निपाह वायरस सुनने में भयानक लगता है, पर ठहरें — सही जानकारी होने पर आप खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। यहाँ सीधे और काम की बातें लिख रहा/रही हूँ: कैसे पहचानें, कैसे फैलता है, और अगर शक हो तो क्या कदम उठाने चाहिए।
निपाह का पहला संकेत अक्सर तेज़ बुखार, सिरदर्द और थकान होता है। कुछ मरीजों में सांस लेने में दिक्कत, खांसी या गले में खराश भी दिखती है। गंभीर मामलों में दिमागी सूजन (एन्सेफलाइटिस), अचेतना या दौरे आ सकते हैं।
यह वायरस आमतौर पर फल खाने वाले चमगादड़ों (fruit bats) से आता है, लेकिन सूअर जैसे पशुओं से भी फैल सकता है। इंसान से इंसान में संक्रमण सीधे शरीर के तरल पदार्थ, खाँसी की बूंदें या संक्रमित सतहों के संपर्क में आने से होता है।
संक्रमण का इनक्युबेशन पीरियड 4–14 दिन आम है, कभी-कभी 21 दिन तक भी हो सकता है। मौत का जोखिम ज्यादा होता है, इसलिए शुरुआती पहचान और तुरंत इलाज ज़रूरी है।
अगर आपको बुखार और सांस की समस्या है और हाल ही में किसी संक्रमित क्षेत्र में यात्रा की है या किसी मरीज के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। घर पर खुद से दवा न चलाएँ और स्वास्थ्य केंद्र को पहले फोन कर बताएं ताकि वे तैयारी कर सकें।
बुनियादी बचाव के तरीके सरल हैं: हाथ बार-बार साबुन से धोएं, भीड़भाड़ या बीमार लोगों के नज़दीक जाने से बचें, और यदि कोई सर्दी-खांसी कर रहा है तो मास्क पहनें। अस्पताल में इलाज करते समय हेल्थ वर्कर्स को पीपीई (गाउन, ग्लव्स, मास्क) पहनना चाहिए।
खास बातें जो ध्यान रखें: कच्चा खोपरा या ताज़ा खजूर का रस (date palm sap) पीने से बचें जहाँ चमगादड़ हो सकते हैं; फल पर चमगादड़ के दांत या मल दिखाई दे तो फल ना खाएं; और पालतू या खेत के जानवरों में अचानक बीमारी दिखे तो पशु चिकित्सक को बताएं।
निदान के लिए अस्पताल में ब्लड, थ्रोट स्वैब, पेशाब या CSF का PCR और एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। फिलहाल कोई नियमित वैक्सीन आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं है; इलाज सहायक (supportive) होता है—ऑक्सीजन, तरल पदार्थ, और ICU निगरानी जब जरूरत हो। कुछ एंटीवायरल/थैरेपी पर शोध जारी है।
कम्युनिटी स्तर पर सतर्कता और जल्दी रिपोर्ट करना सबसे बड़ा बचाव है। अगर आप किसी असामान्य बीमारी या मौत के क्लस्टर देखें तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी को तुरंत सूचित करें। छोटे कदम—हाथ धोना, मास्क, और संदिग्ध संपर्क से दूरी—कई बार बड़ी मुश्किल टाल देते हैं।
सवाल हो तो स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और विश्वसनीय समाचार/स्वास्थ्य वेबसाइट पर अपडेट देखें। भय फैलाईये मत, समझ कर और सावधानी रख कर आप सुरक्षित रह सकते हैं।