अगर आप किसी रेल दुर्घटना के नज़दीक हैं तो घबराना आसान है, पर सही कदम जानना जान बचा सकता है। नीचे दिए गए निर्देश सरल, तुरंत उपयोगी और व्यवहारिक हैं ताकि आप खुद की या दूसरों की मदद कर सकें।
पहला काम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सीट छोड़ें और प्लेटफ़ॉर्म से दूर, रेल लाइन से कम से कम 15-20 मीटर की दूरी पर स्थिर रहें। यदि ट्रेन पलटी है या आग लगी है तो धुएँ से दूर रहें और ऊँची ढलान या खुली जगह की तरफ जाएँ।
आपात स्थिति में 112 पर कॉल करें — यह राष्ट्रीय इमरजेंसी नंबर है। इसके अलावा रेलवे की हेल्पलाइन 139 पर भी तुरंत जानकारी दें। पास के स्टेशन मास्टर, कन्ट्रोल रूम या एयरपोर्ट की तरह स्थानीय पुलिस को (100) सूचित करें।
घायलों की मदद करने से पहले यह देखें कि मदद करना सुरक्षित है या नहीं। गंभीर खून बहना हो तो दबाव बनाकर रोकें, पर भारी चोट या रीढ़ की चोट संदेह हो तो घायलों को हिलाने से बचें जब तक प्रशिक्षित मदद न पहुंचे।
रेलगाड़ी के पास आग बुझाने के लिए खुद जाँचकर झपट्टा न मारें; बिजली के तार नीचे पड़े हों तो करीब न जाएं। भीड़ न बनाएं — यह बचाव कार्य में बाधा डालती है। मोबाइल पर वीडियो बनाकर वायरल करने से बचें; इससे परिवारों के लिए और कानूनी परेशानियाँ बढ़ सकती हैं।
घटना के बाद: घायल या मृतकों की सूची के लिए आधिकारिक स्रोतों का इंतज़ाम करें। रेलवे और स्थानीय प्रशासन की वेबसाइट/हेल्पलाइन से जानकारी लें। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलती है — आधिकारिक बयान आने तक अटकलों पर भरोसा न करें।
किस तरह मदद करें: 1) प्राथमिक चिकित्सा दे सकते हैं अगर आप प्रशिक्षित हों। 2) घायलों के करीबी बताने की कोशिश करें। 3) यदि आप रेजिस्टर्ड ड्राइवर हैं तो अस्पताल तक सुरक्षित परिवहन का इंतज़ाम करें। 4) बचाव दल को मार्ग खोलने में मदद करें।
राहत और मुआवजा: रेल दुर्घटना के बाद रेलवे और सरकार राहत पैकेज या मुआवजे की घोषणा कर सकती है। ऐसे मामलों में पीड़ितों को रेलवे के कार्यालय या आधिकारिक हेल्पलाइन से संपर्क कर रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। अगर जरूरत लगे तो कानूनी मदद लें — लोकल एडवोकेट या पीड़ित सहायता समूह मदद करते हैं।
बचाव के बाद की चीजें: अपने यात्रियों और परिवार को आधिकारिक चैनलों से अपडेट दें। अपने निजी दस्तावेज़ और टिकट सुरक्षित रखें — मुआवजे और बीमा दावों के लिए आवश्यक होंगे। तस्वीरें और मेडिकल रिकॉर्ड संभाल कर रखें।
रोकथाम: स्टेशन पर खड़े होने और प्लेटफ़ॉर्म किनारे से दूरी बनाए रखें। ट्रेन पार करते समय ओवरब्रिज या अंडरपास का उपयोग करें। अगर आप अक्सर ट्रेन यात्रा करते हैं तो प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन नंबर याद रखें।
यदि आप अक्सर यात्रियों के साथ काम करते हैं या स्टेशन पर रहते हैं तो आपातकालीन योजनाओं और ट्रेनिंग में भाग लें। सामुदायिक जागरूकता से कई हादसे टाले जा सकते हैं।
समाप्ति में — एकदम जरूरी बात: घबराहट कम रखें, सबसे पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें, फिर मदद के लिए 112 और रेलवे 139 पर कॉल करें। सही समय पर सही कदम आपको और दूसरों को सुरक्षित रखेंगे।