21 जून, 2024
13 जनवरी, 2025
29 जुलाई, 2024
भारतीय कर सेवा में सुधार लाने के उद्देश्य से पैन 2.0 परियोजना की शुरुआत की गई। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों का उपयोग कर पैन प्रणाली को अत्यधिक प्रभावी और सुलभ बनाना है। पैन कार्ड, जो हर करदाता के लिए महत्वपूर्ण होता है, अब और अधिक सुरक्षित और डिजिटल रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य न केवल करदाताओं की जानकारी का विशेष सुरक्षा बल्कि सुविधा भी है।
नये पैन कार्ड्स में QR कोड का समावेश एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है। यह QR कोड न केवल कार्ड की प्रामाणिकता की पुष्टि करता है बल्कि डिजिटल सत्यापन की प्रक्रिया को भी सुगम बनाता है। QR कोड के माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी जानकारियां सुरक्षित तरीके से साझा कर सकते हैं, और इसके माध्यम से धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी।
आयकर विभाग द्वारा अपनाई गई पैन 2.0 परियोजना का कुल बजट 1435 करोड़ रुपये है। यह एक बड़ी वित्तीय पहल है जो कर अधिकारियों और समाज के लिए कई सकारात्मक प्रभाव ला सकती है। इस परियोजना से कर विशेषज्ञता में वृद्धि होगी, और यह अर्थव्यवस्था के लिए एक नई दिशा निर्धारित करेगी।
भारत के करीब 78 करोड़ मौजूदा पैन कार्ड धारक इन नये परिवर्तनों से लाभान्वित हो सकते हैं। उन्हें अपने पैन कार्ड्स में QR कोड जोड़ने का विकल्प मिलेगा, और वह भी मुफ्त में। यह न केवल सुरक्षा बड़ाएगा बल्कि कार्ड धारकों को डिजिटल सेवाओं का अधिक आसांन उपलब्ध कराएगा।
व्यवसायों के लिए पैन, टैन और टीआईएन सेवा प्रणाली का समेकन एक विशेष लाभकारी पहलू है। यह प्रक्रिया न केवल फाइलिंग में सरलता लाएगी बल्कि अनुपालन को सशक्त बनाएगी। UJTL इस प्रकार की पहल से, व्यवसाय एक सुरक्षित और एकीकृत प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
इस पहल के अंतर्गत एक और लाभ यह है कि यह कर संपर्क प्रक्रिया को स्थायीत्व प्रदान करता है। डिजिटल प्रक्रियाओं का प्रति संरक्षणात्मक पहलू यह होगा कि कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता कम होगी, जो पर्यावरण सुरक्षा में योगदान देगा।
हालांकि पैन 2.0 परियोजना के पूर्ण रूप से कार्यान्वयन की समयसीमा अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा उपयोगकर्ताओं के पास परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय होगा। इसके अतिरिक्त, एकीकृत पोर्टल और सुव्यवस्थित ग्रीवांस निवारण प्रणाली सहित अन्य सुविधाएं भी योजना का हिस्सा होंगी।
आयकर विभाग की यह परियोजना केवल पैन प्रणाली के आधुनिकीकरण तक सीमित नहीं है; यह विभाग के डिजिटल फैलाव के उद्देश्यों की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इसके साथ ही, यह प्रणाली डेटा स्थिरता, प्रक्रिया की सरलता और प्रणालीगत एकीकरण को सुनिश्चित करेगी।
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