है जिसका सामना लखनऊ की टीम कर रही है।" एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि पूरन और पंत के बीच मैच के बाद गर्मी भरा बातचीत हुई। क्रिकेट.वन ने लिखा, "पूरन ने गुस्से में शीशे को तोड़ने का इरादा रखा था।" ये दृश्य दर्शकों को याद दिलाता है कि टी20 क्रिकेट सिर्फ रन और विकेट नहीं, बल्कि दिमाग का खेल है।
दुबई में स्टम्पिंग न करने का रहस्य: जानबूझकर गलती या बुद्धिमानी?
अगले दिन, जब पूरन डेजर्ट वाइपर्स के लिए ILT20 Season 4 में एमआई एमीरेट्स के खिलाफ खेल रहे थे, तो उन्होंने एक ऐसा काम किया जिसे दुनिया ने देखा ही नहीं था। 16वें ओवर में बल्लेबाज मैक्स होल्डेन ने गेंद को लगाने की कोशिश की, लेकिन गेंद को छू नहीं पाए। वह बाहर निकल गए थे — विकेटकीपर के पास बल्ला लेकर खड़े होने का पूरा मौका था। पर पूरन ने बल्ला थामे रखा। बिना बेल्स हटाए, उन्होंने होल्डेन को बाहर नहीं किया।
इस दृश्य को देखकर उनके टीममेट रशीद खान का चेहरा बदल गया। उनका चिढ़ा हुआ अभिव्यक्ति कैमरे पर कैद हुआ। एक बार जब होल्डेन बल्लेबाजी करने वापस आए, तो अगली ही गेंद पर उन्हें आउट कर दिया गया। डेजर्ट वाइपर्स ने एक रन से जीत हासिल की। ये जीत सिर्फ रनों की नहीं, दिमाग की थी।
क्या ये रणनीति थी, या बस एक गलती?
क्रिकेटन्यूज247 के वीडियो में कहा गया, "ये सिर्फ क्रिकेट नहीं — ये अगली पीढ़ी की रणनीति है।" उनका तर्क था कि होल्डेन तब तक बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन उनकी बल्लेबाजी अपने आप में अस्थिर थी। पूरन को लगा कि अगर उन्हें बाहर नहीं किया गया, तो वह अगली गेंद पर आउट हो जाएंगे — और ऐसा ही हुआ।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये एक जानबूझकर किया गया मन गेम था। एक विश्लेषक ने कहा, "अगर आप एक बल्लेबाज को बाहर नहीं करते, तो उसके मन में ये विचार आता है — क्या मैं गलत हूं? क्या मैं अपनी जगह खो रहा हूं?" ये निर्णय सिर्फ एक विकेट नहीं, एक दिमाग को तोड़ने का तरीका था।
लेकिन कुछ अन्य विश्लेषक इसे एक गलती बता रहे हैं। उनका कहना है कि पूरन अभी तक अपने IPL मैच के दबाव से उबर नहीं पाए थे। शायद उनका दिमाग उसी गुस्से के निशान पर था। ये दोनों संभावनाएं अभी भी बहस का विषय हैं।
टी20 क्रिकेट का नया अध्याय: दिमाग बनाम दस्ताने
पूरन के दोनों कार्यों ने टी20 क्रिकेट के एक नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। अब सिर्फ बल्ला और गेंद ही नहीं, बल्कि दिमाग और भावनाएं भी खेल का हिस्सा बन गई हैं। एक विकेटकीपर के लिए एक बल्लेबाज को स्टम्प करना एक जिम्मेदारी है — लेकिन क्या वह जिम्मेदारी अब रणनीति के लिए बल्कि दिमाग के लिए बल्ला बन गई है?
ये दो घटनाएं एक ही खिलाड़ी के लिए एक ही सप्ताह में होना असामान्य है। क्या ये एक खिलाड़ी की अस्थिरता है? या एक नए प्रकार के खेल की शुरुआत? जब एक बल्लेबाज के लिए दस्ताने फेंकना और एक बल्लेबाज को स्टम्प न करना दोनों ही विवाद का कारण बन जाएं, तो ये स्पष्ट है कि क्रिकेट अब सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक युद्ध है।
अगला क्या होगा?
लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए अब बाकी मैचों में उन्हें अपनी भावनाओं पर काबू पाना होगा। पूरन के लिए अगला चुनौती ये होगी कि क्या वह अपने गुस्से को रणनीति में बदल सकते हैं। अगर वह अगले मैच में एक बल्लेबाज को स्टम्प करने के बजाय उसे जीवित रखने का फैसला करते हैं — और फिर उसी गेंद पर उसे आउट कर दें — तो दुनिया को ये समझना होगा कि ये अब एक नया नियम है।
अब टी20 टूर्नामेंट में एक विकेटकीपर के लिए सिर्फ बल्ला थामना ही नहीं, बल्कि दिमाग भी थामना होगा। और शायद अगले दिन कोई और खिलाड़ी भी एक बल्लेबाज को स्टम्प न करके उसके मन में डर डाल दे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
निकोलस पूरन का ड्रेसिंग रूम गुस्सा क्यों वायरल हुआ?
पूरन का गुस्सा उस समय वायरल हुआ जब वह एक महत्वपूर्ण IPL मैच में आउट हुए, जिसमें लखनऊ की प्लेऑफ की उम्मीदें लटक रही थीं। उनके दस्ताने फेंकने का दृश्य IPL ब्रॉडकास्ट ने कैद किया, जिससे लोगों को लगा कि दबाव ने एक बड़े खिलाड़ी को तोड़ दिया। इस दृश्य ने टी20 क्रिकेट के भावनात्मक पहलू को उजागर किया।
ILT20 में पूरन ने स्टम्पिंग क्यों नहीं की?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पूरन ने जानबूझकर स्टम्पिंग नहीं की क्योंकि बल्लेबाज मैक्स होल्डेन अस्थिर थे। उन्हें लगा कि अगर उन्हें बाहर नहीं किया जाएगा, तो अगली गेंद पर आउट हो जाएंगे — और ऐसा ही हुआ। ये एक रणनीतिक चाल थी, जिसने बल्लेबाज के मन में डर डाल दिया।
क्या ये दोनों घटनाएं एक ही कारण से जुड़ी हैं?
हां। दोनों घटनाएं एक ही दबाव के निशान पर हुईं — एक बड़े टूर्नामेंट में अपनी जगह बनाए रखने की जरूरत। पूरन ने एक जगह गुस्से से प्रतिक्रिया दी, दूसरी जगह शांति से रणनीति अपनाई। ये उनकी भावनात्मक अस्थिरता की दो ओर हैं।
क्या ये टी20 क्रिकेट का नया नियम बन सकता है?
हो सकता है। अगर एक विकेटकीपर को जानबूझकर स्टम्पिंग न करने का फायदा मिले, तो अन्य खिलाड़ी भी इसे अपना सकते हैं। ये अब सिर्फ एक अजीब घटना नहीं, बल्कि एक नए तरीके की शुरुआत हो सकती है — जहां विकेट लेने के बजाय दिमाग तोड़ना ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाए।
रशीद खान का गुस्सा क्यों दिखाई दिया?
रशीद खान एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल के नियमों का पालन करने में विश्वास करते हैं। उनके लिए स्टम्पिंग एक जिम्मेदारी है, और उसे न निभाना उनके लिए अनैतिक लगा। उनकी चिढ़ इस बात की थी कि एक ऐसी चाल को जानबूझकर किया जा रहा है, जो खेल की आत्मा के खिलाफ है।
IPL और ILT20 में खिलाड़ियों के व्यवहार में क्या अंतर है?
IPL में दबाव ज्यादा होता है — भारतीय दर्शक, बड़े स्पॉन्सर, और टीम की जीत का दबाव। ILT20 में दबाव कम होता है, लेकिन रणनीति पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। पूरन के लिए IPL में गुस्सा आया, ILT20 में दिमाग ने उन्हें आगे बढ़ाया। ये दोनों अलग-अलग दबावों के परिणाम हैं।