आत्महत्या: संकेत, तुरंत कदम और मदद कैसे लें

क्या आप या आपका कोई करीबी खुद को खत्म करने की सोच रहा है? ऐसे वक्त में शब्द कम पड़ते हैं, लेकिन एक ठोस कदम किसी की जान बचा सकता है। नीचे सीधी और व्यावहारिक सलाह दी जा रही है — तुरंत लागू करने वाली चीजें और आगे की मदद कैसे लें।

यदि आप खुद संकट में हैं

सबसे पहले, खुद को अकेला मत मानिए। किसी एक भरोसेमंद व्यक्ति से तुरंत बात करें — परिवार, दोस्त या सहकर्मी। सीधे पूछें: "क्या तुम अपने आप को नुकसान पहुँचाने का सोच रहे हो?" यह सवाल पूछने से खतरा नहीं बढ़ता, बल्कि सामने वाले को राहत मिलती है।

अगर आप खतरे में महसूस करते हैं या योजना बनी हुई है, तुरंत 112 पर कॉल करें या नज़दीकी अस्पताल की आपातकालीन सेवा में जाएँ। अपने पास मौजूद दवाइयाँ, तेज वस्तुएँ या उपकरण हटा दें या किसी और के पास रखें। शराब और नशीले पदार्थ दूर रखें क्योंकि ये अचानक फैसले को तीव्र कर सकते हैं।

एक छोटी-छोटी बचे रहने की रणनीति बनाइए: कोई कॉलबैक लिस्ट बनाइए—तीन लोग जिनसे आप बात कर सकते हैं; कुछ तुरंत करने वाले काम (गहरी सांस लें, ठंडा पानी पिएँ, 10 मिनट टहलें); और एक जगह जहाँ आप सुरक्षित महसूस करते हैं। यदि सम्भव हो, किसी के साथ रहे—अकेला न रहें।

अगर आप किसी को बचाना चाहते हैं

अगर किसी ने संकेत दिए हैं—जैसे बहुतेरे परेशान संदेश, खुद को अकेला बताना, अपनी चीजें बाँटना या अलविदा कहना—तो इसे नजरअंदाज मत करें। शांति से उनसे बात शुरू करें: सुनिए बिना रोक-टोक, सवाल पूछिए और जज करने से बचिए।

अगर उन्हें तत्काल खतरा है, सुरक्षा बढ़ाइए: उन्हें अकेला न छोड़ें, तेज चीज़ें निकालें और 112 या नज़दीकी अस्पताल को सूचित करें। अगर वह इलाज से इनकार कर रहे हैं, तब भी परिवार के किसी भरोसेमंद सदस्य या डॉक्टर से बात करें और प्रोफेशनल मदद के लिए प्रेरित करें।

याद रखें: "बताने" का अधिकार आपके पास है अगर किसी की जान खतरे में है—रहस्य बनाए रखना हमेशा प्राथमिकता नहीं हो सकता। मदद दिलाने में छोटे कदम बहुत मायने रखते हैं: डॉक्टर के अपॉइंटमेंट में साथ जाना, मानसिक स्वास्थ्य सेवा के लिए जानकारी जुटाना, या सिर्फ रोज़ एक संदेश भेजना भी बड़ा फर्क डाल सकता है।

अंत में, यह जान लीजिए कि मदद उपलब्ध है और आप इसे ढूंढ सकते हैं। स्थानीय अस्पताल, मनोवैज्ञानिक या मानसिक स्वास्थ्य क्लिनिक से संपर्क करें। यदि आप सलाह चाहते हैं, तो किसी भरोसेमंद जनसेवा या हेल्पलाइन से बात करने में हिचकिचाइए मत। संकट में तुरंत कदम लेना ही सबसे जरूरी है।

यदि अभी भी संदेह है कि क्या करना चाहिए, तो 112 पर कॉल करके स्थिति बताइए—वे आपको आगे सही दिशा दिखाएंगे। आप अकेले नहीं हैं और वक्त रहते उठाया गया एक कदम बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।