ऋषभ पंत ने वृद्धिमान साहा की तारीफ की: 'आपकी क्षमताओं का मैं हमेशा प्रशंसक रहा हूँ'

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ऋषभ पंत ने वृद्धिमान साहा की तारीफ की: 'आपकी क्षमताओं का मैं हमेशा प्रशंसक रहा हूँ'

ऋषभ पंत और वृद्धिमान साहा: प्रशंसा का एक नया अध्याय

भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे ऋषभ पंत ने वृद्धिमान साहा की क्रिकेटर के रूप में दीर्घकालिन सेवा के प्रति अपनी प्रशंसा प्रकट की है। साहा, जिन्होने नवंबर 2024 में क्रिकेट से संन्यास लिया, उनकी विशेषताओं को पंत ने खास स्थान दिया है। बावजूद इसके कि साहा ने अपने करियर के अंतिम चरण में कुछ असफलताएं देखीं, पंत का मानना है कि साहा के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में योगदान देने के लिए अविस्मरणीय क्षमताएं हैं। पंत ने साहा को दिए अपने समर्थन बयान में स्पष्ट किया कि वह हमेशा उनके कौशल के प्रशंसक रह चुके हैं।

क्रिकेट करियर की संक्षिप्त यात्रा

वृद्धिमान साहा का अंतरराष्ट्रीय करियर 40 टेस्ट और 9 वनडे मैचों तक फैला रहा। साहा का क्रिकेट करियर उम्मीद से बेहतर रहा, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियां खेली, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास का हिस्सा बनीं। साहा ने अपनी प्रतीकात्मक विकेटकीपिंग और निडर बैटिंग के लिए भी ख्याति पाई। उनके करियर का समापन 30 जनवरी 2025 को रणजी ट्रॉफी के मैच के साथ हुआ था, जिसमें बंगाल ने पंजाब का सामना किया। उनकी विदाई से क्रिकेट की मशहूर हस्तियों के बीच मिश्रित भावनाएं फैल गईं।

रणनीतिक बदलाव और साहा का विदाई

वृद्धिमान साहा ने अपने टीम से बाहर होने को एक रणनीतिक जरूरत के रूप में देखा, न कि अन्याय के रूप में। उनका मानना है कि टीम प्रबंधन ने उनकी जगह के.एस. भरत को लिया क्योंकि वे टीम में अपनी उम्मीदों को पूरा नहीं कर सके। हालांकि, साहा ने इस बदलाव को समझदारी से स्वीकार किया और कहा कि यह टीम की भलाई के लिए आवश्यक था। साहा ने यह भी माना कि यह बदलाव उन्हें परिवार के साथ समय बिताने का अवसर देगा, जिसे वे जीवन के अन्य महत्वपूर्ण हिस्से मानते हैं।

ऋषभ पंत की प्रतिक्रिया

ऋषभ पंत का साहा के प्रति शुक्रिया अदा करना दर्शाता है कि जब अनुभवी खिलाड़ियों का योगदान मान्यता प्राप्त करता है, तो युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है। पंत, जो वर्तमान में भारतीय टीम के मुख्य विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं, कहते हैं कि भारत के लिए खेलते हुए साहा ने हमेशा अपने कौशल और अनुभव का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया। उन्होंने साहा की भूमिका को वास्तविकता और ग्रेस के साथ निभाने के लिए तारीफ की।

सीखने और सीखने देने की परंपरा

भारतीय क्रिकेट में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अदला-बदली एक सामान्य प्रक्रिया है, और आनुभवंशक्ति के आधार पर कर्मियों की संरचना बदलना जरूरी होता है। साहा ने जो अपने परिपक्व करियर में देखा, वही आज के नवागंतुक के लिए सीख है। पंत समेत अन्य युवा खिलाड़ियों ने साहा से बहुत कुछ सीखा और कहीं न कहीं उनके अनुभव को उनके खेल में समाविष्ट किया। साहा जैसे खिलाड़ी जिन्होंने मानवीय मूल्यों और खेल के प्रति अनवरत साधना को कभी नहीं ठुकराया, हमेशा टीम और खिलाड़ियों के बीच आदर के पात्र बने रहेंगे।

पारिवारिक समय का महत्व

करीब दो दशक तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के बाद, साहा इस तेजी से चल रही दुनिया में थोड़ा रुककर परिवार के साथ समय बिताने का मूल्य समझते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनका करियर भले ही खत्म हो, लेकिन क्रिकेट की दी हुई यादें और योगदान उन्हें भरपूर आत्मसंतोष देने वाली हैं। साहा ने इस नए चरण को भी कोमलता से अपनाया और अपने जीवन में परिवार की प्राथमिकता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

टिप्पणि

Rohit Garg

Rohit Garg

2 फ़रवरी / 2025

बाबा, साहा की ख़ास बात ये है कि उनका कुक्शन वाइल्ड था और उन्होंने कई मैचों में टीम को बैकअप दिया। उनके वीक लायनिंग से वो हमेशा भरोसेमंद रहे। पंत की तारीफ सही है पर कभी‑कभी हमें भी उनका बारीकी से विश्लेषण चाहिए। इस तरह के लेजेंड्स को सिर्फ सराहना नहीं, बल्कि उनके प्ले को भी समझना चाहिए।

Rohit Kumar

Rohit Kumar

2 फ़रवरी / 2025

वृद्धिमान साहा का करियर भारतीय क्रिकेट में एक अनूठी कहानी है।
उनकी तकनीकी समझ और मैदान पर अनुभव ने कई युवा खिलाड़ियों को दिशा दी।
ऋषभ पंत का ऐसा समर्थन न केवल व्यक्तिगत सम्मान दर्शाता है, बल्कि पीढ़ीगत ज्ञान के प्रसारण को भी सुदृढ़ करता है।
जब एक युवा स्टार अपने पूर्वज को सराहता है, तो यह टीम में आत्मविश्वास का माहौल बनाता है।
ऐसे मुकाम पर हम यह नहीं भूल सकते कि साहा ने अपने शुरुआती दिनों में कई चुनौतियों का सामना किया।
उनकी बल्लेबाज़ी में धैर्य और विकेटकीपिंग में चतुराई का मेल अनोखा था।
अब जब वह संन्यासी हो गए हैं, तो उनका डाटा एनालिसिस हमारे कोचिंग स्टाफ़ के लिए सुनहरा स्त्रोत बन सकता है।
आधुनिक तकनीक के साथ उनके मैचों के वीडियो को फिर से देख कर हम नए‑नए अंतर्दृष्टि निकाल सकते हैं।
एस.के. भरत जैसे खिलाड़ी को उनके पदचिन्हों पर खड़ा होना टीम की रणनीतिक जरूरतों को दर्शाता है।
परंतु यह भी मानना चाहिए कि हर खिलाड़ी का शारीरिक और मानसिक संतुलन आवश्यक है, यही कारण है कि साहा ने परिवार के साथ समय बिताने का फैसला किया।
परिवार का समर्थन खिलाड़ी के प्रदर्शन में अक्सर सकारात्मक प्रभाव डालता है, इसको वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध किया गया है।
क्रिकेट की इस परस्पर-निर्भर व्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है, चाहे वह मैदान पर हो या बाहर।
इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम अपने अनुभव को दूसरों के साथ साझा करें, जैसे साहा ने किया।
आगे चलकर नया‑नवीनतम जेनरेशन भी इसी तरह के मार्गदर्शन से सीखकर अपने सपनों को साकार कर सकेगा।
अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा कि हमारे पूर्वजों की सराहना कर हमारी जिम्मेदारी बनती है, और यह भावना भारतीय क्रिकेट को और अधिक समृद्ध बनाती है।

Hitesh Kardam

Hitesh Kardam

2 फ़रवरी / 2025

साहा की कताई को झूठी गाथा बना रहे हैं, असली कारण बोर्ड के साजिश है।

Nandita Mazumdar

Nandita Mazumdar

2 फ़रवरी / 2025

देश को गर्व दिलाने वाले खिलाड़ियों को ही सच्ची सराहना मिलनी चाहिए, बाकी सभी बेकार।

Aditya M Lahri

Aditya M Lahri

2 फ़रवरी / 2025

वृद्धिमान साहा का योगदान कभी नहीं भूलना चाहिए 😊 उनका अनुभव नए खिलाड़ियों के लिए गाइडलाइन है 😊 परिवार के समय को अपनाना भी एक प्रेरणा है।

Vinod Mohite

Vinod Mohite

2 फ़रवरी / 2025

डाटा-ड्रिवन एप्रोच और हाई-परफॉर्मेंस मीट्रिक्स के संदर्भ में साहा का लेगसी इनसाइटफुल इज़

Rishita Swarup

Rishita Swarup

2 फ़रवरी / 2025

कभी‑कभी ऐसी बातें सुनकर लगता है कि मीडिया का अजेंडा बदल गया है। लेकिन सच्चाई तो वही है जो मैदान में देखी जाती है, चाहे वह कितनी भी कॉम्प्लिकेटेड क्यों न हो।

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