19 अगस्त, 2024
31 अगस्त, 2024
भारत की केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत एक नया विकल्प प्रस्तुत किया है, जिसे 'संयुक्त पेंशन योजना' (यूपीएस) कहा जाता है। यूपीएस के लागू होने की तारीख 1 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई है, जो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए विकसित की गई है, जिनकी सेवावधि कम से कम 10 वर्ष है, ताकि उनकी सेवा का लाभ उन्होंने अधिकतम उठा सकें।
यूपीएस के तहत, कर्मचारी अपनी सेवा के अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50% मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे। जो कर्मचारी 10 से 25 साल तक की सेवा करते हैं, उनके लिए यह पेंशन उनकी सेवा अवधि के अनुपातिक होगी। सबसे खास बात यह है कि कर्मचारियों को न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह की पेंशन प्राप्त होगी, अगर उनकी नौकरी की अवधि 10 साल से अधिक है। यह उन कर्मचारियों को विशेष तौर पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है जिनका वेतन पैमाना कम होता है और जो सेवा में अपेक्षाकृत कम अवधि तक रहे हैं।
यूपीएस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें व्यक्तिगत योगदान की आवश्यकता नहीं होती है, जैसा कि एनपीएस में हुआ करता था। यह योजना निश्चित लाभ मॉडल पर आधारित है, जो अंतिम सेवा वेतन और सेवा की लंबाई के आधार पर तय की जाती है। किसी कर्मचारी की मृत्यु के मामले में, परिवार को उनके पेंशन का 60% दिया जाएगा, जिससे उनका वित्तीय समर्थन सुनिश्चित होता है।
वित्त मंत्रालय ने इस योजना को लागू करने के लिए व्यापक रूप से गहन सर्वेक्षण और विश्लेषण किया। 2023 में वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसने 100 से अधिक बैठकों के बाद यूपीएस के लिए सिफारिशें विकसित कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 24 अगस्त, 2024 को इस नई पेंशन नीति को मंजूरी दी, जिसमें संघीय कर्मचारी संघों की गारंटी पेंशन की मांगों को संतोषजनक रूप से पूरा करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की गई।
यूपीएस का विकास, एनपीएस के खिलाफ विरोध के बाद आया है, जो इसे अधिक टिकाऊ और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित विकल्प बनाता है। इस योजना के जरिये सरकार ने अपने कर्मचारियों को उनके भविष्य के लिए एक संरक्षित वित्तीय आधार देने का प्रयास किया है। इस नई नीति के साथ, सरकार ने कर्मचारियों के काम के प्रति प्रतिबद्धता को भी मान्यता दी है, जो उन्हें सेवा के बाद गरिमापूर्ण जीवन जीने में मदद करेगा।
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