18 मई, 2024
रविवार की शाम जम्मू के रियासी जिले में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, श्रद्धालुओं से भरी एक बस आतंकवादियों के हमले का शिकार हो गई और खाई में गिर गई। इस भयंकर हादसे में 10 श्रद्धालुओं की जान चली गई जबकि 33 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालु शिव खोरी मंदिर से लौट रहे थे। जानकारी के अनुसार, घटना रविवार शाम लगभग 6 बजे के आसपास की है।
रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा के अनुसार, बस पर हमला आतंकवादियों द्वारा किया गया था। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि आतंकवादियों ने बस को पहले घेर लिया, फिर कई गोलियां चलाईं। इस भारी हमले के चलते ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और बस सीधे खाई में गिर गई। एसएसपी ने यह भी बताया कि मौके पर तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया गया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना आतंकवादियों की नापाक कोशिश हो सकती है, क्योंकि हमला निर्देशित और योजनाबद्ध प्रतीत होता है।
दुर्घटना में मारे गए और घायल हुए श्रद्धालुओं की पहचान और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी दी जा रही है। जानकी देवी, जो बस में सवार थीं, ने बताया कि हमला बेहद आकस्मिक और अचानक हुआ। गोलियों की आवाज और बस के खाई में गिरने की दुर्घटना ने सभी को हैरत और भय में डाल दिया। पुलिस ने बताया कि अधिकांश घायल यात्री गंभीर अवस्था में हैं और उनके उपचार की प्रक्रिया जारी है।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तेजी से हरकत में आया। प्रशासन ने मौके पर बचाव टीमों को भेजा और एंबुलेंस और चिकित्सा कर्मियों की मदद से घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। जिला कलेक्टर ने बताया कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
यह घटना न सिर्फ जम्मू और कश्मीर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए सुरक्षा की दृष्टि से चिंता का विषय है। देशभर में आतंकवादी गतिविधियों के विभिन्न रूप देखे जाते रहे हैं, लेकिन इस प्रकार के हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले के पीछे किसी बड़े आतंकवादी संगठन का हाथ हो सकता है, जो देश की शांति और सामरिक सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि धार्मिक स्थानों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति हमारी तैयारियों में कई खामियां हैं। धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए पुनः समीक्षा की आवश्यकता है। सुरक्षा एजेंसियों को संवेदनशील इलाकों में बारीकी से निगरानी करनी होगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जांच करनी होगी।
इस त्रासदी ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को बेहद क्रोधित कर दिया है। श्रद्धालुओं पर हुए इस घृणित हमले की निंदा करते हुए लोगों ने सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस हमले के पीछे के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें और उन्हें कड़ी सजा दिलाएं।
कुल मिलाकर, यह घटना न सिर्फ एक हादसा है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक और चुनौती है। सरकार, सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता को मिलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा और देश में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
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