भारत में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट: जानिए नए दाम

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भारत में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट: जानिए नए दाम

भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट

24 मई, 2024 का दिन भारतीय बाजार के लिए खास रहा जब सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई। सोने की कीमत ₹74,367 प्रति 10 ग्राम से गिरकर ₹71,500 प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी की कीमत ₹95,267 प्रति किलोग्राम के अपने इतिहासिक उच्चतम दर से गिरकर ₹90,910 प्रति किलोग्राम हो गई। इस गिरावट ने न केवल निवेशकों को चौंका दिया, बल्कि आम जनता के बीच भी एक चर्चा का विषय बन गया।

चार दिनों में कीमतों में बड़ी गिरावट

पिछले चार दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखी गई। 20 मई, 2024 को रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद, इन कीमती धातुओं की कीमतों में धीरे-धीरे कमी आई। सोना ₹2,841 प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया जबकि चांदी ₹4,222 प्रति किलोग्राम सस्ती हो गई। यह कमी इन धातुओं के बढ़ते दामों के मध्य देखने को मिली, जिससे बाजार में एक नई हलचल मच गई।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का डेटा

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का डेटा

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को सोना ₹71,526 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹91,045 प्रति किलोग्राम के भाव पर व्यापार कर रहे थे। इन आंकड़ों को देखकर निवेशकों को यह महसूस हो सकता है कि यह निवेश करने का सही समय है। सोने और चांदी की कीमतों में आई इस गिरावट ने निवेशकों के साथ-साथ आम जनता को भी अपनी ओर आकर्षित किया है।

गिरावट के पीछे के कारण

सोने और चांदी की कीमतों में इस गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इन धातुओं की मांग और आपूर्ति में बदलाव, अमेरिकी डॉलर की मजबूती, और ब्याज दरों में वृद्धि जैसे कई कारण हो सकते हैं। निवेशकों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये धातुएं मौजूदा आर्थिक स्थिति से काफी प्रभावित होती हैं, और इसलिए इनके दामों में उतार-चढ़ाव होता रहता है।

निवेश का यह सही समय?

निवेश का यह सही समय?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी में आई इस गिरावट को निवेश का एक अच्छा मौका माना जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में इन धातुओं के दाम बढ़ने के बाद, अब यह गिरावट एक नए निवेश के लिए अवसर प्रदान कर सकती है। सोना और चांदी हर किसी के पोर्टफोलियो में एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, और यह गिरावट निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने का मौका दे सकती है।

नुकसान उठाने वाले निवेशक

वर्तमान गिरावट का खामियाजा उन निवेशकों को उठाना पड़ा है जिन्होंने हाल ही में ऊंचे दामों पर सोना और चांदी खरीदा था। इनकी खरीदारी के कुछ दिनों बाद ही बाजार के गिरते दामों ने इनकी मूल्य में कटौती कर दी। ऐसे निवेशकों के लिए नुकसान का सामना मुश्किल हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोचने पर यह अभी भी लाभकारी हो सकता है।

आगे का रास्ता

आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतें कैसी रहेंगी, यह बिल्कुल बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों की राय है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और इन धातुओं की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। इसलिए, निवेशकों को सोच-समझकर और बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए।

टिप्पणि

Akshay Gore

Akshay Gore

25 मई / 2024

भाई, सॉना गिरना तो ठीक है, पर चाँदी की भी तो गिरावट है, फिर भी किमती नहीं है।

Sanjay Kumar

Sanjay Kumar

25 मई / 2024

निवेश का मौका 🙌, लेकिन सही रिस्क मैनेजमेंट रखें।

adarsh pandey

adarsh pandey

25 मई / 2024

धन्यवाद, लेख में बताई गई वजहें आर्थिक संकेतकों से मेल खाती हैं, इसलिए सावधानीपूर्वक कदम उठाना उचित रहेगा।

swapnil chamoli

swapnil chamoli

25 मई / 2024

लगता है इस गिरावट के पीछे सिर्फ़ मार्केट साइकिल नहीं, बल्कि कुछ बड़े फ़िनैंशियल ग्रुप्स की छिपी हुई रणनीति भी हो सकती है। उनके पास नकद प्रवाह को नियंत्रित करने की शक्ति है, जिससे आभासी धातुओं की कीमतें हेर-फेर हो सकती हैं। यह देखते हुए, सामान्य निवेशकों को जागरूक रहना चाहिए और आधिकारिक आँकड़ों पर ही भरोसा करना चाहिए।

manish prajapati

manish prajapati

25 मई / 2024

वाह! सोने‑चांदी की कीमतें गिरने से बहुत लोगों के मन में आशा की नई लहर उठी है। अगर सही समय पर खरीदा जाये तो यह बड़ी बचत बन सकती है। पर मार्केट हमेशा अस्थिर रहता है, इसलिए अपने पोर्टफ़ोलियो का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। चलो, मिलकर सीखते हैं और समझदारी से कदम बढ़ाते हैं!

Rohit Garg

Rohit Garg

25 मई / 2024

देखो यार, सोना और चांदी का इतिहास खुद एक दायम्य कहानी है-कभी ध्वज उठे तो कभी गिरावट देखी। MCX के डेटा के हिसाब से अभी कीमतें थोड़ा अंडरवैल्यूड लग रही हैं, इसलिए सोच‑विचार करके एंट्री लेना मुफीद रहेगा। लेकिन याद रखो, भारी गिरावट के साथ ही हड़बड़ में बाय करना भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए मैं कहूँगा कि अपनी रिस्क प्रोफ़ाइल समझ कर धीरे‑धीरे निवेश करो। मार्केट के ट्रेंड्स को ट्रैक करते रहो, तभी जीत पक्की है।

Rohit Kumar

Rohit Kumar

25 मई / 2024

आदरणीय मित्र, आपके विश्लेषण को पढ़कर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। वास्तव में सोने‑चांदी का मूल्य मंदी में वापसी का संकेत दे सकता है। परन्तु इस आर्थिक माहौल में कई कारक एक साथ कार्यरत होते हैं। पहला, वैश्विक मुद्रा नीतियों में परिवर्तन, विशेषकर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की दर वृद्धि। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अस्थिरता, जो धातु की मांग पर असर डालती है। तीसरा, भारतीय अर्थव्यवस्था में मौद्रिक आपूर्ति का स्तर, जो स्थानीय कीमतों को प्रभावित करता है। इन सभी तत्वों को सामूहिक रूप से विश्लेषण करना आवश्यक है, न कि केवल कीमतों के सतही गिरावट को देखना। उदाहरण के तौर पर, यदि डॉलरीकरण मजबूत होता है, तो सोने की कीमतें प्राकृतिक रूप से दबाव झेलती हैं। इसी प्रकार, वर्ल्ड बैंकों की मौद्रिक सारिणी में बदलाव भी धातुओं के निवेश आकर्षण को घटा सकता है। इसलिए, निवेशक को चाहिए कि वह केवल वर्तमान गिरावट पर ही निर्भर न रहे, बल्कि भविष्य के संभावित उतार‑चढ़ावों को भी ध्यान में रखे। लंबी अवधि के द्रष्टिकोण से देखा जाए तो, मुस्कुराते हुए चलना ही बेहतर होता है। यदि आप एक विविधीकृत पोर्टफोलियो रखते हैं, तो सोने‑चांदी के अस्थायी पतन से आप सुरक्षित रहेंगे। साथ ही, उचित स्टॉप‑लॉस और लक्ष्य मूल्य निर्धारित करना जोखिम प्रबंधन में मददगार सिद्ध होगा। आखिरकार, किसी भी वित्तीय निर्णय में सतर्कता और धैर्य दो प्रमुख स्तंभ होते हैं। आपके जैसे जानकार मित्रों की राय को सुनकर हमें स्पष्टता मिलती है, और यह निवेश यात्रा को और सुदृढ़ बनाता है। अतः, मैं प्रस्ताव रखता हूँ कि हम सभी मिलकर इस विषय पर एक विस्तृत चर्चा आयोजित करें, ताकि कई दृृष्टिकोणों का समावेश हो सके।

Hitesh Kardam

Hitesh Kardam

25 मई / 2024

देश के बाहर की बड़ी फंड्स इस गिरावट को अपने फायदे के लिये चला रही हैं, हमें अपना पैसा सुरक्षित रखकर भारतीय सूरत को बचाना चाहिए।

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