7 अक्तूबर, 2024
हमारे देश में क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक नई कहानी ने जन्म लिया है। इस बार यह कहानी बल्ले और गेंद की नहीं है, बल्कि एक साहसिक यात्रा की है। संजय बांगड़, जो भारतीय क्रिकेट में अपनी उत्कृष्ट खेल कला के लिए जाने जाते हैं, उनकी संतान अयान अब अनया के नाम से पहचानी जाती हैं। उन्हें इस पहचान तक आने में लंबा समय लगा। अपने जीवन के इस परिवर्तन को उन्होंने इंस्टाग्राम पर साझा किया। इस यात्रा में उनके अनुभव, संघर्ष, और उत्सुकता का समावेश है, जो उन्होंने एक ट्रांस महिला के रूप में अपनाने के दौरान महसूस किया।
अनया ने हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) कराई, जिसने उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में बदला। यह यात्रा आसान नहीं थी। अपने आपको पहचान पाने का संघर्ष और समाज में अपनी जगह बना पाने की चुनौती को वो बखूबी समझती हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने पिछले जीवन की कुछ तस्वीरों को साझा किया, जिसमें वह क्रिकेट की दुनिया के दिग्गजों के साथ खड़ी हुई दिखती हैं जैसे की विराट कोहली और एमएस धोनी। इन तसवीरों में वह पहले के जीवन के अनुभवों को अपनी वर्तमान पहचान के साथ जोड़ते हुए देखती हैं।
अनया की कहानी केवल व्यक्तिगत परिवर्तन की नहीं है। यह उस संघर्ष की कहानी है, जो वह अपने खेल के प्रति प्रेम और अपनी नई पहचान के बीच अनुभव करती हैं। अनया नवीनतम तकनीकों और हार्मोन बदलावों के चलते अपनी शारीरिक क्षमता को ढूंढ पा रही हैं। बदलाव के बाद मांसपेशियों में कमी, ताकत की कमी और एथलेटिक कौशल में कमी ने उन्हें पेशेवर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में कई दिक्कतें पैदा कीं।
वह समाज और खेल के नियमों के दोहरे मापदंड पर खुलकर बात करती हैं। ट्रांस महिला खिलाड़ी के रूप में वह क्रिकेट के लिए अनिश्चित भविष्य के साथ जीवन जी रही हैं। अनया इस बात पर जोर देती हैं कि ट्रांस महिलाओं को महिला क्रिकेट में शामिल करने के लिए उचित नीति की आवश्यकता है।
अनया का संदेश स्पष्ट है - अपनी पहचान और यहां तक कि अपने पसंदीदा खेल के बीच चयन करने के लिए मजबूर की जाने वाली ट्रांस महिलाओं को समर्थन की आवश्यकता है। इस साहसिक कदम के लिए समाज के साथ साथ खेल बिरादरी की जिम्मेदारी है कि वे सबको समान अवसर प्रदान करें।
हालांकि उन्होंने हाल ही में मैनचेस्टर में एक मैच में 145 रनों की शानदार पारी खेली थी, लेकिन अनिश्चित स्थिति में उनका पेशेवर क्रिकेट करियर कहां जाएगा यह देखने की बात है। उनके सामने अपने खेल के प्रति प्रेम बनाए रखना और अपने जीवन के नए मोड़ में संतुलन बनाने की चुनौती है। उनका यह सफर समाज के लिए एक प्रेरणा है और नीति नियंताओं के लिए एक विचारणीय पहलू।
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