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जर्मनी के बेहतरीन मिडफील्डर, टोनी क्रूस ने 37 वर्ष की उम्र में अपना अंतिम प्रोफ़ेशनल फुटबॉल मैच खेला। यह मैच यूरो 2024 में हुआ, जिसमें जर्मनी की टीम स्पेन के हाथों हार गई। भले ही जर्मनी को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन स्पेनिश फैंस ने क्रूस के प्रति अद्भुत सम्मान और प्यार प्रदर्शित किया। मैच के बाद, जब क्रूस मैदान से बाहर गए, तो स्पेनिश फैंस ने उनके लिए तालियाँ बजाईं और उनके नाम के नारे लगाए।
यह सम्मान और प्रेम कोई आश्चर्य की बात नहीं था, क्योंकि क्रूस ने एक दशक तक रियल मैड्रिड के लिए खेला और 23 महत्वपूर्ण ट्राफियां जीतीं। इनमें छह चैंपियंस लीग खिताब और चार ला लीगा चैंपियनशिप शामिल हैं। क्रूस का रियल मैड्रिड के साथ समय फुटबॉल प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह रखता है।
टोनी क्रूस ने जुलाई 2022 में अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से रिटायरमेंट की घोषणा की थी। उन्होंने जर्मनी की टीम के लिए 114 मैच खेले, जिनमें 2014 का विश्व कप विजेता बनने का गौरव भी शामिल है। 2014 विश्व कप के फाइनल में उनके द्वारा किए गए नाटकीय गोल ने जर्मनी को विजेता बना दिया। हालांकि, उनकी अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल में वापसी की खबर तब सामने आई जब उन्होंने यूरो 2024 के लिए टीम में वापसी की।
यह वापसी उनके मौजूदा कोच जूलियन नागल्समैन के साथ हुई बातचीत का परिणाम थी। 2024 यूरो के लिए टीम में लौटने का निर्णय क्रूस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि यह उन्हें अपने फैंस के बीच अपने करियर का समापन करने का मौका देता था।
रियल मैड्रिड के साथ क्रूस का समय बेहद सफल रहा। उन्होंने टीम के साथ छह चैंपियंस लीग खिताब जीते और चार ला लीगा चैंपियनशिप हासिल की। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया। 2024 में, उन्होंने रियल मैड्रिड के साथ एक और चैंपियंस लीग फाइनल जीता, जिससे उनके करियर का समापन और भी विशेष बन गया।
क्रूस का फुटबॉल में योगदान अद्वितीय रहा है, और उनका करियर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। उनकी तकनीक, कौशल, और मैदान पर उनकी उपस्थिति ने उन्हें फुटबॉल की दुनिया का सितारा बना दिया है।
अपने फुटबॉल करियर के अंतिम दिनों में, क्रूस ने स्पष्ट कर दिया था कि यूरो 2024 उनके प्रोफ़ेशनल फुटबॉल करियर का अंतिम अध्याय होगा। उनके इस फैसले को उनके फैंस और साथी खिलाड़ियों ने भी सम्मानपूर्वक स्वीकार किया।
टोनी क्रूस की इस यात्रा ने फुटबॉल प्रेमियों को न केवल उनकी खेल की योग्यता का अनुभव कराया, बल्कि उनके चरित्र और समर्पण का भी अद्भुत चित्रण किया। मैदान पर उनके अंतिम क्षणों में स्पेनिश फैंस का जो समर्थन मिला, वह उनके करियर की पूर्ति का प्रतीक है।
जैसे ही क्रूस ने मैदान छोड़ा, हजारों की संख्या में फैंस ने खड़े होकर तालियाँ बजाईं और उनके नाम के नारे लगाए। एक खिलाड़ी के लिए यह सबसे बड़ी संतुष्टि की बात होती है कि उनके करियर का समापन सम्मान और आदर के साथ हो।
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