ईद-अल-अधा यानी बकरीद इस्लाम का बड़ा त्योहार है, जो हजरत इब्राहिम की बलिदान की कर्तव्य भावना को याद करता है। इस दिन हज करने वाले लोग मक्का से लौटते हैं और पूरे समुदाय में कुर्बानी का रस्म निभाई जाती है। क्या आप पहली बार बकरीद मना रहे हैं या हर साल पारंपरिक तरीके बदलते देख रहे हैं—यह लेख सरल और व्यावहारिक जानकारी देगा।
कुर्बानी का मतलब है अपनी नीयत से जानवर देने की इबादत, जिसे जाबिहा विधि से काटा जाता है। यह त्यौहार इस्लामी कैलेंडर के ज़ुलहिज्ज़ महीने में आता है, आम तौर पर हज के ठीक बाद मनाया जाता है। चांद देखकर तारीख तय होती है, इसलिए हर साल तारीख बदलती रहती है।
किसे कुर्बानी देनी चाहिए? आम तौर पर वह मुस्लिम जो वित्तीय रूप से सक्षम हो और कुछ साल की आमदनी से यह खर्च उठा सके—वह कुर्बानी करके शरीक होता है। अगर आप सुनिश्चित नहीं हैं तो अपने स्थानीय इमाम या मौलाना से सलाह लें।
कुर्बानी करने से पहले जान लें कि जानवर स्वस्थ और शर्तों के अनुसार होना चाहिए। गोश्त को तीन भागों में बाँटा जाता है: परिवार के लिए, रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और गरीबों में बांटने के लिए।
स्टेप-बाय-स्टेप:
1) जानवर का चुनाव: उम्र, सेहत और स्थानीय धार्मिक नियमों के अनुसार चुने।
2) आश्वासन: यदि आप कसाईघरों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो लाइसेंस और स्वच्छता देखें।
3) कटाई का तरीका: हल्का और दया भरा होना चाहिए—काटने वाले को हिजाब रखकर, दुआ के साथ और जल्दी त्वरित करने का तरीका अपनाएँ।
4) वितरण: मांस तुरंत ठंडा करके नामी-गिरामी संस्थाओं या स्थानीय समाज के जरिए गरीबों में बाँटें।
टिप: यदि आप शहर में हैं और समय या सुविधा नहीं है, तो कई भरोसेमंद संस्था ऑनलाइन कुर्बानी का विकल्प देती हैं—जो आपकी ओर से कुर्बानी कर वे मांस लाभार्थियों तक पहुंचाती हैं।
त्योहार में भावनात्मक और सामाजिक दोनों पहलू होते हैं। मिलने-जुलने के साथ-साथ सफाई, सुरक्षा और कानून का भी ध्यान रखें।
उपयोगी सुझाव:
- सार्वजनिक जगहों पर खुल्लम-खुल्ला कटाई करने से बचें; नज़दीकी सरकारी या अच्छे प्राइवेट स्लॉटरहाउस का उपयोग करें।
- बच्चे और बूढ़े पानी और छाँव में रखें; गर्मी में मांस जल्दी खराब होता है—इसे समय पर फ्रिज करें।
- अगर किसी से मांस बाँटना है तो पहले फोन कर के पक्की व्यवस्था कर लें।
- पशु कल्याण का ध्यान रखें: जानवरों के साथ क्रूर व्यवहार न करें।
ईद-अल-अधा एक मौका है साझा करने का—दोस्ती, रिश्तों और जरूरतमंदों के लिए। शांत मन से योजना बनाइए, भरोसेमंद रास्ता चुनिए और त्योहार को सुरक्षित व सुकून भरा बनाइए। ईद मुबारक!