जब कोई नया काम शुरू करना हो, तो लोग अक्सर प्राशोध काल मुहूर्त, एक ऐसा समय जिसमें नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और सकारात्मक प्रभाव अधिक होते हैं की तलाश करते हैं। ये मुहूर्त भारतीय ज्योतिष के अनुसार तारों और ग्रहों की स्थिति के आधार पर तय होते हैं, और इन्हें शुभ कार्यों—जैसे शादी, नया व्यवसाय, घर का निर्माण या धार्मिक उत्सव—के लिए चुना जाता है। इसका मतलब सिर्फ अच्छा समय नहीं, बल्कि एक ऐसा अवसर है जहाँ आपकी कोशिशों को ब्रह्मांड का समर्थन मिले।
प्राशोध काल मुहूर्त के साथ ही जुड़े होते हैं ज्योतिष, एक प्राचीन भारतीय विज्ञान जो ग्रहों की गति और उनका मानव जीवन पर प्रभाव देखता है और धार्मिक अनुष्ठान, ऐसे अनुष्ठान जो विश्वास, शुद्धता और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। जब आप इन दोनों को मिलाते हैं, तो आप एक ऐसा अवसर बनाते हैं जहाँ भौतिक कार्य और आध्यात्मिक समर्थन एक साथ काम करते हैं। उदाहरण के लिए, नवरात्रि, दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का नौ दिन का पर्व भी अक्सर प्राशोध काल मुहूर्त के साथ जुड़ा होता है। इस दौरान लोग घटस्थापना करते हैं, मंत्र पढ़ते हैं, और व्रत रखते हैं—सब कुछ उसी समय के अनुसार जब ऊर्जा सबसे शुद्ध होती है।
यह सिर्फ एक रीति नहीं, बल्कि एक तरह की जागरूकता है। जब आप किसी शुभ कार्य को एक शुद्ध और सही समय पर करते हैं, तो आपका दिमाग शांत होता है, आपका विश्वास बढ़ता है, और आपका काम आसानी से आगे बढ़ता है। यही वजह है कि लोग अभी भी प्राशोध काल मुहूर्त को अपनाते हैं—चाहे वो एक नया घर बना रहे हों या किसी बड़े व्यापारिक निर्णय पर हस्ताक्षर कर रहे हों।
इस पेज पर आपको ऐसे ही कई लेख मिलेंगे जो प्राशोध काल मुहूर्त से जुड़े विभिन्न अवसरों को दर्शाते हैं—चाहे वो छठ पूजा का समय हो, मकर राशिफल का शुभ दिन हो, या फिर नवरात्रि के दौरान गुप्त पूजा का अनुष्ठान। ये सब आपको बताते हैं कि कैसे एक सही समय आपके जीवन को बदल सकता है।
देव दीपावली 2025 को 5 नवंबर को वाराणसी के घाटों पर एक लाख दीयों की ज्योति से मनाया जाएगा। प्राशोध काल मुहूर्त 5:15 बजे से 7:50 बजे तक, भगवान शिव की विजय और गंगा के शुद्धिकरण का प्रतीक।
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