जब आप महिला वर्ल्ड कप, एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट है जहाँ महिलाओं की राष्ट्रीय टीमें चार‑साल में एक बार प्रतिस्पर्धा करती हैं. इसे अक्सर ICC महिला विश्व कप कहा जाता है, और इसका आयोजन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC), क्रिकेट की वैश्विक नियामक संस्था, जो नियम, कैलेंडर और टूर्नामेंट मानक तय करती है द्वारा किया जाता है। इस प्रतियोगिता में भारत महिला क्रिकेट टीम, भारत की प्रतिनिधि महिला टीम, जिसने 2017 में पहली बार फाइनल तक पहुँच कर इतिहास रचा जैसे प्रमुख पक्ष शामिल होते हैं। प्रत्येक संस्करण में टॉप खिलाड़ी, उदाहरण के रूप में मीरा केजरीवाल, एलेना बुरेंन, और अबीबियन बिचार आदि, जो बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी या फ़ील्डिंग में रिकॉर्ड बनाते हैं की भागीदारी टूर्नामेंट को और रोमांचक बनाती है। महिला वर्ल्ड कप न केवल खेल के स्तर को बढ़ाता है, बल्कि महिलाओं के क्रिकेट में हिस्सेदारी, मीडिया कवरेज और वित्तीय निवेश को भी नई ऊँचाईयों तक ले जाता है। अब तक के पाँच संस्करणों में वैश्विक दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ी है, और प्रत्येक नई एडीशन में टीम स्ट्रेटेजी, पिच कंडीशन और फॉर्मेट (ODI या T20) के आधार पर नई चुनौतियाँ सामने आती हैं। इस संदर्भ में यह समझना ज़रूरी है कि महिला वर्ल्ड कप का इतिहास 1973 से शुरू हुआ, जब पहली बार इंग्लैंड ने महिलाओं के लिए विश्व स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की, और तब से इस इवेंट ने 13 राष्ट्रीय टीमों को अपने मंच पर देखा है। खेल के तकनीकी पहलुओं में बैटिंग पावरहाउस, गेंदबाज़ी वारिएशन और एलेवेटेड फील्डिंग स्ट्रेटेजी प्रमुख रहे हैं, जबकि प्रशासकीय रूप से टोकन प्रायोजन, अस्पतालों और स्कूलों के साथ साझेदारी ने टूर्नामेंट को सामाजिक प्रभाव के साथ जोड़ दिया है।
कोलंबो के प्रीमदाशा स्टेडियम में 11 मई को आयोजित ट्राइ‑नेशन फाइनल में भारत महिला क्रिकेट ने 342/7 बनाए और सोंही 97 रन से श्रीलंका को हराया। मंडहाना की शतक, स्नেহ राणा की चार विकेट, और कृति गौड का डेब्यू इस जीत को और भी यादगार बनाते हैं। यह सीरीज 2025 वर्ल्ड कप की तैयारी का अहम कदम साबित हुई।
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