देव दीपावली: भारत के गाँवों में मनाई जाने वाली अनोखी परंपरा

देव दीपावली, एक ऐसी सांस्कृतिक परंपरा है जो भारत के पूर्वी और मध्य राज्यों में गाँवों में घर-घर में मनाई जाती है, जहाँ दीपक जलाने का मतलब सिर्फ रोशनी नहीं, बल्कि देवताओं को समर्पित एक गहरी आस्था होती है। यह दीपावली का ही एक रूप है, लेकिन इसमें शहरी शोहरत नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन की असली भावनाएँ छिपी होती हैं। इसे बिहार, भारत का एक ऐसा राज्य जहाँ धार्मिक परंपराओं की जड़ें गहरी हैं, और जहाँ देव दीपावली को विशेष महत्व दिया जाता है। में इसे मनाने की आदत इतनी पुरानी है कि कई घरों में यह बच्चों को दूध पिलाते समय सुनाई जाने वाली कहानियों में शामिल हो जाती है।

झारखंड, एक ऐसा राज्य जहाँ आदिवासी संस्कृति और हिंदू रीति-रिवाज एक साथ बसते हैं, और जहाँ देव दीपावली को देवताओं के आगमन का प्रतीक माना जाता है। यहाँ लोग सिर्फ घरों में दीपक नहीं जलाते, बल्कि गाँव के किनारे पर बने छोटे मंदिरों में भी लाल रंग के कपड़े लटकाते हैं और बच्चे नाच-गाने के साथ देवताओं का स्वागत करते हैं। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश, उत्तरी भारत का एक राज्य जहाँ देव दीपावली को अक्सर गरीब घरों में भी बड़े जोश से मनाया जाता है, क्योंकि यहाँ दीपक का अर्थ बचाव और सुरक्षा का भी होता है। यहाँ के लोग मानते हैं कि इस दिन देवता घरों में आते हैं, और जो घर रोशनी से भरा होता है, वह दुखों से बच जाता है।

यह परंपरा किसी बड़े त्योहार की तरह नहीं, बल्कि एक शांत, गहरी आस्था के साथ चलती है। यहाँ कोई फटाफट आला नहीं, कोई बड़ा धमाका नहीं। बस एक छोटी सी दीया, एक बूँद घी, और एक दिल की आवाज़। यही वजह है कि आज भी बिहार के गाँवों में बुजुर्ग अपने बच्चों को बताते हैं — "देव दीपावली वह दिन है जब अंधेरा देवता के आगे झुक जाता है।"

इस तरह की कहानियाँ, इस तरह की रीतें, इस तरह की आस्था — यही आपको इस पेज पर मिलेंगी। जहाँ एक छोटी सी परंपरा की गहराई को उजागर किया गया है। जहाँ बिहार के एक गाँव की दीपक की रोशनी, झारखंड के एक बच्चे के हाथ में बंधी रंगीन धागे, और उत्तर प्रदेश के एक महिला के मुँह से निकली एक शायरी — सब एक साथ बह रही हैं। यहाँ कोई बड़ी खबर नहीं, बस छोटी-छोटी बातें हैं, जो आपको भारत के उन गाँवों की याद दिलाएँगी, जहाँ आज भी देवता घरों में आते हैं।

5 नव॰ 2025
देव दीपावली 2025: वाराणसी के घाटों पर 5 नवंबर को एक लाख दीयों की ज्योति से जगमगाएगी गंगा

देव दीपावली 2025 को 5 नवंबर को वाराणसी के घाटों पर एक लाख दीयों की ज्योति से मनाया जाएगा। प्राशोध काल मुहूर्त 5:15 बजे से 7:50 बजे तक, भगवान शिव की विजय और गंगा के शुद्धिकरण का प्रतीक।

विवरण देखें