फ्रांस के नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति, आव्रजन पर कठोर रुख का संकेत

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फ्रांस के नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति, आव्रजन पर कठोर रुख का संकेत

फ्रांस के नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति: आव्रजन पर कठोर रुख

फ्रांस के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने 73 वर्षीय कंज़र्वेटिव माइकल बर्नियर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। बर्नियर, जो ब्रेक्सिट वार्ताकार के रूप में भी जाने जाते हैं, ने सरकार की नीतियों को दाएं बाजू की ओर संकेत किया है, विशेष रूप से आव्रजन पर। उनकी नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य दो महीने के राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करना है जो अचंभित करण विदानसभा चुनावों के बाद उत्पन्न हुआ था।

नए प्रधानमंत्री की नीतियाँ

बर्नियर ने अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में कहा कि वह सभी का स्वागत करेंगे जो नई सरकार का समर्थन करना चाहते हैं। वर्तमान में, उनके पास निचले सदन में स्पष्ट बहुमत नहीं है, इसलिए उन्होंने कंज़र्वेटिव और मैक्रॉन के समर्थनकर्ताओं के साथ मिलकर एक व्यापक सरकार बनाने का लक्ष्य रखा है। बर्नियर ने प्रकट किया कि वे मैक्रॉन की मॉडल से थोड़ी भिन्न नीतियाँ अपनाएंगे, जिसमें से एक महत्वपूर्ण मुद्दा वृद्धावस्था पेंशन आयु का बढ़ाना है।

जहां एक ओर वृद्धावस्था पेंशन आयु बढ़ाकर 62 से 64 करने के प्रस्ताव को व्यापक विरोध झेलना पड़ा, वहीं बर्नियर का कहना है कि इसे पुनः समायोजित कर उसे कमजोर व्यक्तियों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

आव्रजन पर कड़ा रुख

आव्रजन पर बर्नियर का कड़ा रुख उनके नए दौर का प्रमुख संकेत माना जा रहा है। उन्होंने संकेत दिया है कि फ्रांस की सीमाएं पर्याप्त रूप से नियंत्रित नहीं हैं और इसे सुधारने के लिये कड़े कदम उठाए जाएंगे। यह रुख मरीन ले पेन की चरम दक्षिणपंथी नेशनल रैली (आरएन) के साथ मिलता-जुलता है, हालांकि बर्नियर ने स्पष्ट किया है कि वे आरएन की विचारधारा से सहमत नहीं हैं, लेकिन उनका सम्मान करते हैं।

आरएन ने बर्नियर की नियुक्ति पर आरंभिक समर्थन दिया है लेकिन यह चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया गया तो वे अपना समर्थन वापस ले लेंगे।

संसद में चुनौतियाँ

बर्नियर के सामने एक बड़ी चुनौती यह भी है कि वे संसदीय प्रक्रिया में सुधारों और वर्ष 2025 के बजट को कैसे आगे बढ़ाएंगे। उन्हें यूरोपीय आयोग और बॉन्ड मार्केट्स से भी फ्रांस के घाटे को कम करने के लिए दबाव का सामना करना पड़ेगा।

परिस्थितियों को देखते हुए आपसी सहयोग और समर्थन की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। बर्नियर की नीतियों पर उनकी दूरदर्शिता और समय ही बताएगा कि उन्हें कितना समर्थन मिलता है, लेकिन जिस प्रकार के कड़े और ठोस कदम उठाने के संकेत उन्होंने दिए हैं, वह उनके नेतृत्व की मजबूती को दर्शाते हैं।

विवरणमूल्यांकन
आव्रजन नीतिकठोर
वृद्धावस्था पेंशन62 से 64 वर्ष
संसदीय सहयोगअसंतोषपूर्ण

निष्कर्ष

बर्नियर के सामने अनेक मोर्चे हैं, जिसमें आव्रजन पर कठिन रुख ने विशेष प्रधानता पाई है। अगर वे राजनीतिक संतुलन और समर्थन हासिल करने में सफल होते हैं, तो वे न केवल फ्रांस के राजनीतिक वातावरण में स्थिरता ला सकते हैं, बल्कि अपनी पार्टी और नीति को भी मजबूत कर सकते हैं।

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