वाराणसी के बारे में सब कुछ: समाचार, घटनाएँ और ताज़ा अपडेट्स

वाराणसी एक वाराणसी, भारत का एक प्राचीन और आध्यात्मिक केंद्र, जो हिंदू धर्म का सबसे पवित्र शहर माना जाता है है। ये शहर सिर्फ गंगा के किनारे बसा हुआ नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, धर्म और राजनीति का एक जीवंत बिंदु है। यहाँ हर दिन कुछ न कुछ होता है — त्योहारों की भीड़, शहरी विकास की चर्चा, या फिर राजनीतिक बदलाव। वाराणसी एक ऐसा स्थान है जहाँ प्राचीनता और आधुनिकता एक साथ बहती हैं।

इस शहर के साथ जुड़े उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, जिसकी राजधानी लखनऊ है और जिसकी राजनीति पूरे देश को प्रभावित करती है की राजनीति भी इसके साथ जुड़ी हुई है। जब वाराणसी से कोई नया नेता उभरता है, तो पूरे देश की धुन बदल जाती है। यहाँ के चुनाव न सिर्फ राज्य के लिए, बल्कि देश के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा, धार्मिक स्थल, ऐसे स्थान जहाँ लाखों लोग आस्था और श्रद्धा से आते हैं, जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर या गंगाघाट वाराणसी की पहचान हैं। ये स्थल सिर्फ नमाज़ या पूजा के लिए नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का भी केंद्र हैं।

जब आप वाराणसी के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में सिर्फ गंगा या दीप नहीं आते। आपको याद आता है कि यहाँ की बारिश कैसे बाजारों को बहा देती है, कैसे नए सड़कों के निर्माण से शहर का रूप बदल रहा है, और कैसे एक छोटी सी घटना — जैसे एक गाँव का नाम बदलना — पूरे शहर में बहस खड़ी कर देती है। यहाँ के लोग सिर्फ देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते, बल्कि अपने शहर के भविष्य के लिए भी लड़ते हैं।

इस पेज पर आपको वाराणसी से जुड़ी हर ताज़ा खबर मिलेगी — चाहे वो धार्मिक उत्सव हो, शहर के विकास की योजनाएँ हों, या फिर कोई राजनीतिक घटना। यहाँ के लेख आपको बताएँगे कि वाराणसी क्या है, यह कहाँ से आया है, और आज यह किस दिशा में बढ़ रहा है। आपके लिए यहाँ उस सब का संग्रह है जो आपको वाराणसी के बारे में असली जानकारी देगा — बिना झूठे शब्दों, बिना बहाने के।

5 नव॰ 2025
देव दीपावली 2025: वाराणसी के घाटों पर 5 नवंबर को एक लाख दीयों की ज्योति से जगमगाएगी गंगा

देव दीपावली 2025 को 5 नवंबर को वाराणसी के घाटों पर एक लाख दीयों की ज्योति से मनाया जाएगा। प्राशोध काल मुहूर्त 5:15 बजे से 7:50 बजे तक, भगवान शिव की विजय और गंगा के शुद्धिकरण का प्रतीक।

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