17 जून, 2024
13 अप्रैल, 2025
31 अगस्त, 2024
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम ने इस टूर्नामेंट में लगातार बैटर‑फ्रेंडली बर्ताव दिखाया है। पावर प्ले में बाउंड्री आसानी से मिल रही थीं, जबकि मिडल ओवर्स में लाइन‑लेंथ की गलती जल्दी बल्लेबाज़ों को सजा देती है। डेढ़ ओवर के बाद भी रन दर ऊँची रहती है, पर दिक्कत तब आती है जब बॉलरों की साइड लाइन में शॉट्स का मौका मिल जाता है।
ऐसे माहौल में टीमों ने अपनी सामरिक योजना को दो‑तीन बार बदलते देखा। बांग्लादेश ने टॉस जीत कर पहले बॉलिंग करने का फ़ैसला किया—क्योंकि पिछले मैचों में चेजिंग टीमों को अक्सर फायदा मिला था। दूसरी ओर Pakistan ने धीमी शुरूआत को संभालते हुए, गेंदबाजी में दबाव बनाकर लक्ष्य को छोटा रखने की सोची।
पिच पर स्पिन का असर भी सीमित था, इसलिए दोनों पक्षों ने तेज़ बॉलरों को प्राथमिकता दी। शाहीन अफ़रीदी और हारिस रौफ़ के साथ-साथ मिडल ओवर में नई तेज़ी के साथ रॉकी मैक्सिमम रन दर को नियंत्रित करने की कोशिश की गई।
बांग्लादेश की तरफ़ कप्तान‑विकेटकीपर जकर अली ने लिटॉन दास और महेदी हसन को वापस बुलाया था। दास की टॉप ऑर्डर में स्थिरता और हसन की फाइनिंग स्पिन ने पिछले मैच में टीम को एक बूस्ट दिया था, इसलिए यह उम्मीद थी कि वे दुबई की पिच पर भी चमकेंगे।
वहीं Pakistan के कप्तान सलमान अघा ने सलीह जाफ़र को बीच में रखें, जिससे आक्रमण के बीच में तेज़ी और असुरक्षित शॉट्स दोनों को संभाला जा सके। शहीन अफ़रीदी की शुरुआती ओवर में फेज़िंग और हारिस रौफ़ की वारिंग ने बांग्लादेश की टॉप क्रम को झकझोर दिया। स्पिन विभाग में अबरर अहमद और मोहम्मद नवाज़ ने नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश की।
मैच के दौरान सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब बुजुर्ग बॉलर मुस्ताफ़िज़ुर रहमान ने दो शुरुआती ओवर में ठीक लाइन नहीं रखी, जिससे पाकिस्तान का शीर्ष क्रम थोड़ा आराम से चल पाया। परन्तु आगे के ओवर में शहीन ने अपनी तेज़ गति से दो तेज़ विकेट लिये, जिससे बांग्लादेश का दबाव बढ़ गया।
जब लक्ष्य 135/8 किया गया, तो बांग्लादेश को 35‑40 रनों की शेष आवश्यकता थी। यहाँ दो मुख्य बिंदु सामने आये: पहले, हारिस रौफ़ ने अपने सापेक्ष गति में बदलाव करके दो विकेट लिये, और दूसरे, अबरर अहमद ने मध्य ओवर में सटीक लाइन से दो विकेट हासिल कर टीम को पकड़ में रखा। अंत में बांग्लादेश ने 124/9 पर समाप्ति पाई, जिससे Pakistan ने 11 रनों से जीत हासिल की।
इस जीत से पाकिस्तान ने टूर्नामेंट फाइनल में भारत का सामना करने का रास्ता साफ़ किया। दोनों टीमों के दृष्टिकोण से इस मैच ने कई बातें स्पष्ट कर दीं: तेज़ बॉलिंग की अहमियत, पिच पर औसत स्पिन की सीमा, और फाइनल में क्या बदलना चाहिए। अब फाइनल की ओर देखते हुए, भारत‑पाकिस्तान मुकाबला और भी रोमांचक होने की सम्भावना है।