CBDT – केंद्रित प्रत्यक्ष कर बोर्ड की पूरी जानकारी

जब बात आती है CBDT, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, जो आयकर और अन्य प्रत्यक्ष करों का नियमन, संग्रह और प्रवर्तन करता है. Also known as Central Board of Direct Taxes, यह बोर्ड वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और करदाता‑केन्द्रित नीति बनाता है। सीधे‑साधे शब्दों में, CBDT वह संस्था है जो आपके टैक्स रिटर्न को सही ढंग से पर्ची‑परीक्षण करती है, बकाया करों को वसूलती है, और कर‑छूट के नियम तय करती है।

CBDT के मुख्य घटक और उनका आपस‑में रिश्ता

CBDT आयकर, भारत का प्रमुख प्रत्यक्ष कर, जो व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट आय पर लगाया जाता है को लागू करने में मूलभूत भूमिका निभाता है। आयकर की गणना, कटौतियां, और छूट सभी यहाँ से एकजुट होते हैं। यही कारण है कि वित्त मंत्रालय, संकलित राजस्व, बजट और कर नीति बनाता है CBDT को रणनीतिक दिशा देता है – जैसे बजट में टैक्स‑स्लैब बदलना या नई टैक्स‑डिडक्शन की घोषणा। इन तीनों (CBDT, आयकर, वित्त मंत्रालय) के बीच एक स्पष्ट त्रिकोणीय संबंध है: वित्त मंत्रालय नीति बनाता है, CBDT उसे लागू करता है, और आयकर वह उपकरण है जिसके माध्यम से नीति धरती पर उतरती है।

इस त्रिकोण में एक और महत्वपूर्ण इकाई है कर रिटर्न। कर रिटर्न भरे बिना, न तो CBDT अपनी जाँच कर सकता है और न ही वित्त मंत्रालय को सही राजस्व का आंकड़ा मिल सकता है। हर साल अप्रैल‑जून में शुरू होने वाला रिटर्न‑सीजन, मुख्य रूप से इस संग्रहीत डेटा पर निर्भर करता है। रिटर्न में दी गई जानकारी के आधार पर CBDT टैक्स‑ऑडिट, अधीनस्थ रिव्यू या अतिरिक्त मूल्यांकन (अस्सेसमेंट) कर सकता है। यही कारण है कि कई नौकरी‑संबंधी पोस्ट, जैसे IB ACIO या इंटेलिजेंस ब्यूरो की भर्ती, में टैक्स‑कोम्प्लायंस का सवाल अक्सर सामने आता है – क्योंकि सरकारी नौकरियों में उम्मीदवारों को वैध आय‑स्रोत और टैक्स‑स्टेटस दिखाना अनिवार्य होता है।

CBDH (जैसे CBDT) के कार्य‑क्षेत्र में टेक्नॉलॉजी का भी बड़ा हाथ है। ऑनलाइन पोर्टल, ई‑फ़ाइलिंग प्रणाली और डिजिटल सिग्नेचर ने करदाता‑को प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है। अब टैक्स‑डिक्लेरेशन, रिवर्स चार्ज, या वैट‑क्रेडिट की जाँच एक क्लिक में हो जाती है। यह डिजिटल परिवर्तन वित्त मंत्रालय की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के तहत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और CBDT ने इसे अपना मुख्य मिशन बना लिया है। इसी कारण टैक्‍स‑टूल्स, टैक्स‑कैलकुलेटर और ई‑रिटर्न सेवाएँ लगातार अपडेट होती रहती हैं – ताकि करदाता आसानी से अपना कर‑दायित्व पूरा कर सके।

यदि आप अभी‑अभी CBDT से जुड़ी खबरों को समझना चाहते हैं, तो नीचे दी गई पोस्ट‑सूची में कई उपयोगी लेख मिलेंगे: नई आयकर योजना, टैक्स‑रिटर्न फाइलिंग की समय‑सीमा, वित्त मंत्रालय के नवीनतम निर्देश और सरकारी नौकरियों में टैक्स‑कॉम्प्लायंस के मुद्दे। इन लेखों को पढ़कर आप न सिर्फ टैक्स‑ऑडिट के डर को कम कर पाएँगे, बल्कि कर‑भुगतान में भी रणनीतिक समझ पाएँगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि आगे के लेखों में मिलेगा विस्तृत विश्लेषण, ताज़ा अपडेट और आसान‑संसाधन जो आपके टैक्स‑जीवन को सरल बना देंगे।

26 सित॰ 2025
CBDT द्वारा CII में वृद्धि से कैपिटल गैन्स टैक्स में राहत

केन्द्रीय बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने इस वित्तीय वर्ष के लिए Cost Inflation Index (CII) को बढ़ा दिया है। यह बदलाव घर‑जायदाद, सट्टा‑संपत्ति और बैंकों के फिक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ को बढ़ाकर कैपिटल गैन्स टैक्स को कम करेगा। नई CII दरें किन वस्तुओं पर लागू होंगी, इसका क्या असर पड़ेगा और करदाताओं को क्या ध्यान देना चाहिए, जानिए इस लेख में।

विवरण देखें