नवंबर 2025 में भारत में SIR 2.0, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण अभियान ने देश के चुनावी ढांचे को बदल दिया। इसके तहत 51 करोड़ मतदाताओं की सूची का घर-घर जांच के साथ पुनरीक्षण किया जा रहा है, जिसमें 12 राज्य शामिल हैं। यह अभियान सिर्फ एक तकनीकी अपडेट नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का एक कदम है। इसके बिना कोई भी चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता।
इसी दौरान, देव दीपावली, भगवान शिव की विजय को समर्पित आध्यात्मिक त्योहार 5 नवंबर को वाराणसी के घाटों पर एक लाख दीयों की रोशनी से मनाया गया। यह दिन न सिर्फ धार्मिक शुद्धि का प्रतीक है, बल्कि गंगा के शुद्धिकरण का भी प्रतीक है। इसी तरह, चैत्र अमावस्या, शनि अमावस्या और भूतादि अमावस्या के रूप में मनाई जाने वाली एक शक्तिशाली तिथि का असर उन लोगों पर पड़ा जो पितृ दोष और आध्यात्मिक शुद्धि की तलाश में हैं। इन दोनों घटनाओं में एक सामान्य बात है—भारतीय संस्कृति में भौतिक और आध्यात्मिक दुनिया का गहरा संबंध।
ये तीनों घटनाएँ—एक राजनीतिक, दो धार्मिक—हमें याद दिलाती हैं कि भारत की हर खबर किसी न किसी तरह से जनता के जीवन से जुड़ी होती है। चाहे वो मतदाता सूची का अपडेट हो या घाटों पर दीयों की ज्योति, दोनों ही लोगों के विश्वास और अधिकारों को दर्शाती हैं। इस महीने के अपडेट्स में आपको ऐसे ही वास्तविक, जीवंत और जानकारी से भरे लेख मिलेंगे। जहाँ आपको सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि उनके पीछे की कहानियाँ भी मिलती हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने 4 नवंबर 2025 से 12 राज्यों में SIR 2.0 शुरू किया है, जिसमें 51 करोड़ मतदाताओं की सूची का गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी।
विवरण देखेंचैत्र अमावस्या 2025 शनिवार, 29 मार्च को मनाई जा रही है, जो शनि अमावस्या और भूतादि अमावस्या के रूप में जानी जाती है। इस दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और शिववास योग का संयोग है, जो पितृ दोष निवारण और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए अत्यंत शुभ है।
विवरण देखेंदेव दीपावली 2025 को 5 नवंबर को वाराणसी के घाटों पर एक लाख दीयों की ज्योति से मनाया जाएगा। प्राशोध काल मुहूर्त 5:15 बजे से 7:50 बजे तक, भगवान शिव की विजय और गंगा के शुद्धिकरण का प्रतीक।
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