स्कूल में होने वाला शोषण अक्सर घर से छिप जाता है। क्या आपका बच्चा अचानक चुप हुआ है, पढ़ाई से दूर हो रहा है या शरीर पर चोटें दिख रही हैं? ये संकेत नजरअंदाज न करें। यहां साफ और सीधे तरीके से बताऊंगा कि पहचान कैसे करें, तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए और भविष्य में इसे कैसे रोका जा सकता है।
हर बच्चा अलग होता है, लेकिन ये सामान्य संकेत मददगार हैं। ध्यान दें:
अगर आपको शक है तो झिझकें नहीं। छोटा कदम सही समय पर बड़ा असर ला सकता है।
कभी-कभी स्कूल अंदर की बात सुलझाने की कोशिश करता है—लेकिन अगर कार्रवाई नहीं होती या घटना गंभीर है तो पुलिस की मदद लें। न्यायिक रास्ता और सरकारी संस्थाएँ जैसे NCPCR भी शिकायत उठाती हैं।
रोकथाम भी उतनी ही जरूरी है। घर पर खुलकर बात करने की आदत डालें, बच्चों को निजी सीमाओं का सम्मान और डिजिटल सुरक्षा सिखाएं। स्कूल में स्पष्ट एंटी-बुलिंग पॉलिसी, टीचर ट्रेनिंग और छात्र-परामर्श (counseling) सिस्टम होना चाहिए।
याद रखें, चुप्पी अक्सर नुकसान बढ़ाती है। शक होने पर इंतजार न करें—बात करें, दर्ज करें और ज़रूरी कदम उठाइए। अगर आप नहीं जानते कहाँ जाएँ, तो स्थानीय चाइल्ड हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
अगर चाहें तो मैं आगे सरल शिकायत फॉर्म बनाने, स्कूल से कैसे बात करें या किस अधिकारी से संपर्क करें—यह सब कदम लिख कर दे सकता/सकती हूँ।
बदला पुर, ठाणे में एक स्कूल स्वीपर द्वारा दो केजी बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आया है, जिससे व्यापक आक्रोश और ट्रेन सेवाओं में रुकावटें आई हैं। स्थानीय लोग और माता-पिता बदला पुर रेलवे स्टेशन पर एकजुट होकर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन ने प्रधानाचार्य, एक कक्षा शिक्षक और एक महिला सहायक को निलंबित कर दिया है। पुलिस स्टेशन के प्रभारी को भी स्थानांतरित कर दिया गया है।
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