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भारतीय क्रिकेट टीम के धाकड़ बल्लेबाज ऋषभ पंत ने एक बार फिर से अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से प्रशंसकों का दिल जीत लिया। शनिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन पंत ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ केवल 36 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने यशस्वी जायसवाल का 41 गेंदों में अर्धशतक का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो पिछले ही हफ्ते पुणे में बनाया गया था।
ऋषभ का यह प्रदर्शन एक ऐसे समय पर आया जब भारतीय टीम थोड़ी परेशानियों का सामना कर रही थी। पहले दिन के अंत में विराट कोहली और यशस्वी जायसवाल जैसे महत्त्वपूर्ण विकेट खोने के बाद, ऋषभ ने टीम को बेहद ज़रूरी स्थिरता प्रदान की। इस समयावधि में, शुबमन गिल और ऋषभ पंत ने साथ मिलकर एक तेज साझेदारी बनाई, जिससे टीम का स्कोर 150 के पार पहुंचा। पंत की 60 रनों की पारी ने अवश्य ही भारतीय टीम की स्थिति को मजबूत किया।
जब पंत मैदान पर आए, तब भारतीय टीम पहले ही तीन विकेट खो चुकी थी। टीम को इस समय एक ऐसा खिलाड़ी चाहिए था जो न केवल क्रीज पर टिके रहने की क्षमता रखता हो बल्कि तेजी से रन भी बना सके। और ऋषभ पंत ने ठीक यही किया। उनकी आक्रामकता और आत्मविश्वास ने ना केवल दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि टीम का मनोबल भी ऊंचा किया।
उनकी पारी में कुल आठ चौके और दो छक्के शामिल थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उनका इरादा पहली गेंद से ही अटैक करने का था। हालांकि उन्हें मैट हेनरी की गेंद पर एक जीवनदान भी मिला जब उन्होंने सीमा रेखा पर एक आसान कैच छोड़ दिया। लेकिन फिर भी पंत अपने क्विकफायर अंदाज में खेलते रहे।
यद्यपि पंत की पारी सुबह के सत्र में ही समाप्त हो गई जब उन्हें इश सोढ़ी ने LBW आउट किया, परंतु उनके 60 रन की पारी ने जो योगदान दिया, वह कम आंका नहीं जा सकता। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि पंत ने अपने तेज और बेहतरीन खेल से भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।
उनकी इस उपलब्धि के पीछे उनका परिश्रम, साहस और खेल के प्रति निष्ठा का बड़ा हाथ रहा। हर बार जब भी वे मैदान पर उतरते हैं, वह न केवल विरोधियों के लिए एक चुनौती बन जाते हैं, बल्कि अपने प्रशंसकों को भी रोमांचित कर देते हैं।
ऋषभ पंत का यह रिकार्ड दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है। उनकी आक्रमक शैली न केवल टीम को तेजी से रन बनाने का मौका देती है, बल्कि विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव भी बनाती है। यदि वे अपनी इस शैली को जारी रखते हैं, तो वे निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में कई और रिकॉर्ड बना सकते हैं।
पंत की इस पारी ने क्रिकेट प्रेमियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भारतीय टीम में भविष्य की ताकत और कौन-कौन से खिलाड़ी हो सकते हैं। इस तेजी से बदलती क्रिकेट दुनिया में, उनके जैसे खिलाड़ी न केवल टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं, बल्कि विश्व क्रिकेट में भी एक विशेष स्थान बना सकते हैं।
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