4 मई, 2025
21 जुलाई, 2024
करुण नायर को जब 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिली, तो सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट गलियारे तक यही चर्चा चल रही थी—क्या असंभव को मुमकिन करना यही कहते हैं? 32 साल के करुण के लिए यह घड़ी सिर्फ चयन की नहीं, बल्कि पूरे संघर्ष, दर्द, और उम्मीद की कहानी है। जिन लोगों ने उनका ट्रिपल सेंचुरी वाला वह टेस्ट मैच देखा था, वे जानते थे कि यह खिलाड़ी मेहनत की मिसाल है। लेकिन फिर आठ साल तक टीम से दूर रहना किसी भी क्रिकेटर के लिए आसान नहीं होता।
करुण नायर का आखिरी टेस्ट 2017 में था। इसके बाद लंबे समय तक उनका नाम चयनकर्ताओं के लिए मानो गायब-सा हो गया। लेकिन नायर ने ने हार नहीं मानी। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार फार्म का प्रदर्शन किया—2024–25 रणजी ट्रॉफी में 9 मैचों में 863 रन, जिसमें चार शतक शामिल हैं। वहीं विजय हजारे ट्रॉफी की आठ पारियों में 779 रन और पांच शतक की चर्चा हर क्रिकेट प्रेमी कर रहा है। ये आंकड़े बताते हैं कि नायर ने हर मैच को अपने करियर की नई शुरुआत की तरह खेला।
नायर के मुताबिक, यह वापसी उनकी जिद और क्रिकेट के प्रति प्यार का नतीजा है। उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि पिछले आठ सालों में वो खुद से एक ही बात कहते रहे—'डियर क्रिकेट, मुझे एक मौका और दे दो।' इस जुनून, अपेक्षा और हार न मानने की जिद ने उन्हें सीधा टीम इंडिया के टेस्ट स्क्वॉड तक पहुंचाया।
रन बनाना एक बात है, लेकिन इतने लंबे इंतजार के बावजूद फिटनेस, मोटिवेशन और आत्मविश्वास बनाए रखना उनके अंदर जबरदस्त ताकत दिखाता है। उनका सिलेक्शन यह भी दिखाता है कि टीम इंडिया अब घरेलू परफॉर्मर्स को गंभीरता से देख रही है।
इंग्लैंड सीरीज़ के दौरान टीम का शेड्यूल भी रोमांचक है—eadingley, Edgbaston, Lord’s, Old Trafford और The Oval जैसे आइकोनिक मैदानों पर मैच होंगे। नायर के लिए वहां खेलना सिर्फ एक टेस्ट सीरीज नहीं, बल्कि मानो नए सपनों की शुरुआत है।
दिल्ली कैपिटल्स के लिए करुण ने आईपीएल 2025 में भी खुद को साबित किया। वे शुरुआत में टीम के फिक्स प्लेयर नहीं थे, लेकिन मौके मिलने पर वो भरोसा लौटाया। चयन के बाद उन्होंने कहा—'मैंने खुद पर भरोसा किया और कभी मेहनत करना नहीं छोड़ा, और यह मौका मेरे लिए गर्व का लम्हा है।'
करुण नायर की कहानी उन युवाओं के लिए असली प्रेरणा है, जो कामयाबी से पहले हार मान लेते हैं। नायर ने दिखाया है कि अगर भरोसा और मेहनत हो, तो इंतजार की सबसे लंबी रात भी सफलता की सुबह में बदल जाती है।
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