22 जून, 2024
29 सितंबर, 2024
तेलुगू फिल्म 'गैंग्स ऑफ गोदावरी' का निर्देशन कृष्णा चैतन्य ने किया है और इसमें विष्वक सेन और नेहा शेट्टी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म एक क्राइम ड्रामा है, जो दरअसल एक छोटे से गांव और उसके निवासियों की कहानी पर आधारित है। यह गांव गोदावरी नदी के किनारे स्थित है और फिल्म की अधिकतर घटनाएं इसी स्थान के इर्द-गिर्द घूमती हैं। कहानी का केंद्रबिंदु है रतन, एक ऐसा युवक जिसकी आँखों में बड़े सपने हैं और जो सत्ता तथा शक्ति के महत्वाकांक्षी दायरे में प्रवेश करता है।
फिल्म की कहानी के केंद्र में रतन नामक एक युवक है, जो अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने का सपना देखता है। वह एक सामान्य गांव का निवासी है, लेकिन उसकी आंखों में महत्वाकांक्षाएं भरी हुई हैं। रतन की शुरुआती जिंदगी शांति से गुजरती है, लेकिन जैसे ही वह एमएलए डोरा स्वामी राजू के कार्यों और राजनीति में दिलचस्पी लेता है, उसकी जिंदगी में बड़े बदलाव आते हैं।
वह जल्द ही डोरा स्वामी के गुट में शामिल हो जाता है और उसके लिए काम करना शुरू कर देता है। यह उसका पहला कदम होता है अपराध और राजनीति की उलझनों में प्रवेश का। सरपरस्त एसोसिएशन के साथ काम करते हुए, रतन खुद को राजनीति के कई रंगों और चेहरों से रूबरू पाता है। लेकिन यह एक अस्थायी स्थिति होती है; रतन की महत्वाकांक्षाएं उसे डोरा स्वामी के विरोधी ग्रुप, नानाजी के गुट में शामिल होने पर मजबूर करती हैं।
रतन के जीवन में दाखिल होने वाली यह दोहरी राजनीति उसे विवाद और संघर्ष के लिए एक नया मार्ग दिखाती है। नानाजी के गुट में शामिल होने के बाद रतन खुद को राजनीति और अपराध के दोनों धरातलों पर मुकाबला करता पाता है। नानाजी के नेतृत्व में, रतन सत्ता और शक्ति की नई ऊंचाइयों तक पहुँचता है, लेकिन इसके साथ ही उसे कई नए दुश्मन भी मिल जाते हैं।
इस यात्रा में, रतन कई व्यक्तिगत और पेशेवर चुनौतियों का सामना करता है। उसे धीरे-धीरे समझ में आता है कि सत्ता और शक्ति के खेल में कोई भी किसी का नहीं है। नानाजी का समर्थन उसके लिए एक वरदान और एक शाप दोनों के रूप में सामने आता है। राजनीति में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, रतन खुद को इस खेल में बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करता है।
रतन के किरदार में विष्वक सेन ने एक संतुलित और प्रभावी प्रदर्शन किया है। उनकी अभिनय क्षमता ने फिल्म की खासियत को और भी बढ़ा दिया है। रतन के रूप में उनकी भूमिका को दर्शकों ने काफी पसंद किया है। उनकी ऊर्जा और दमदार प्रस्तुति ने फिल्म की कहानी को और भी रोमांचक बना दिया है।
फिल्म में हालांकि कुछ कमियाँ भी हैं, जैसे कि चरित्र विकास की कमी और अत्यधिक हिंसा। रतन के किरदार के अलावा, अन्य पात्रों को उतनी प्राथमिकता नहीं दी गई, जो कहानी की गहराई को थोड़ा कमजोर बनाती है।
'गैंग्स ऑफ गोदावरी' एक ऐसी फिल्म है जो मुख्यतः अत्यधिक एक्शन और क्राइम ड्रामा के प्रेमियों को आकर्षित करेगी। इसके ट्विस्ट और टर्न्स दर्शकों को जुड़े रखने में सफल रहते हैं। जबकि फिल्म की कहानी और किरदारों में कुछ खामियाँ हैं, लेकिन विष्वक सेन के दमदार प्रदर्शन ने इसकी कमी को काफी हद तक पूरा किया है।
फिल्म की प्रमुख कमजोरी उसकी अत्यधिक हिंसा में निहित है, जो कुछ दर्शकों को अपील नहीं कर सकती। इसके बावजूद, 'गैंग्स ऑफ गोदावरी' अपने दर्शकों को मनोरंजन प्रदान करने में सफल रहती है और इसे एक 'मास' फिल्म के तौर पर देखा जा सकता है जो इस जॉनर के प्रशंसकों को जरूर पसंद आएगी।
एक टिप्पणी लिखें