साइक्लोन आते ही समय कम मिलता है। तेज़ हवाएँ, भारी बारिश और समुद्री ज्वार अचानक किसी इलाके को तबाह कर सकते हैं। इसलिए जानना जरूरी है कि अलर्ट कैसे पढ़ें और तुरंत क्या करना चाहिए। ये पेज आपको सीधी, काम की बातें बताएगा ताकि आप सुरक्षित रह सकें।
साइक्लोन दरअसल एक तेज़ घूमती हुई हवा वाली प्रणाली है जो समुद्र से ऊर्जा लेती है। IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) चार तरह के अलर्ट देता है: सूचना स्तर, चेतावनी, गंभीर चेतावनी और तूफानी चेतावनी। जब IMD "चेतावनी" या "गंभीर चेतावनी" जारी करे तो तुरंत स्थानीय प्रशासन के निर्देश मानें। रेडियो, टीवी और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से खबरें देखें। मोबाइल पर राज्य/जिला आपदा प्रबंधन की नोटिफिकेशन चालू रखें।
अलर्ट आते ही प Panic मत हों। ये काम तुरंत कर लें:
अपनी गंगा-नदी या निचले इलाकों का नक्शा देखें और उच्च स्थानों की जगह तय कर लें। बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष ध्यान रखें।
जब साइक्लोन शुरू हो जाए तो घर के अंदर ही रहें और खिड़की के पास न खड़े हों। बिजली कट सकती है—लिफ्ट का इस्तेमाल न करें। बाढ़ या तेज़ ज्वार के समय वाहन न चलाएँ। अगर प्रशासन ने एवैकुएट करने को कहा है तो आदेश मानकर तेजी से सुरक्षित जगह पर जाएँ।
तूफान के बाद: घायलों को प्राथमिक उपचार दें और तुरंत मेडिकल मदद बुलाएँ। टूटे हुए बिजली तारों या गैस लीकेज से दूर रहें। पानी की सप्लाई दूषित हो सकती है—उसे उबालकर पिएं या बोतलबंद पानी का उपयोग करें। नुकसान की फोटो लेकर बीमा दावा और स्थानीय राहत टीम को सूचना दें।
अंत में, अफवाहों पर भरोसा न करें। सिर्फ आधिकारिक सरकारी चैनल और स्थानीय प्रशासन के निर्देश माने। अगर आप तटीय इलाके में हैं, तो मौसम में बदलाव पर सर्वप्रथम ध्यान दें और तैयारी हमेशा रखिए। साइक्लोन में सबसे तेज़ और असरदार बचाव वही है जो पहले से सोचा और किया गया हो।