बिहार में तेज़ बारिश, 28 जिलों में फ्लैश फ्लड अलर्ट, 16 मौतें

नवीनतम समाचार

बिहार में तेज़ बारिश, 28 जिलों में फ्लैश फ्लड अलर्ट, 16 मौतें

जब India Meteorological Department (IMD) ने गुरुवार को 28 जिलों में फ्लैश फ्लड चेतावनी जारी की, तो राज्य भर में भय और आश्रय खोजने वाली भीड़ ने सहरा-सा माहौल बना लिया। यह चेतावनी देर‑सितंबर से चल रहे चार दिन के अत्यधिक मौसम के चलते आई, जिसमें बांग्लादेश की खाड़ी के ऊपर गहरी मंदी और उत्तर प्रदेश के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन की जटिलता ने बारिश को ‘अत्यधिक‑भारी’ बना दिया। इन बवंडर‑साइकलॉन के प्रभाव से 48 घंटे में कम से कम 16 लोग बिंदु बिंदु बिजली‑पतन और तेज़ बूँदों के कारण शहीद हुए।

ताज़ा मौसम चेतावनी और प्रभावित जिले

इंडियन इन्स्टिट्यूट ने आज सुबह 32 जिलों के लिए ‘पीला अलर्ट’ जारी किया, जबकि फ्लैश फ्लड अलर्ट 28 जिलों पर लागू है। इसमें पटना के साथ‑साथ भवभू, आरवल, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, सारण, सीवान, अररिया, बंका, बेगुसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, जामुई, खगड़िया, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नवादा, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, पूर्णिया, सहarsa, समस्तीपुर, शिवहर, सितामढ़ी, और वैशाली जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।

  • भेज़ुसराय जिला ने 24 घंटे में 160 mm से अधिक वर्षा दर्ज की।
  • मुजफ्फरपुर में चार मौतें, जेहनाबाद में तीन मौतें दर्ज हुईं।
  • सासाराम में पूरी शहर डुब गया, 100 से अधिक वाहन जल में डूबे।

बारिश की तीव्रता और मृत्यु आँकड़े

मौसम विज्ञानी बताते हैं कि इस बारिश की अवधि दुर्लभ ‘भारी‑वेस्पर’ पैटर्न का उदाहरण है। एकत्रित डेटा के अनुसार, बेतगुर्साई ने लगभग 165 mm बारिश एक दिन में देखी – जो कि औसत सत्रह‑अधिक महीनों के आंकड़े से दोगुना है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, इन चार दिनों में सात लोग बिजली‑पतन से और तीन लोग तेज़ बारिश के कारण मार गए। चोटिलों की संख्या तेरह तक पहुंची, जिनमें से कई को स्थानीय अस्पतालों में प्राथमिक उपचार मिला।

प्रमुख शहरों में तबाही की तस्वीरें

सासाराम की गलियां अब ‘जलसंधि’ बन गई हैं; रात 11 बजे से सुबह 3 बजे तक निरंतर बारिश ने पूरे शहर को जलमग्न कर दिया। स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि कार, बस और ट्रैक्टर जैसे साधारण वाहन भी अब पानी के नीचे फँसे हुए हैं।

जामुहर में स्थित Narayan Medical College का पूरा कैंपस पानी के नीचे डूबा, जिससे छात्रों और स्टाफ के लिए पहुंच मुश्किल हो गई। इस कारण अस्पताल में चल रहे इलाज पर भी असर पड़ा।

Nitin Nabin, रोड निर्माण मंत्री ने सोमवार को निरीक्षण के दौरान बताया कि मठपुर फ्लाइट ओवरले का एक छोटा हिस्सा ही टुटा, जबकि मुख्य संरचना सुरक्षित रही।

सिटामढ़ी में 15 घंटे लगातार बारिश ने पुलिस स्टेशन और सीरियल हाउस को पूरी तरह डुबो दिया। पुलिस ने वीडियो अपील के ज़रिए मदद माँगी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

गाज़ीपट्टन (गोपलगंज) में सादर अस्पताल में पानी के स्तर ने रोगियों, डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों को घुटनों के स्तर तक पहुँचाने का काम किया। कई वार्ड की छड़ें झुकीं, जिससे आपातकालीन देखभाल में देरी हुई।

सरकारी प्रतिक्रिया और राहत उपाय

राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया और कहा कि "झेले हुए लोगों को जल्द से जल्द राहत दी जाएगी"। उन्होंने बताया कि भोजपुर जिले में मरे हुए व्यक्तियों के परिवारों को पहले ही 4 लाख रुपये की एक्स‑ग्रैशिया रक़म दी जा चुकी है, जबकि अन्य जिलों में भी समान प्रक्रिया चल रही है।

प्रत्येक प्रभावित जिला प्रशासन ने निवासियों से अनावश्यक यात्रा न करने, सावधानी बरतने और संभावित निकासी के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। कई जिलों में अस्थायी शरण एवं खाद्य सामग्री का वितरण शुरू किया गया।

रेलवे ने कई ट्रैक पर गिरते पेड़ के कारण ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया, जबकि पटना एयरपोर्ट पर उड़ानों में देरी और रद्दीकरण हुए। स्थानीय प्रशासन ने सड़कों की जल निकासी के लिए बर्खास पंप और बाढ़ बहाव के लिये अस्थायी बाधा हटाने की योजना बनाई।

आगे की मौसम भविष्यवाणी और सुझाव

IMD ने कहा कि इस प्रणाली के आगे बढ़ने की संभावना है, लेकिन 7 अक्टूबर तक बारिश की तीव्रता धीरे‑धीरे घटेगी। अधिकतम तापमान 30‑31 °C, न्यूनतम 23‑24 °C रहेगा। कोहरा और हल्की बारिश अपेक्षित है, विशेषकर उत्तर बिहार में।

मौसम विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि पश्चिमी बिखराव (Western Disturbance) भी इस मौसम में योगदान देगा, जिससे रात‑दिन के बीच तापमान में गिरावट और तेज़ हवाओं की संभावना बढ़ेगी।

निवासियों को सलाह दी गई है कि घरों के आसपास जल निकासी की सुविधा रखें, बिजली के कनेक्शन को सुरक्षित रखें और स्थानीय प्रशासन के अलर्ट पर ध्यान दें। यदि जल स्तर बढ़े तो तुरंत स्थानीय सुरक्षित स्थल पर जाएँ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बारिश से कौन‑से प्रमुख जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ?

सासाराम, जामुहर (नरायन मेडिकल कॉलेज), बेगुसराय और मुजफ्फरपुर ने सबसे अधिक जल‑भरी स्थितियों का सामना किया। इन जिलों में सड़कों, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को गंभीर क्षति हुई है, जबकि कई गांवों में घरों के बुनियादी ढांचे भी बिगड़ गए।

सरकार ने किन राहत उपायों की घोषणा की है?

निधि‑सहायता के तहत मारे गए परिवारों को 4 लाख रुपये तुरंत जारी किए गए हैं, जबकि अन्य पीड़ितों को भी समान राशि मिलने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही, अस्थायी आश्रय केंद्र, खाद्य पैकेट और जल‑निकासी उपकरण जिला स्तर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

आगामी दिनों में मौसम कैसा रहने की संभावना है?

IMD ने बताया कि 7 अक्टूबर तक हल्की‑मध्यम बारिश के साथ ठंडक आने की संभावना है। हालांकि, उत्तर बिहार में कुछ क्षेत्रों में भारी बूँदें फिर भी पड़ सकती हैं, इसलिए सतत अलर्ट पर नजर रखना ज़रूरी है।

बिजली‑पतन की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है?

विज्ञान के अनुसार, तेज़ बारिश के दौरान खुले क्षेत्र में रहने से बचें, घर में रहकर सुरक्षित स्थान (जैसे लोहार या बल्ब‑निकलने के नीचे) पर रहें और स्थानीय मौसम विभाग के अलर्ट को सुनें। मोबाइल बैटरी चार्ज रखें ताकि आपातकाल में तुरंत सूचना मिल सके।

ट्रेन और हवाई सेवाओं पर क्या असर पड़ा है?

बढ़ते जल स्तर और पेड़ के गिरने से कई रेल पटरियों बंद हो गई हैं, जिससे कई ट्रेनों को रद्द या विलंबित किया गया। पटना हवाई अड्डे पर भी तेज़ हवाओं और भारी वर्षा के कारण कई उड़ानों का समायोजन हुआ, पर मुख्य हवाई संचालन अभी भी जारी है।

टिप्पणि

sharmila sharmila

sharmila sharmila

6 अक्तूबर / 2025

धन्य है वो लोग जिनके पास आश्रय का विकल्प है।

एक टिप्पणी लिखें