AI से खतरे में IT जॉब्स: Microsoft सहित दिग्गज टेक कंपनियों में 2025 में भारी छंटनी की तैयारी

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AI से खतरे में IT जॉब्स: Microsoft सहित दिग्गज टेक कंपनियों में 2025 में भारी छंटनी की तैयारी

AI का बढ़ता असर: कंपनियों में छंटनी की लहर

अगर आप IT सेक्टर में काम करते हैं या उसकी तैयारी कर रहे हैं, तो अगले साल की खबर चौंका सकती है। AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिस तेजी से काम बदल रहा है, उसी तेजी से नौकरियां भी खतरे में आ गई हैं। माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, ऑटोडेस्क जैसी नामी कंपनियां 2025 में बड़े स्तर पर छंटनी की तैयारी कर रही हैं। जहाँ तकनीकी ऑटोमेशन और AI आधारित टूल्स कंपनियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ा रहे हैं, वहीं इंसानों की जरूरत घटती जा रही है।

माइक्रोसॉफ्ट ने तो इन बदलावों की शुरुआत भी कर दी है। कंपनी अब अपनी टीम को एआई के हिसाब से फिट कर रही है, यानी जहाँ संभव है, वहाँ ऑटोमेटिक सॉल्यूशंस से काम लिया जाएगा और टीम छोटी की जाएगी। ऑटोडेस्क ने तो 9% (करीब 1,350 कर्मचारी) अपने स्टाफ को अलविदा कह दिया, ताकि मशीन लर्निंग के नए प्रयोग किए जा सकें।

एजुकेशन सेक्टर भी इससे बच नहीं सका। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म Chegg ने 22% (248 कर्मचारियों) की छंटनी एक ही झटके में कर डाली, क्योंकि छात्र अब सीधे ChatGPT या गूगल Gemini जैसे AI टूल्स पर भरोसा करने लगे हैं।

भविष्य में नौकरियों पर मंडराता संकट

भविष्य में नौकरियों पर मंडराता संकट

Anthropic के सीईओ डैरियो अमोडेई का कहना है कि आने वाले पांच साल में AI की वजह से एंट्री-लेवल सफेदपोश नौकरियों का आधा हिस्सा चला जाएगा। ऐसे में बेरोजगारी दर 10% से 20% तक जा सकती है, जो अपने आप में डरावना आंकड़ा है।

साल 2025 के पहले छह महीनों में ही AI संबंधित छंटनी 77,999 जॉब्स तक पहुँच चुकी है। और ये सिलसिला सिर्फ सॉफ्टवेयर कंपनियों तक सीमित नहीं रहा। रिटेल दिग्गज Starbucks, फिनटेक कंपनी Stripe और लॉजिस्टिक्स में UPS जैसी कंपनियों ने भी AI को तर्क बनाकर बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाल दिया।

इस बढ़ती ऑटोमेशन के दौर में कंपनियों को तो तेज प्रोडक्टिविटी और कम लागत की राहत मिल रही है, लेकिन लाखों युवाओं—खासकर फ्रेशर और मिड-लेवल प्रोफेशनल्स—के सामने नौकरी बचाना असली चुनौती बन गया है। अब बात सिर्फ टेक सेक्टर की नहीं रही, एजुकेशन, रिटेल, सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स तक इसकी सीधी मार पड़ रही है।

सरकार और कंपनियों के लिए यह वक्त बेहद नाजुक बन चुका है। व्यावसायिक ट्रेनिंग, नई स्किल्स पर फोकस और रोजगार बचाने के लिए कोई ठोस रणनीति बनानी ही होगी। वरना, AI हमें इतनी तेजी से बदल देगा, जितनी उम्मीद भी किसी ने शायद न की हो।

टिप्पणि

anuj aggarwal

anuj aggarwal

27 जून / 2025

AI का मज़ाक समझते हैं आप? माइक्रोसॉफ्ट और बाकी फ़िर बड़ी कंपनियां पहले से ही अपने कर्मचारियों को मार रही हैं, आप फिर भी इसे हंसी में ले रहे हैं।

Sony Lis Saputra

Sony Lis Saputra

27 जून / 2025

देखो, AI का चलन तो ज़रूरी है, पर इसका मतलब ये नहीं कि लोग नौकरी से बाहर हो जाएँ। स्किल अपग्रेडिंग के लिए ऑनलाइन कोडिंग बूटकैंप, क्लाउड सर्टिफिकेशन और डेटा साइंस कोर्स ले सकते हैं, इससे नया अवसर मिलेगा। साथ ही, छोटे स्टार्टअप्स में इंटर्नशिप करके हाथ का तजुर्बा भी हासिल किया जा सकता है।

Kirti Sihag

Kirti Sihag

27 जून / 2025

ओह भगवान! 😭 AI की वजह से लाखों लोगों की नौकरी जा रही है, और हम बस देखते‑देखते 😱 ख़ाली पेट रो रहे हैं। यह सच्ची त्रासदी है, लेकिन कोई नहीं सुन रहा! 😔

Vibhuti Pandya

Vibhuti Pandya

27 जून / 2025

हकीकत में, हम सबको मिलकर इस परिवर्तन को समझना और अपनाना चाहिए। छोटे‑छोटे समूह बनाकर नई तकनीकों की ट्रेनिंग कर सकते हैं, जिससे सभी को बराबर मौका मिले। कंपनी‑स्तर पर भी रीस्किलिंग प्रोग्राम शुरू किए जा सकते हैं, जो सभी को सुरक्षित रखेगा।

Aayushi Tewari

Aayushi Tewari

27 जून / 2025

यदि हम व्यावसायिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दें तो इस AI‑आधारित पुनर्संरचना को सकारात्मक रूप से उपयोग किया जा सकता है। नीतियां बनानी चाहिए जो कर्मचारियों को नई कौशलों की ओर अग्रसर करें, और साथ ही रोजगार की स्थिरता भी बनाएँ।

Rin Maeyashiki

Rin Maeyashiki

27 जून / 2025

AI की तेजी से बदलती दुनिया में हम सबको जागरूक होना ज़रूरी है!
पहले तो यह समझें कि ऑटोमेशन का मतलब पूरी तरह से इंसान हटाना नहीं है, बल्कि काम की गति बढ़ाना है।
अगर आप अपना मन बदलें और नई तकनीक सीखें तो आप खुद को आगे रख सकते हैं।
कोडिंग, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे कोर्स आज ही शुरू करें।
हर दिन थोड़ा‑थोड़ा समय निकालकर प्रैक्टिस करें, इससे बड़ा असर पड़ेगा।
अपनी रेज़्यूमे में प्रोजेक्ट्स जोड़ें, जिससे नियोक्ता देख सके कि आप अपडेटेड हैं।
फ्री ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Coursera, edX, और Udacity पर बहुत सारे मुफ्त कोर्स हैं।
साथ ही, स्थानीय टेक मीट‑अप में भाग लेकर नेटवर्क बनाएं, यह आपके करियर को नई दिशा देगा।
यदि आप फ़्रीलांस प्रोजेक्ट्स लेते हैं तो वास्तविक अनुभव मिल जाएगा।
अपनी दक्षता को बढ़ाने के साथ साथ सॉफ्ट स्किल्स जैसे संवाद, टीमवर्क और समस्या‑समाधान को भी न भूलें।
इसे एक अवसर मानें, न कि मुसीबत, क्योंकि चुनौतियों से ही नई संभावनाएँ बनती हैं।
आपके आसपास कई लोग भी इस परिवर्तन से गुजर रहे हैं, साथ मिलकर आप सभी एक‑दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
यदि आपका कंपनी रिस्किलिंग प्रोग्राम नहीं देता तो आप खुद पहल करें और अपने बॉस को सुझाव दें।
आगे देखते हुए, इस AI दौर में जिन लोगों ने अपने आप को अपडेट किया, वही शीर्ष पर रहेंगे।
तो चलिए, आज से ही एक छोटा‑सा लक्ष्य तय करें और उसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
याद रखिए, सफलता मेहनत और निरंतर सीखने का परिणाम है, और आप इसमें सक्षम हैं!

Paras Printpack

Paras Printpack

27 जून / 2025

अरे वाह, AI से नौकरियों का खतरा? फिर तो हमें पत्थर पर लिखी पुस्तकें भी पढ़नी पड़ेंगी, क्या अद्भुत भविष्य होगा! 🙄

yaswanth rajana

yaswanth rajana

27 जून / 2025

सच्ची बात यह है कि तकनीकी परिवर्तन अनिवार्य है, और हमें इसको अपनाते हुए कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। इसलिए, कंपनियों को सक्रिय रूप से रीस्‍किलिंग प्रोग्राम लागू करना चाहिए, जिससे हर स्तर पर कर्मचारियों को नई भूमिका मिल सके। यह सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि व्यावहारिक उपाय है, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और छंटनी रोकी जा सकेगी।

Roma Bajaj Kohli

Roma Bajaj Kohli

27 जून / 2025

देश की टेक स्फूर्ति को कहीं नहीं छोड़ना चाहिए, इसे गहरी रणनीति और स्वदेशी AI समाधान के माध्यम से सशक्त बनाना आवश्यक है। हमे अपने टेक इकोसिस्टम को विदेशी कंपनियों की टर्नओवर से बचाने के लिए राष्ट्रीय रिसर्च क्लस्टर स्थापित करने चाहिए, जिससे रोजगार के अवसर राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षित रहें।

Nitin Thakur

Nitin Thakur

27 जून / 2025

जो लोग AI को बैड मानते हैं वे वास्तव में प्रगति से डरते हैं और समाज के लिए नुकसानदेह होते हैं

Arya Prayoga

Arya Prayoga

27 जून / 2025

AI का असर उजागर है, बचाव में केवल अपस्किलिंग ही समाधान है।

Vishal Lohar

Vishal Lohar

27 जून / 2025

वास्तव में, यह एक दुष्ट युग का संकेत है जहाँ केवल अल्पसंख्यक ही तकनीकी ज्ञान के साथ जीवित रहेंगे; बाकी लोग इतिहास के पन्नों में धुंधले रूप में खो जाएँगे।

Vinay Chaurasiya

Vinay Chaurasiya

27 जून / 2025

बिलकुल, AI के कारण नौकरी खत्म, यही सच है!!!

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