जब हम सिंगापुर व्यापार, सिंगापुर में व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग से जुड़ी सभी खबरों को समेटता है. Also known as Singapore Business, it plays a pivotal role in regional commerce. इस शब्द में सिंगापुर, दक्षिण‑पूर्व एशिया का वित्तीय केंद्र, विश्व में सबसे प्रतिस्पर्धी इकॉनमी में से एक का उल्लेख अनिवार्य है, क्योंकि उसकी नीतियां सीधे ASEAN, दक्षिण‑पूर्व एशिया राष्ट्रों का राजनीतिक‑आर्थिक गठबंधन के व्यापार माहौल को आकार देती हैं। साथ ही भारतीय SMEs, छोटे और मध्यम स्तर की भारतीय कंपनियां जो सिंगापुर के साथ निर्यात‑आयात में सक्रिय हैं इस जुड़ाव के प्रमुख धारणाकर्ता हैं। इन चार तत्वों का घनिष्ट सम्बंध सिंगापुर व्यापार को समझने में मदद करता है।
सिंगापुर की अर्थव्यवस्था निर्यात‑उन्मुख है, लेकिन वित्तीय सेवा, हाई‑टेक और बायोटेक जैसे सेक्टर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में सिंगापुर ने रेजिडेंशियल कॉरपोरेट टैक्स को 17% से घटाकर 12% कर दिया, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए प्रवेश द्वार आसान हुआ। यह कदम विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करता है, जो सीधे सिंगापुर व्यापार के विस्तार को तेज़ करता है। साथ ही, सिंगापुर का पोर्ट ऑफ़ सिंगापुर विश्व में सबसे व्यस्त कंटेनर टर्मिनल है, इसलिए लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को "प्रमुख घटक" माना जा सकता है।
भारत‑सिंगापुर व्यापारिक रिश्ते कई दशकों से मजबूत हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों में द्विपक्षीय समझौतों ने गति को और तेज़ कर दिया। 2023 में दोस्तेज़ कवरेज वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) ने भारतीय निर्यातकों को टैरिफ़ में 15‑20% की बचत कराई। इस कारण छोटे और मध्यम उद्यम, यानी भारतीय SMEs, अब सिंगापुर में सीधे बाजार खोल रहे हैं। उनके लिए ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म, जैसे लाजमा और क्विकबर, मुख्य प्रवेश बिंदु बन रहे हैं। इस प्रकार, सिंगापुर व्यापार का एक महत्वपूर्ण पहलू स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम का समर्थन है, जहाँ फिनटेक, एआई और क्लाउड सेवाएं प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
रुझानों की बात करें तो अब सिंगापुर ने डिजिटल गवर्नेंस और सस्टेनेबल फाइनेंस पर ध्यान बढ़ाया है। ग्रीन बांड जारी करने की प्रक्रिया सरल हुई और कई भारतीय कंपनियों ने इस अवसर को अपनाया। इसी दौरान सिंगापुर की स्टॉक मार्केट, SGX, ने भारतीय टेक स्टॉक्स को अपने इंडेक्स में शामिल किया, जिससे भारतीय निवेशकों को स्थानीय बाजार में सीधे निवेश करने की सुविधा मिली। ये सभी बदलाव सिंगापुर व्यापार को न केवल एक ट्रेडिंग हब, बल्कि एक निवेश मंच बनाते हैं।
आगे बढ़ते हुए, आप इस पेज पर पाएँगे विभिन्न लेख और अपडेट जो सिंगापुर व्यापार के विविध पहलुओं को कवर करेंगे—नीति बदलाव, निवेश अवसर, लॉजिस्टिक समाधान, और भारत‑सिंगापुर द्विपक्षीय सहयोग के विस्तृत विश्लेषण। चाहे आप एक उद्यमी हों, निवेशक, या सिर्फ़ समाचार प्रेमी, यहाँ की सामग्री आपको त्वरित अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक सलाह देगा। चलिए, अब इन उपयोगी लेखों में डुबकी लगाते हैं और सिंगापुर व्यापार की पूरी तस्वीर देखते हैं।
भारत 2025 में $773 बिलियन निर्यात कर रहा है, लेकिन सिंगापुर के $778 बिलियन से पीछे; दुबारा समझौते के साथ व्यापार संतुलन सुधारने की राह पर।
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