17 सितंबर, 2024
26 जून, 2024
पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पूर्व ISI प्रमुख फैज़ हामिद को मिलिट्री हिरासत में लिया गया है। पकड़े जाने के साथ ही उनके खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। यह पहली बार है जब पाकिस्तान में किसी पूर्व खुफिया प्रमुख के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू की गई है। यह घटनाक्रम टॉप सिटी केस से संबंधित है, जिसमें हामिद पर निजी हाउसिंग स्कीम 'टॉप सिटी' के मालिक मोईज़ खान के दफ्तर और निवास पर छापा मारने का आरोप है।
टॉप सिटी मामले की पृष्ठभूमि काफी जटिल है। इसके प्रबंधन ने हामिद पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग करके छापेमारी की। इस मामले की सुनवाई कर रही पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मोईज़ खान को निर्देश दिया था कि वे अपनी शिकायत लेकर सम्बन्धित अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय के पास जाएं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई सिफारिश की पृष्ठभूमि में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एक विस्तृत जांच कमेटी का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर हामिद के खिलाफ कार्रवाई की गई। न्यायपालिका, आर्मी और जांच एजेंसियों ने एक साथ मिलकर इस मामले की तहकीकात की। अदालत ने कहा कि अगर किसी ने भ्रष्टाचार किया है, तो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए।
मार्च 2023 में तत्कालीन गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी हामिद और उनके भाई नजफ हामिद के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच शुरू की थी। मार्च 2024 में रावलपिंडी की अदालत ने नजफ हामिद को 14 दिनों के लिए जेल भेजा। फैज़ हामिद ने नवंबर 2022 में समय से पहले रिटायरमेंट लेकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वे उन छह वरिष्ठतम जनरलों में शामिल थे जिन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ऊंचे मिलिट्री पद के लिए निर्धारित किया गया था।
फैज़ हामिद ने 2019 से 2022 तक ISI के प्रमुख के रूप में सेवा की। कहा जाता है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी थे जिन्होंने उन्हें ISI का प्रमुख नियुक्त किया था। हामिद के खिलाफ चल रहे इस कोर्ट मार्शल में उन पर लगाए गए सभी आरोपों की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर उन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ सकता है।
हामिद के खिलाफ चल रही कोर्ट मार्शल की कार्रवाई पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत की जा रही है। इस प्रक्रिया में सभी संबंधित सबूतों और गवाहों की जांच की जाएगी। अगर हामिद दोषी पाए जाते हैं तो यह न केवल उनके करियर पर बल्कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान पर भी एक असाधारण धक्का साबित हो सकता है।
फिलहाल, पाकिस्तान और समस्त क्षेत्रीय स्तर पर इस मामले को बड़े सम्मानीय नजरिए से देखा जा रहा है। हामिद के विरुद्ध जो आरोप लगे हैं, उन्हें साबित करने के लिए अदालती प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सभी की नजरें इस केस पर टिकी हैं, जिससे आगे की परिस्थितियों में काफी बदलाव हो सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का अंतिम निर्णय क्या आता है और कितना समय लगता है।
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